Apni Dukan

Wednesday 23 March 2016

जानिये कैसे होगा भारत में जल्द होगा जातिय गृह युद्ध: नहीं रहेगा नामो निशां भगवा आतंकवाद का

जन उदय : दुनिया के देश मिश्र ,लीबिया , यूगांडा , रवांडा ,अफगानिस्तान इरान , ईराक और भी बहुत देश है जो गृह युद्ध के चपेट में रहे है ,और है कारण भेदभाव और दमनकारी निति सरकार ने इनके जबाने काटने तक की कोशिस की लेकिन जनता आखिर जनता है उसकी आवाज ही खुदा का फरमान होता है , शायद ये बात संघ और उसके घटक दलों को समझ नहीं आ रही है

इसलिए ये सत्ता के प्राप्ति से ही समझ रहे है की ये देश इनके जूते के निचे आ गया है और जो ये कहंगे ,  सबको मानना  होगा जो ये करेंगे सबको  करना होगा .

भारत में सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई कोई नई  नहीं है समाज में फैले भेदभाव के खिलाफ अनेक संत सूफी समाज सुधारको ने आवाज उठाई लेकिन सभी लोग समाज में फैला जातिवाद और उस पर आधरित भेदभाव खत्म नहीं हुआ  , ये भेदभाव अगर सिर्फ भेदभाव की हद तक रहता तो इतना फर्क नहीं पड़ता  लेकिन ये जातिय भेदभाव ब्राह्मणों द्वारा फैलाया गया और इसको कायम रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है , इसके लिए कत्ल , दमनकारी नीतिया तक बनी है, जातिवाद में सिर्फ जाति के आधार पर भारत  के मूलनिवासियो को जानवर की तरह समझा जाता है और इनको मूल बेसिक अधिकार तक मना कर दिए गए है या छीन  लिए जाते है

भारत में गृह युद्ध की  वजह सिर्फ जातिवाद ही नहीं है कश्मीर , असाम, मणिपुर , पंजाब , तेलंगाना , आदिवासी समस्या देश के  राजनैतिक  तापमान को हमेशा उंचा  बनाय रखते है
इसके अलावा सम्प्रद्यिक दंगे मंदिर मस्जिद के दंगे गोमांस के दंगे तो बहुत आम बात हो गई है जब से संघियो की सरकार आई है , इसके अलावा रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या , जे एन यु का मसला और  आये दिन दलित बस्तिओ को आग लगाना , उनकी हत्याय , दलित महिलाओं के बलात्कार  इतनी मात्रा में हो रहे है की बात अब बर्दास्त से बाहर हो रही है सबसे बड़ी कमाल की बात यह है की जो भी दलित अपने उपर हुए अपराध के खिलाफ आवाज  उठा रहा है  उसे देशद्रोह के आरोप में जेलमे ठुंसा  जा रहा है . कमाल की बात यह है की पुलिस ,प्रशासन न्यायपलिका सब संघियो के पक्ष में चल  रहा है .


हालात बदल रहे है दलितों में मुसलमानों में रोष बढ़ता जा रहा है , और यह रोष अब धीरे धीरे इतना बढ़  रहा है की ये बहुत जल्द ही एक जातिय  गृह  युद्ध के चपेट में आ जाएगा  और इस गृह युद्ध से देश का भविष्य तय होगा    इतना तय है की इस देश से भगवा आतंकवाद का  बिलकुल सफाया हो जाएगा 

भगवा आतंक सर चड कर बोल रहा है : पुणे में भी फसाया दलित छात्रो को देशद्रोह के आरोप में

ताजा खबर पेशवाई के शहर पुणे से, जो भीमा कोरेगांव की भी जमीन है .

पुणे के फर्गुशन कॉलेज के प्रिंसिपल ने वहां के आंबेडकरवादी और वामपंथी छात्रों पर देशद्रोही होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को पुलिस में केस दर्ज किया. इन छात्रों ने बिना परमिशन हो रहे ABVP के एक कार्यक्रम का विरोध किया था.
आज वह केस वापस ले लिया गया.


अगर वह मुकदमा दर्ज हो गया होता, तो पहली बार बाबा साहेब के एक वंशज यानी उनके ग्रैंडसन सुजात आंबेडकर पर ऐसा केस चलता. वह भी तब जबकि ABVP ने बयान दिया था कि कार्यक्रम परमिशन के बिना किया गया था और विरोध करने वालों ने कोई आपत्तिजनक नारा नहीं लगाया था.

महाराष्ट्र सरकार ने अब प्रिंसिपल से जवाब मांगा है. प्रिंसिपल परदेसी जी का कहना है कि "टाइपिंग में गलती" हो गई थी.
कई संगठनों ने इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया है.

