Apni Dukan

Thursday 24 March 2016

ब्राह्मणों द्वारा रचा षड्यंत्र और मानसिक रोग है जातिवाद : अमेरिकन साइक्ट्री एसोसिएशन

 ब्राह्मणों द्वारा रचा षड्यंत्र  और  मानसिक  रोग है जातिवाद
जन उदय : अमरीकन एसोसिएशन  ऑफ़ साइक्ट्री  ने अपनी एक लम्बी रिसर्च  के बाद यह निर्णय निकाला है की जातिवाद ,नस्लवाद , रंगभेद एक मानसिक रोग है , मनोविज्ञानिको  ने यह माना है की भारतीय ही नहीं दुनिया में जहा भी भारतीय है वहा पर जातिवाद की समस्या है .

जातिवाद पर अपने शोध में संस्था ने पाया है की भारतीय कही भी रहे  लेकिन वो लोग जातिवाद  से मुक्त नहीं हो पाते बल्कि जाति के प्रति  इनका ववहार काफी भेदभाव पूर्ण रहता है

साउथ अफ्रीका से महात्मा गांधी , इंग्लैंड , यु के  अमरीका ,इटली जर्मन , फ्रांस सभी देशो में जातिवाद पसरा  पड़ा  है , यहाँ तक की अमरीका  और इंग्लैंड  में जातिवाद के खिलाफ सरकार को कानून बनाना  पड़ा 
अमरीका में यह शोध उम्र  जाति , शिक्षा , प्रांत भाषा  सभी के क्रोस सेक्शनल शोध हुए लेकिन जातिवाद एक मानसिक  रोग के सामान सामने आया है क्योकि सभी ब्राह्मण और स्वर्ण सिर्फ जाती के आधार पर सब तय कर लेते है , इंसान का वव्हार , उसका चाल चलन , उसका चरित्र   इंसान की योग्यता सब कुछ जाति से निर्धारित होती है ..
भारत के सन्दर्भ  में जब जाति और मानसिक  रोग   पर शोध हुए तो नतीजे बहुत ही चोंकाने वाले थे की दुनिया में कही  भी ब्राह्मण और सवर्णों  की मानसिकता  एकदम यूरोप के देशो की ही तरह थे

जातिवाद के कारण  जब देखने की कोशिश की गई तो ये पुरे किसी तर्क पर आधारित न हो कर  एक षड्यंत्र पर आधारित   है जो रामायण , गीता , वेद मनुसिमृति  पर आधारित है

