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Thursday 10 March 2016

बड़े बड़े अखबार और चैनल चला रहे है यूनिवर्सिटी ,कॉलेज रैंकिंग का फर्जीवाड़ा

जन  उदय : आज कल आप हर तरफ विज्ञापन देख रहे होंगे की हर कॉलेज , यूनिवर्सिटी अपने आपको नम्बर वन बता रही है . दरसल ये विज्ञापन युद्ध की तरह चल रहा है इसका कारण है देश में शिक्षा का निजीकरण . जब से देश में शिक्षा का निजीकरण हुआ है देश में स्कूल कॉलेज की स्थापना धडल्ले से हो रही है , पूंजीपति , उद्योगपतियो के लिए शिक्षा भी एक धंधा बन गई है , और धंधे में कभी हार नहीं मानी जाती , इसमें परोपकार नहीं होता , मुनाफा इसका एकमात्र सिद्धांत होता है , यही धंधे का मकसद होता है


इसी मुनाफे की दौड़ में लगे ये पूंजीपति शिक्षा समाज और क्षेत्र की ऐसी बहुत सारी प्रतिभाओं को खरीद लेते है जो इनके मुनाफे के लिए काम करती है , इसके अलावा कुछ ऐसी संस्थाए बना लेते है जिनका सर पैर बिलकुल नहीं होता . जैसे आजकल विज्ञापन युद्ध चल रहा है और हमेशा चलता है , अब ये कॉलेज  अपने आपको बता रहे है नम्बर वन कोई बता रहा है की उसको नम्बर वन का दर्जा इस संस्था ने दिया है कोई बता रहा है उस संस्था ने
इसमें ख़ास बात यह है की इसमें बड़े बड़े अखबार और न्यूज़ चैनल शामिल है जो पैसे लेकर इन कॉलेज ,
यूनिवर्सिटी के लिए लेख लिखते है , इन्हें रैंकिंग देते है इसमें मुख्यत टाइम्स , इंडिया टुडे , इत्यादि है ,
अब इनसे कोई पूछे की आपको किसने नियुक्त किया है की आप रैंकिंग दे रहे है ?? आप ऐसे क्या तरीके अपनाते है जिससे पता चले की आपने जो सर्वे किया है वह पूर्ण रूप से वैज्ञानिक है यानी तथ्यों पर आधारित है ???

किसी के पास जवाब नहीं है सबको इन कॉलेज , यूनिवर्सिटी से बहुत बड़ा बड़ा विज्ञापन मिलता है जिसके बदले ये देश को गुमराह करते है , देश के भविष्य के साथ खेल रहे है

बिहार में फिर दिखा जातिये हिंसा का आतंक , आग में स्वाहा हुई काजिया गांव की दलित बस्ती

बिहार में फिर दिखा सवर्णों का आतंक  , आग में स्वाहा हुई काजिया गांव की दलित बस्ती

पटना: देश में दलित अत्याचार की बाढ़ आ गई है  रोहित वेमुला  की हत्या से लेकर  , बलात्कार  आदि की घटनाए बढती जा रही है ,बिहार के जिला नवादा में अकबरपुर थाना क्षेत्र  के काजिया गांव में बसे  दलिटी परिवारों से जमीन खाली कराने को लेकर को वही के सवर्णों  ने गांव के कुछ घरों को आग के हवाले कर दिया. जिसके चलते कुछ देर में ही इस आग ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया और देखते ही देखते गांव का गांव इस आग में जलकर स्वाहा हो गया.


यह हादसा उस समय हुआ जब गांव के लोग अपने -अपने घरों में सो रहे थे. बताया जाता है कि गांव के स्वर्ण जो दलितों अपनी गुंडागर्दी दिखाने के लिए  गांव के लोगों पर अपना दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे ,

 सूत्रों के मुताबिक गांव के स्वर्ण  लोग एक जमीन को खाली कराने के लिए लगे है. बताया जाता है कि जमीन ना खाली करने को लेकर मंगलवार को उनके घरों में आग लगा दी गयी, जिसके चलते दर्जनों लोग अपने घर से बेघर हो गए. ये बिहार में ऐसी कोई पहली घटना नहीं है एस घटनाए पुरे देश में आय दिन होती रही  है

श्री श्री रवि शंकर न जाने क्यों ऐसी घटनाओं को अपनी भारतीय संस्कृति  में जोड़ते है ??

