हलांकि देश में भाजपा शासन का आना ही
देश का सबसे बढ़ा दुर्भाग्य था लेकिन ये
सारा कार्य एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के
तहत हुआ तो पुरे देश ने भाजपा को सम्मान की दृष्टि से देखा और नरेंदर मोदी को प्रधान मंत्री के रूप में दिल
से स्वीकार भी किया
जिस तरह से किसी भी पार्टी से देश की जनता उम्मीद करती है उसी तरह जनता ने
भाजपा सरकार से भी उम्मीद की देश की
टूटती ,बिखरती अर्थ वाव्य्स्था को भाजपा संभाल लेगी
और महंगाई , पर रोक लगायगी , दाम कम होंगे, पट्रोल के दाम कम होंगे बेरोजगारी
कम होगी और युवाओं को विकास के
नए रास्ते मिलेंगे .
लेकिन युवाओं के साथ और देश के साथ बहुत बढ़ा
धोखा हुआ नरेंद्र मोदी सिर्फ
भाषणों से और घोषणाओं से लोगो का दिल बहलाने लगे , कुछ समय तो देश की जनता भाषणों
से से भी खुश नजर आये , लेकिन फिर भी
कुछ न हुआ , कुछ लोगो ने कहा की भाजपा
सरकार को कुछ समय देना चाहिए ताकि
वो चीजो को समझ कर अर्थ वाव्य्स्था को सही दिशा में ले जा सके लेकिन दो साल बाद भी
कुछ नहीं हुआ ,
अपनी नाकामयाबी को भाजपा समझ भी
रही थी , हालांकि ऐसा नहीं है की
भाजपा ने कोशिश नहीं की लेकिन शायद उसकी सारी
कोशिशे सब बेकार गई , यानी
पिछले दो सालो में भाजपा पूरी तरह विफल रही है .
अब भाजपा ने अपने पुराने तरीके भी इस्तेमाल करने शुरू कर दिए यानी राज्यों के
आम चुनावों में साम्प्रदायिक दंगे कराये
गए , मुज्ज़फर नगर दंगे , इसके बाद दादरी में गोमांस को लेकर एक मुस्लिम व्यक्ति की
हत्या कराई गई , हर समय देश में एक असंतोष का माहोल बनता चला गया उधर दूसरी तरफ
विश्विध्यालो में अपने लोगो को लाना और संघियो के प्रभाव को बढाने के
लिए प्रयास किये जाने लगे , मद्रास आई आई
टी , हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविध्यालय
में रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या , दूसरी तरफ जे एन यू , पुणे फिल्म
स्कूल , फिर इलाहाबाद विश्वविध्यालय में
ऋचा सिंह को प्रताड़ित किया जाने लगा , स्कूलों और कोलेजो में पाठ्यक्रम को
बदलना , जे एन यू की घटना ने तो पुरे
विश्व को हिला दिया यही नहीं पुरे विश्व
में भारत की इमेज बहुत गन्दी हो गई
कन्हिया के जेल से आने के बाद जो भाषण हुआ उसके बाद कोई
उसकी जीभ काटने की बात कर रहा
है , कोई उसकी ह्त्या करवा
रही है , कोई उसको गोली मार
रहा है
कमाल की बात है की इस तरह की बाते
करने वाले खुल्ले आम अखबारों में और टीवी
चंनेलो में बैठे बकवास कर रहे है , और पुलिस प्रशासन घर बैठे इन्हें देख
रहे है ,
जो लोग देश के माहोल को खराब करने पर
तुले है उनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं
हो रही है , अगर
हालात ऐसे ही रहे तो ऐसा लगता है
की आने वाले वक्त में जब भाजपा सत्ता से बहार होने लगेगी तो वो इस बात को बर्दास्त नहीं कर पायंगे और
फिर भाजपा संघ के साथ मिल कर एक हथियारबंद
कब्जा देश पर करना चाहेगी हालांकि ये शायद आज के दौर में न हो पाए लेकिन
हालात ऐसे लग रहे है की भाजपा अब सत्ता से बहार नहीं जाना
चाहेगी और इस कार्य के लिए चाहे दंगे हो
चाहे दलितों की हत्या हो या खुनी खेल
भाजपा किसी बात से पीछे
नहीं हटेगी