Apni Dukan

Tuesday 14 February 2017

जानिये क्यों धर्म एक भयानक समस्या है ?? , ये प्यार नहीं नफरत सिखाता है


जन उदय :  मानव इतिहास गवाह है  कि  धर्म के  नाम पर जितने कत्ल हुए उतने सत्ता के लिए लड़े गए  युद्ध में नहीं हुए  लोग कहते है धर्म मानवता सिखाता है प्यार सिखाता है , मेलजोल  सिखाता है  और इन्ही बातो के आधार पर अपने आपको सबसे सर्वोतम होने का दावा करते है या उसके मानने वाले ऐसा दावा  करते है
धर्म के नाम पर लड़े गए युद्ध इतिहास के काले पन्ने  है लेकिन बावजूद इसके कुछ लोग यह कह कर अपने अपने धर्म का प्रचार करते है कि उनके धर्म को गलत समझा गया है और जो लोग धर्म का नाम ले कत्ल करते है वो मुर्ख है  नासमझ  है या धर्म को जानते नहीं है , मानते जरूर है इसीलिए ये सब होता है
धर्म के नाम पर भारत में जितने साम्राद्यिक दंगे हुए है पूरी दुनिया इतने दंगे नहीं हुए है मंदिर मस्जिद के झगड़े , गुजरात दंगे , माले गाव बम ब्लास्ट , समझोता एक्सप्रेस  ब्लास्ट , आर एस एस के द्वारा हमेशा देश में तनाव पैदा किये रहना  उधर मुस्लिम युवा धर्म के नाम पर कत्ल करते है   लेकिन बावजूद इसके इनके  इन धर्मो के महंत अपने अपने धर्म को महान बताते है . अपने अपने भागवानो को सवर शक्तिमान बताते है  सबसे बड़ा  दयालु  बताते है , और अपने धर्म को सबसे जयादा सुसंस्कृत  बताते  है यानी मानवता के हित  के लिए भगवान् द्वारा भेजा गया अंतिम पैगाम  बताते  है

अब अगर इन धर्म के ठेकेदारो से ये पूछा  जाए  की क्या आपके धर्म में लोग बीमार नहीं पढ़ते है ?? क्या आपके धर्म के लोग आपस में लड़ते  नहीं है ?? क्या आपके धर्म के लोग सभी लोग आपस में भाई  चारा  प्रेम से रहते है ?? क्या आपके धर्म के लोग बुडे  नहीं होते , एक दुसरे को गाली नहीं देते  क्या आपके धर्म के लोग सबी लोग सम्पन्न  है ?? क्या आपके धर्म के  सभी लोग  अमीर है पड़े  लिखे है ???   नहीं नहीं शायद बिलकुल नहीं  इसाई , मुसलमान , आर्य  ब्राह्मण , भारत के मूल निवासी  हिन्दू    सभी  जगह   गरीबी  बेरोजगारी , अंधविश्वास  , बीमार लोग , आपस में लड़ने  मरने वाले  मौजूद है  बल्कि इस हद तक की अपने स्वार्थ के लिए माँ बेटे को मार देती है भाई , बहन को मार देता है पिता पुत्र को मार देता है और पुत्र पिता  का कत्ल  करता है
तो इसमें धर्म  ने क्या किया ??? आपके  भगवान् ने क्या किया ??? कुछ नहीं ...कुछ नहीं किया भगवान ने वो भी इसलिए क्योकि वो कुछ करने लायक ही नहीं है


अब एक बात हमको समझने की जरूरत है कि  भगवान् की  जरूरत ही किया है ?? या भगवान् को मनाया किसने ?? क्या ऐसा हो सकता है की  सर्वशक्तिमान  भगवान् केरल में जा कर कुछ और  संदेश दे कर आये   और दिल्ली में कुछ और ?? या इरान में कुछ  और कहे  स्पेन में अलग और चीन में अलग ?? यानी सबको  अलग अलग संदेश ??   मेरे ख्याल में भगावन ने ऐसा बिलकुल नहीं किया बल्कि जो लोग  धर्म के ठेकेदार है उन लोगो ने अपनी जरूरत अनुसार  ,सामाजिक समानता और एकरूपता  के लिए बना दिया और  आम आदमी के डर  का इस्तेमाल कर सके यानी आदमी  को मानसिक  रूप से गुलाम  बना सके 
अब चलिए देखते है कि धर्म के के तत्व  क्या है यानी धर्म की विशेषताए क्या है

१.       हर धर्म में एक अवतार है , यानी भगवान् के संदेश लेकर  अवतार लोग आते है
२.       धर्म का एक रंग है , यानी हर धर्म  का एक रंग है जैसे भारत के मूलनिवासियो  / हिन्दुओ का नीला , आर्य ब्राह्मणों  का भगवा  इस्लाम का हरा ,

३.       चमत्कार  हर धर्म में भगवान् चमत्कार करता है और भक्तो के कष्ट हरता  है
४.       पूजा पद्धति  , हर धर्म की पूजा पद्धति  अलग  अलग है
५.       किताब : हर धर्म की किताब है जिसमे भगवान् के संदेश है
६.       हर धर्म में कुछ करने या न करने की हिदायत , यानी धर्म के नुसार आप मांस खा सकते है या नहीं खा सकते या कुछ ख़ास तरह का ही खाना है

७.       हर धर्म में सामाजिक वाव्य्स्था  है जो सबको समान रूप से देखती है , केवल  आर्य ब्राह्मणों द्वारा लिखी किताबे ही ऐसी  है  जो ये कहती है की धर्म में उनको सबसे बड़ा  बताया है , निचले स्तर के लोगो को मारो  कत्ल  करो , महिलाओं  को भोगो , जानवर समझो और उनका  धन  छीन  लो

८.       हर धर्म में जादू  टोना  है
९.       हर धर्म में विवाह  की पद्धति  अलग अलग है  यानी महिलाओं  को सेक्स के लिए इस्तेमाल करने के तरीके
१०.   हर धर्म में व्रत, तीर्थ  यात्रा आदि सब है
११.   विशेष  प्रकार के पूजा स्थल है

तो कुल मिला कर धर्म  या भगवान ने देश समाज या दुनिया को एक नहीं किया बल्कि पूरी दुनिया को बाँट दिया है