यहाँ पर जातिवाद के कुछ उधाहर्ण है जो मनुस्मिरती में दिए गए है

यह देखिये-
१- पुत्री,पत्नी,माता या कन्या,युवा,व्रुद्धा किसी भी स्वरुप में नारी स्वतंत्र नही होनी चाहिए. -मनुस्मुर्तिःअध्याय-९ श्लोक-२ से ६ तक.
...
२- पति पत्नी को छोड सकता हैं, सुद(गिरवी) पर रख सकता हैं, बेच सकता हैं, लेकिन स्त्री को इस प्रकार के अधिकार नही हैं. किसी भी स्थिती में, विवाह के बाद, पत्नी सदैव पत्नी ही रहती हैं. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-९ श्लोक-४५
३- संपति और मिलकियत के अधिकार और दावो के लिए, शूद्र की स्त्रिया भी "दास" हैं, स्त्री को संपति रखने का अधिकार नही हैं, स्त्री की संपति का मलिक उसका पति,पूत्र, या पिता हैं. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-९ श्लोक-४१६.
४- ढोर, गंवार, शूद्र और नारी, ये सब ताडन के अधिकारी हैं, यानी नारी को ढोर की तरह मार सकते हैं....तुलसी दास पर भी इसका प्रभाव दिखने को मिलता हैं, वह लिखते हैं-"ढोर,चमार और नारी, ताडन के अधिकारी."
-
मनुस्मुर्तिःअध्याय-८ श्लोक-२९९
५- असत्य जिस तरह अपवित्र हैं, उसी भांति स्त्रियां भी अपवित्र हैं, यानी पढने का, पढाने का, वेद-मंत्र बोलने का या उपनयन का स्त्रियो को अधिकार नही हैं.- मनुस्मुर्तिःअध्याय-२ श्लोक-६६ और अध्याय-९ श्लोक-१८.
६- स्त्रियां नर्कगामीनी होने के कारण वह यग्यकार्य या दैनिक अग्निहोत्र भी नही कर सकती.(इसी लिए कहा जाता है-"नारी नर्क का द्वार") - मनुस्मुर्तिःअध्याय-११ श्लोक-३६ और ३७ .
७- यग्यकार्य करने वाली या वेद मंत्र बोलने वाली स्त्रियो से किसी ब्राह्मण भी ने भोजन नही लेना चाहिए, स्त्रियो ने किए हुए सभी यग्य कार्य अशुभ होने से देवो को स्वीकार्य नही हैं. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-४ श्लोक-२०५ और २०६ .
८- - मनुस्मुर्ति के मुताबिक तो , स्त्री पुरुष को मोहित करने वाली - अध्याय-२ श्लोक-२१४ .
९ - स्त्री पुरुष को दास बनाकर पदभ्रष्ट करने वाली हैं. अध्याय-२ श्लोक-२१४
१० - स्त्री एकांत का दुरुप्योग करने वाली. अध्याय-२ श्लोक-२१५.
११. - स्त्री संभोग के लिए उमर या कुरुपताको नही देखती. अध्याय-९ श्लोक-११४.
१२- स्त्री चंचल और हदयहीन,पति की ओर निष्ठारहित होती हैं. अध्याय-२ श्लोक-११५.
१३.- केवल शैया, आभुषण और वस्त्रो को ही प्रेम करने वाली, वासनायुक्त, बेईमान, इर्षाखोर,दुराचारी हैं . अध्याय-९ श्लोक-१७.
१४.- सुखी संसार के लिए स्त्रीओ को कैसे रहना चाहिए? इस प्रश्न के उतर में मनु कहते हैं-
(
१). स्त्रीओ को जीवन भर पति की आग्या का पालन करना चाहिए. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-५ श्लोक-११५.
(
२). पति सदाचारहीन हो,अन्य स्त्रीओ में आसक्त हो, दुर्गुणो से भरा हुआ हो, नंपुसंक हो, जैसा भी हो फ़िर भी स्त्री को पतिव्रता बनकर उसे देव की तरह पूजना चाहिए.- मनुस्मुर्तिःअध्याय-५ श्लोक-१५४.
जो इस प्रकार के उपर के ये प्रावधान वाले पाशविक रीति-नीति के विधान वाले पोस्टर क्यो नही छपवाये?
(
१) वर्णानुसार करने के कार्यः -
-
महातेजस्वी ब्रह्मा ने स्रुष्टी की रचना के लिए ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य और शूद्र को भिन्न-भिन्न कर्म करने को तै किया हैं -
-
पढ्ना,पढाना,यग्य करना-कराना,दान लेना यह सब ब्राह्मण को कर्म करना हैं. अध्यायः१:श्लोक:८७
-
प्रजा रक्षण , दान देना, यग्य करना, पढ्ना...यह सब क्षत्रिय को करने के कर्म हैं. - अध्यायः१:श्लोक:८९
-
पशु-पालन , दान देना,यग्य करना, पढ्ना,सुद(ब्याज) लेना यह वैश्य को करने का कर्म हैं. - अध्यायः१:श्लोक:९०.
-
द्वेष-भावना रहित, आंनदित होकर उपर्युक्त तीनो-वर्गो की नि:स्वार्थ सेवा करना, यह शूद्र का कर्म हैं. - अध्यायः१:श्लोक:९१.
(
२) प्रत्येक वर्ण की व्यक्तिओके नाम कैसे हो?:-