दिलीप मंडल की फेसबुक वाल से

रोहित वेमुला संस्थानिक हत्या ::: ए बी वी पी और संघ ने फिर रचा हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में षड्यंत्र : की वी सी ऑफिस में तोड़ फोड़ इल्जाम दलित छात्रो पर

जन उदय : खबर  आ रही है की कन्हिया कुमार के  हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जाने पर और रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या के खिलाफ पदर्शन को दबाने के लिए फिर से एक बार ए बी वी पी  और संघ ने  हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में षड्यंत्र रच दिया है

यह ज्ञात रहे की छात्र रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या और दोषीओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे है , जिसमे वाईस चांसलर अप्पाराव का इस्तीफा / निष्काशन शामिल है

रोहित वेमुला की हत्या के बाद से ही अप्पाराव को छुट्टी पर भेज दिया गया था  जिसके कारण सभी छात्र नाराज थे क्योकि छात्र अप्पाराव का निष्काशन चाहते है , लेकिन सरकार  ने न तो नया दिया रोहित वेमुला को और न ही उनकी कोई मांग मानी बल्कि अप्पाराव को दुबारा ड्यूटी पर बुला लिया  जिसके विरोध में छात्रो ने शांतिपूर्ण विरोध शुरू कर दिया

यह भी देखने वाली बात है की वी सी  ने कैंपस को छावनी में  तब्दील कर दिया है और छात्रो की हर सुविधा को खत्म कर दिया है जैसे बिजली , पानी ,  व्वाई फाई इत्यादि

इसके अलावा ३६ छात्रो को नजरबंद कर कहा भेज दिया गया है यह भी पता नहीं , छात्रो के बारे में पूछे  जाने पर पुलिस मना  कर रही है की छात्र का इनको नहीं मालूम ,

बताया   जा रहा है की वी सी ऑफिस को खुद ए बी वी पी छात्रो ने  तोड़ फोड़ दिया है  और इसका इल्जाम पदर्शन कारी  छात्रो पर लगाया गया है , इस तरह के षड्यंत्र  संघ  के लिए कोई नई बता नहीं है  जे एन यु षड्यंत्र  तो अभी भी जिन्दा है

यूनिवर्सिटी में हालात   इमरजेंसी की तरह हो गए है  ऐसा लगता है इस बार फिर दो चार दलित छात्रो की हत्या होगी 


ब्राह्मणवाद को यूं ही दुनिया की सबसे हिंसक, मानवद्रोही और क्रूर विचारधारा नहीं कहा जाता है.: हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में असवेंधानिक इमरजेंसी लगी

 ब्राह्मणवाद को यूं ही दुनिया की सबसे हिंसक, मानवद्रोही और क्रूर विचारधारा नहीं कहा जाता है.:
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में असवेंधानिक इमरजेंसी लगी

जन उदय  न्याय के लिए आवाज क्या उठाई  संघ सरकार ने हर तरफ बर्बादी का मंजर बना दिया है
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 24 घंटे से बिजली बंद. पानी बंद, खाना बंद, ATM बंद. इंटरनेट बंद. बड़ी संख्या में गिरफ्तारी, लाठीचार्ज. छात्रों को झुकने के लिए मजबूर करने के वास्ते वह सब किया जा रहा है, जो युद्धरत सेनाएं भी नहीं करतीं.

यह भी ज्ञात हुआ है की पुलिस ने ३६ छात्रो को गैर कानूनी तरीके  से नजरबंद  आर दिया है जिसका जवाब जब जन उदय के सम्पादक  ने हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर से जानना   चाहा  तो जवाब नहीं दिया गया


ये बात गोर तलब है की रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या जो संघ सरकार ने प्रशासन के जरिये करवाई , इसने इस मामले को दबाने के लिए सिम्रिति इरानी ने संसद में दुनिया भर के झूट बोले वो भी एकदम फ़िल्मी स्टाइल में इसे बाद जे एन यु में  एक विवाद कराया गया जहा पर देशद्रोह के नारे लगे , ,अनेक छात्रो को जेल में दाल दिया गया , लेकिन बाद में हकीकत सामने आ गई की देशद्रोह के नारे खुद संघी छात्रो ने  लगाए थे

हम यह सब, वोट देते समय याद रखेंगे.
आखिरी बार, बीजेपी सरकार!
लोकतंत्र की चक्की है. समय लगता है पर पिसाई बहुत महीन होती है.
समझ रहे हो संघियों.
दूसरी तस्वीर में हैदराबाद में दमन के खिलाफ आज दिल्ली में मनुस्मृति ईरानी के दफ्तर पर प्रदर्शन.

लाशो की सडांध मार रही है मोदी सरकार : इसे साफ़ करो

लाशो की सडांध मार रही है मोदी सरकार : इसे साफ़ करो
जन उदय : इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की  मोदी सरकार के आते ही बहुत से लोगो में ये आशा बंध गई थी की अब कुछ नया होगा  बेरोजगारी कम होगी , महंगाई कम होगी , और सुशासन  कम होगा

आते के साथ ही मोदी ने  नई नई योजनाये  लागू की , लेकिन विश्लेष्ण से यही पता  चला की ये पिछली सरकार की ही योजनाये  थी , यानी नई बोतल में पुरानी शराब , मोदी ने दुनिया भर की सैर भी की  जिस मीडिया  संस्थाओं ने मोदी  के चमचो से पैसे खाए  हुए थे , उन्होंने  हर संभव प्रयास किया की मोदी को कुछ अलग करके दिखाया जाए
सबने ये भी कहा की आते के साथ ही कोई भी कुछ नहीं कर सकता इसलिए मोदी को थोडा  समय  दिया जाए ,