कमाल की बात यह है की इस तरह की घटनाओं में पुलिस प्रशासन , न सिर्फ अपनी पूरी  मदद सवर्णों को देते है बल्कि ये काम करने के लिए हथियार और असला  भी उपलब्ध कराते है 

धर्म और संस्कृति श्री श्री रवि शंकर जैसी जमात के धंधे है सदीओ पुराने

                धर्म  और संस्कृति  इनके धंधे है सदीओ पुराने

 जब कुछ भी निश्चित नहीं होता  और इंसान के हाथो से हालात निकल जाते है , ठीक उसी वक्त भगवान की या एक ऐसी अद्रश्य शक्ति का जन्म हो जता है जिसे लोग भगवान्  कहते है , अलग अलग भाषाओं में इसके अलग अलग नाम  दिए गए है .
इंसान का डर  किसी दुसरे व्यक्ति के लिए वरदान का काम करता है वहो धूर्त आदमी इस भगवान् के नाम से लोगो को डराता  है , धमकाता है और अपना  उल्लू सीधा करता है  वरना  किसने भगवान् को  देखा कौन स्वर्ग नर्क देख कर आया  और किसके द्वाराए भगवान् आये  ये कोई भी व्यक्ति प्रमाणित नहीं कर सकता .
सदिया बदली युग बदले ,  तरह तरह के नए ने धर्म के ठेकेदार पैदा हुए , नए नए संदेश और सिद्धांत उन लोगो ने लोगो को सुनाये  लेकिन  कोई भी व्यक्ति भगावन को सामने ले कर नहीं आया


दरअसल एक ख़ास  बात और ये की इन धूर्त ,मक्कार भगवान् के दूतो  ने मानव मनोविज्ञान  का , जिज्ञासाओं का जम कर अध्यन किया  और उसी के हिसाब से भगवान् रच डाले ,   धरती का घूमना  दिन के बाद रात का होना  और फिर दिन निकल जाना आम  लोगो के लिए भगवान् का चमत्कार हो गया , गर्मी ,  वर्षा , तूफ़ान ये सब भगवान् बना कर पेश कर दिए  गए

भारत में  ये काम तो हुआ ही लेकिन इसके साथ भगवान् एक जमात की बपोती के रूप में उभरा  और  भगवान्  के ठेकेदार  ये लोग ही रहे , इसी भगवान् की आड़ में इन लोगो ने जितने 
अमानवीय कार्य किये  जो इंसानियत को शर्मसार कर दे  , अगर कोई ऐसे समाज से व्यक्ति हो जिसे भारत के तथाकथित  हिन्दू धर्म के बारे में न मालूम हो जिसे ब्राह्मणों ने तय्यार किया  तो उसके  हैरान होने की डिग्री बहुत जयादा होगी , ये भगवान् के दूत  लोगो ने इंसान को इंसानियत नहीं समझा  , एक  कमाल की बात यह है ये लोग इस ज्ञान विज्ञान के दौर में भी भगवान् के नाम पर अंधविश्वास फैलाते है और इन्होने  जाति के आधार पर इंसान के इंसान होने की उसके अंदर क्षमता होने की डिग्री को निर्धारित किया हुआ है  ये मानते है की ये भगवान् के दूत है  और सबसे जयादा योग्यता इन्ही लोगो में है  


आज भी ये लोग धर्म के नाम पर संस्कृति के नाम पर पुरे देश को देश के सविंधान  को कानून को हर व्यक्ति को मुर्ख बनाए हुए  रवि शंकर  जो  वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल मना रहे है इस बात का सबसे बड़ा उधाहरण है