-
ब्राह्मण का नाम मंगलसूचक - उदा. शर्मा या शंकर
-
क्षत्रिय का नाम शक्ति सूचक - उदा. सिंह
-
वैश्य का नाम धनवाचक पुष्टियुक्त - उदा. शाह
-
शूद्र का नाम निंदित या दास शब्द युक्त - उदा. मणिदास,देवीदास
-
अध्यायः२:श्लोक:३१-३२.
(
३) आचमन के लिए लेनेवाला जल:-
-
ब्राह्मण को ह्रदय तक पहुचे उतना.
-
क्षत्रिय को कंठ तक पहुचे उतना.
-
वैश्य को मुहं में फ़ैले उतना.
-
शूद्र को होठ भीग जाये उतना, आचमन लेना चाहिए.
-
अध्यायः२:श्लोक:६२.
(
४) व्यक्ति सामने मिले तो क्या पूछे?:-
-
ब्राह्मण को कुशल विषयक पूछे.
-
क्षत्रिय को स्वाश्थ्य विषयक पूछे.
-
वैश्य को क्षेम विषयक पूछे.
-
शूद्र को आरोग्य विषयक पूछे.
-
अध्यायः२:श्लोक:१२७.
(
५) वर्ण की श्रेष्ठा का अंकन :-
-
ब्राह्मण को विद्या से.
-
क्षत्रिय को बल से.
-
वैश्य को धन से.
-
शूद्र को जन्म से ही श्रेष्ठ मानना.(यानी वह जन्म से ही शूद्र हैं)
-
अध्यायः२:श्लोक:१५५.
(
६) विवाह के लिए कन्या का चयन:-
-
ब्राह्मण सभी चार वर्ण की कन्याये पंसद कर सकता हैं.
-
क्षत्रिय - ब्राह्मण कन्या को छोडकर सभी तीनो वर्ण की कन्याये पंसद कर सकता हैं.
-
वैश्य - वैश्य की और शूद्र की ऎसे दो वर्ण की कन्याये पंसद कर सकता हैं.
-
शूद्र को शूद्र वर्ण की ही कन्याये विवाह के लिए पंसद कर सकता हैं.- (अध्यायः३:श्लोक:१३) यानी शूद्र को ही वर्ण से बाहर अन्य वर्ण की कन्या से विवाह नही कर सकता.
(
७) अतिथि विषयक:-
-
ब्राह्मण के घर केवल ब्राह्मण ही अतिथि गीना जाता हैं,(और वर्ण की व्यक्ति नही)
-
क्षत्रिय के घर ब्राह्मण और क्षत्रिय ही ऎसे दो ही अतिथि गीने जाते थे.
-
वैश्य के घर ब्राह्मण,क्षत्रिय और वैश्य तीनो द्विज अतिथि हो सकते हैं, लेकिन ...
-
शूद्र के घर केवल शूद्र ही अतिथि कहेलवाता हैं - (अध्यायः३:श्लोक:११०) और कोइ वर्ण का आ नही सकता...
(
८) पके हुए अन्न का स्वरुप:-
-
ब्राह्मण के घर का अन्न अम्रुतमय.
-
क्षत्रिय के घर का अन्न पय(दुग्ध) रुप.
-
वैश्य के घर का अन्न जो है यानी अन्नरुप में.
-
शूद्र के घर का अन्न रक्तस्वरुप हैं यानी वह खाने योग्य ही नही हैं.
(
अध्यायः४:श्लोक:१४)
(
९) शब को कौन से द्वार से ले जाए? :-
-
ब्राह्मण के शव को नगर के पूर्व द्वार से ले जाए.
-
क्षत्रिय के शव को नगर के उतर द्वार से ले जाए.
-
वैश्य के शव को पश्र्चिम द्वार से ले जाए.
-
शूद्र के शव को दक्षिण द्वार से ले जाए.
(
अध्यायः५:श्लोक:९२)
(
१०) किस के सौगंध लेने चाहिए?:-
-
ब्राह्मण को सत्य के.
-
क्षत्रिय वाहन के.
-
वैश्य को गाय, व्यापार या सुवर्ण के.
-
शूद्र को अपने पापो के सोगन्ध दिलवाने चाहिए.
(
अध्यायः८:श्लोक:११३)
(
११) महिलाओ के साथ गैरकानूनी संभोग करने हेतू:-
-
ब्राह्मण अगर अवैधिक(गैरकानूनी) संभोग करे तो सिर पे मुंडन करे.
-
क्षत्रिय अगर अवैधिक(गैरकानूनी) संभोग करे तो १००० भी दंड करे.
-
वैश्य अगर अवैधिक(गैरकानूनी) संभोग करे तो उसकी सभी संपति को छीन ली जाये और १ साल के लिए कैद और बाद में देश निष्कासित.
-
शूद्र अगर अवैधिक(गैरकानूनी) संभोग करे तो उसकी सभी संपति को छीन ली जाये , उसका लिंग काट लिआ जाये.
-
शूद्र अगर द्विज-जाती के साथ अवैधिक(गैरकानूनी) संभोग करे तो उसका एक अंग काटके उसकी हत्या कर दे.
(
अध्यायः८:श्लोक:३७४,३७५,३७९)
(
१२) हत्या के अपराध में कोन सी कार्यवाही हो?:-
-
ब्राह्मण की हत्या यानी ब्रह्महत्या महापाप.(ब्रह्महत्या करने वालो को उसके पाप से कभी मुक्ति नही मिलती)
-
क्षत्रिय की हत्या करने से ब्रह्महत्या का चौथे हिस्से का पाप लगता हैं.
-
वैश्य की हत्या करने से ब्रह्महत्या का आठ्वे हिस्से का पाप लगता हैं.
-
शूद्र की हत्या करने से ब्रह्महत्या का सोलह्वे हिस्से का पाप लगता हैं.(यानी शूद्र की जिन्द्गी बहोत सस्ती हैं)
- (
अध्यायः११:श्लोक:१२६)