लेकिन धीरे धीरे जनता का सब्र टूटने लगा और फिर महंगाई कम करने की बेरोजगारी कम करने की मांग करने लगे

लेकिन महंगाई कम होने की बजाय और बढ़ने लगी  मोदी सरकार हर  समस्या को कम करने और खत्म करने में नाकाम रही , दिल्ली की हार ने भाजपा और संघ को थोडा सा चेताया   लेकिन मोदी और भाजपा अपना संघ पापा के साथ जीत के नशे में चूर  रहे  सो परिणाम इनके सामने रहा
समस्या को दूर तो नहीं किया हाँ  दंगे करवाए गए जैसा की इनकी पुरानी आदत है , गोमांस के नाम पर हत्याए हुई , रोहति वेमुला की संस्थानिक  हत्या हुई  बावजूद इसके की पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हुई है  मोदी सरकार अब तक रोहित वेमुला को न्याय नहीं देना चाहती बल्कि उल्टा  हैदराबाद  में छात्रो पर दुबारा लाठी चार्ज  हुआ है कई छात्र घायल हुए है , इसके बाद रोहित की मौत के मामले को दबाने के लिए जे एन यु का षड्यंत्र रचा गया   ये  षड्यंत्र ऐसा है की ऐसा पूरी दुनिया में कही नहीं हुई जबकि सरकार ने अपनी पूरी ताकत एक यूनिवर्सिटी को बंद करने , उसे बदनाम करने  और बर्बाद करने  में लगा दी है


इसके बाद अम्बेडकर के नाम पर मोदी मगरमछ के आंसू बहाते नजर आये  जिसमे मोदी ने कहा की आरक्षण को खरोच तक नहीं आएगी  लेकिन लेकिन संसद में आरक्षण के बिल को खुद ही रोका हुआ है  जिसमे नौकरी में प्रमोशन की बात है

और अब दुबारा से हैदराबाद में लाठी चार्ज करवाया जा रहा है , जे एन यु कन्हीय्या के  हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी पहुचते ही यूनिवर्सिटी को बंद करवा दिया गया

ये बात समझ से एकदम परे है की  पुरे देश दुनिया के विरोध के बावजूद संघ , मनुसिमृति इरानी आखिर क्यों दोषी छात्रो और वाईस  चांसलर को बचाना  चाहते है
बिहार यु पी हर जगह दलित बस्तिओ में आग लगाईं जा रही है ताकि दलितों को डराया  धमकाया  जा सके

ये सब वारदाते  मोदी सरकार की गन्दी नीतिओ और मानसिकता के कारण हो रही है  और अब इसमें से सड़ांध आ रही है  इसका एक ही निर्मूलन  है वह है संघ भाजपा मोदी सरकार का देश से सफाया  

मोदी राज बन रहा है जंगल राज , जबान काट रहे है पत्रकारों की

जन उदय : रोहित वेमुला  की संस्थानिक हत्या , गोमांस के नाम पर कत्ल  , जे एन यु षड्यंत्र  और भारत माता  की जय  आय दिन  देश में अशांति का  माहोल बना हुआ है ,  गरीबो की बस्तिया  जलाई जा रही है  ऐसा ल्ग्यता है देश में जंगल राज आ गया है

इंडियन एक्सप्रेस अखबार की खबर के अनुसार  ऐसे पत्रकारों को दबाया  जा रहा है या प्रताड़ित किया जा रहा है जो सरकार के खिलाफ बोलते है  या आदिवासिओ के पक्ष में बोलते है
खबर आ रही है की दांतेवाडा में प्रभात सिंह नाम के पत्रकार को सिर्फ इसलिए जेल में दाल दिया गया है क्योकि उसने एक बड़े पुलिस अफसर के खिलाफ एक मेसेज अपने वह्ट्स अप ग्रुप में भेज दिया था की यहाँ पर पत्रकारों की सुरक्षा नहीं है केवल वही पत्रकार सुरक्षित है जिन्हें बड़े आकाओं का समर्थन प्राप्त है

पत्रकार को  रिमांड पर भी लिया गया है ,   और पूछताछ  जारी है  इसके अलावा  संतोष यादव और सोमारू  नाग  नाम के दो और पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया गया है , इन पर इल्जाम है की  इन्होने नक्सल की मदद की है

ये गिरफ्तारियो छातीश्गढ़  मध्य प्रदेश में कोई नहीं नहीं है  बल्कि इस तरह की झूटी गिरफ्तारी  आम बात है , हाल ही में एक रिपोर्ट भी आई है छातिश्गढ़ और मध्य प्रदेश में किस तरह आदिवासिओ की हत्या , बलात्कार करते है .. 


इसके अलावा यह भी एक बात पत्रकारों  को ध्यान रखनी  होगी की वो अपने सीमा न लांघे  लेकिन सच के लिखने के लिए घबराए  नहीं