अखिलेश यादव को चुनाव में सपा की की गुंडागर्दी पर पूरा विशवास है

जन उदय : जैसे जैस चुनाव नजदीक आ रहे है वैसे वैसे उत्तर प्रदेश में सपा के गुंडों की गुंडागर्दी बढती जा रही है , वैसे सपा  का शासन जब भी रहता है गुंडागर्दी अपने चरम सीमा पर रहती है , दलित लडकियो के बलात्कार , उनकी बस्तियों को आग लगाना , गोली मारना  हत्या करना  ये सब काम तो जैसे ही चुनाव जीती थी उसी दिन से शुरू हो गया था

लेकिन जैसे जैसे वक्त आगे बढ़ा समाजवादी पार्टी की गुंडा गर्दी बढती ही गई ,इस बीच समाजवादियो ने भाजपा के साथ मिल कर दंगे भी करवाए जिसमे मुसलमान कम और दलितों को जयादा निशाने पर लिया गया , इसके बाद दादरी काण्ड करवाया गया  जिसमे गोमांस के नाम पर अखलाक को मरवा दिया गया गोमांस के नाम पर  ,

 इसी तरह पुरे प्रदेश में घटनाए  होती रही है , लोगो का मानना  था यह सब बी जे पी और संघी  लोग   कर रहे है लेकिन इसके पीछे की साजिश को देखा जाए तो समझ में आ जाएगा की इसमें समाजवादी पार्टी का कितना बढ़ा  हाथ है , दरसल  इन दंगो के  जरिये बी जे पी हिन्दू वोट को एक तरफ  करना चाहती थी  तो  समाजवादी पार्टी मुसलमान वोटो  को एक तरफ  करना  चाहती है  या ये कहे की मुस्लिम वोट पर कब्जा करना चाहती है

मुलायम  और अखिलेश  का आज़म खान  फार्मूला  इस चुनाव में फेल हो जाएगा क्योकि अलीगढ  और जामिया के मुस्लिम बुद्धिजीवी   जो पुरे देश की मुस्लिम सोच और  राजनीति पर प्रभाव डालते है


इन बुधिजीविओ का मानना  है की समाजवादी पार्टी ने सिर्फ मुसलमानों  को छला  है  बल्कि उनके साथ धोका  किया 

मायवाती का जीवन संघर्ष और बी एस पी की विकास यात्रा

मायवाती का जीवन संघर्ष  और  बी एस पी की विकास यात्रा 
मायावती के जीवन संघर्ष पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग के प्रो. विवेक कुमार ने पिछले दिनों अपने एक लेख में लिखा था, ‘यह विडंबना हैकि लोग आज मायावती के गहने देखते हैं, उनका लंबा संघर्ष और एक-एक कार्यकर्ता तक जाने की मेहनत नहीं देखते. वे यह जानना ही नहीं चाहते कि संगठन खड़ा करने के लिए मायावती कितना पैदल चलीं, कितने दिन-रात उन्होंने


 दलित बस्तियों में काटे. मीडिया इस तथ्य से आंखें मूंदे है. जाति और मजहब की बेड़ियां तोड़ते हुए मायावती ने अपनी पकड़ समाज के हर वर्गमें बनाई है. वह उत्तर प्रदेश की पहली ऐसी नेता हैं, जिन्होंने नौकरशाहों को बताया कि वे मालिक नहीं, जनसेवकहैं. अब सर्वजन का नारा देकर उन्होंने बहुजन के मन में अपना CM ( UP ) देखने की इच्छा बढ़ा दी है. दलित आंदोलन और समाज अब मायावती में अपना चेहरा देख रहा है. भारतीय लोकतंत्र को समाज की सबसे पिछली कतार से निकली एक सामान्य महिला की उपलब्धियों पर गर्व होना चाहिए.


आगामी 2017 में हम BSP को ही क्यों चुनें ?
इसके लिए हजार कारण हो सकते है उसमे से कुछ नीचे दिए गए है
बीएसपी की सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए निम्नलिखित योगदान दिए (2007-2012)
5 वर्ष के साशन काल में बहुजन महापुरुषों के नाम पर बनाये गए जनपद
गौतम बुद्ध नगर
महामाया नगर
श्रावस्ती ...
कोशाम्बी
प्रबुद्ध नगर
पंचशील नगर
भीम नगर
कुशीनगर
वैशाली नगर
आंबेडकर नगर
महात्मा फुले नगर
शाहू महाराज
रमाबाई
संत रविदास
संत कबीर
कांशीराम नगर
अब विश्वविद्यालयो/पार्को/स्मारकों/
योजनाओ । संग्रहालयों/स्टेडियमों के
नामो की सूची देखते है ।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (छ हजार करोड़ की लागत से )
महामाया टेक्निकल विश्वविद्यालय
गौतम बुद्ध पार्क,कानपूर
गौतम बुद्ध उद्दान,इटावा
गौतम बुद्ध स्पोर्ट्स स्टेडीयम,कुशीनगर
महामाया स्पोर्ट्स स्टेडीयम, गाजियाबाद
गौतम बुद्ध नागरिक टर्मिनल, बरेली
महामाया महिला डिग्री कॉलेज, बरेली
महामाया महाविद्यालय,इण्टर कॉलेज
तथा कन्या जूनियर हाईस्कुल, श्रावस्ती
गौतम बुद्ध राजकीय डिग्री कॉलेज, फ़ैजाबाद
यशोधरा महिला विद्यालय, कुशीनगर
शांति उपवन बुद्ध विहार
हर जिले में गौतम बुद्ध छात्रावास की स्थापना
महामाया गरीब बालिका शिक्षण योजना
सावित्री फुले छात्रावास
छत्रपति शाहू महाराज छात्रावास
श्री नारायण गुरु एवम रविदास छात्रावास
डॉ.भीमराव आंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल ,लखनऊ (एक हजार करोड़ की लागत से)
दलित प्रेरणा स्थल नॉएडा
एक लाख गाव डॉ.आंबेडकर योजना
म़ा. कांशीरामजी शहरी आवास योजना
म़ा. कांशीरामजी स्मारक स्थल ,लखनऊ
छत्रपति शाहू महाराज मेडिकल एव आय.ये एस. आय.पी.एस. ट्रेनिंग सेंटर
डॉ.भीमराव आंबेडकर सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय
बुद्ध इंटरनेशनल वर्ल्ड क्लास सर्किट फॉर फॉर्मूला १ रेसिंग.
इसके आलावा और भी कार्य है, जो कि लोगों के चश्मे में नजर नहीं आता
88 हजार बी टी सी शिक्षकों की भर्ती की गयी |
41 हज़ार कांस्टेबल की भर्ती हुई |
"कांशीराम शहरी आवास योजना" के तहत एक लाख एक हज़ार लोगों को आवास मिले |
108848 सफाईकर्मियों की भर्ती की गयी |
बुंदेलखंड में आई टी पॉलिटेक्निक की स्थापना की गयी |
गरीब बस्तियों में 2000 सामुदायिक केंद्र खोले गए ।
प्रदेश के 20 जिलो में अम्बेडकर पी जी छात्रावास की स्थापना की गयी |
पंचशील बालक इंटर कॉलेज नॉएडा में खुला |
महामाया बालिका इंटर कॉलेज गौतम बुद्ध नगर में स्थापित हुआ |
डॉ भीमराव आंबेडकर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल , नॉएडा
मान्यवर कांशीराम जी यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी , बाँदा
मान्यवर कांशीराम गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज ,गाज़ियाबाद
कांशीराम मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल ,नॉएडा
नॉएडा एक्सप्रेसवे का निर्माण हुआ |
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण हुआ |
यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण हुआ |
महामाया फ्लाईओवर का नॉएडा में निर्माण हुआ ।
2195 गाँव में 3332 km की सड़को का निर्माण हुआ।
मान्यवर श्री कांशीराम जी उर्दू अरबी फ़ारसी यूनिवर्सिटी , लखनऊ
राजकीय महाविद्यालय का निर्माण जौनपुर गाज़ियाबाद कांशीरामनगर कुशीनगर बिजनौर कन्नौज फर्रुखाबाद मैनपुरी श्रावस्ती निर्माण किया गया ।
आतंकवाद से निपटने के लिए एटीएस(ATS) का गठन 2007 में किया गया था ।

लखनऊ जिला कारागार , आदर्श कारागार एवं नारी बंदी निकेतन का लोकार्पण मोहनलालगंज-गोसाईगंज मार्ग पर किया गया।