नई दिल्ली।
जेएनयू में संघ ए बी वी पी के द्वारा रचित षड्यंत्र में जिन नारों की बात
हो रही है अब उस विडियो के बारे में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में अब एचआरडी
मिनिस्टर स्मृति ईरानी की करीबी सहयोगी शिल्पी तिवारी की भूमिका निशाने पर आ गई
है।
दिल्ली सरकार की
फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में डॉक्टर्ड किए गए वीडियोज में से एक को
शिल्पी के ट्विटर अकाउंट पर होस्ट किया गया था। इस रिपोर्ट में कम से कम तीन
वीडियो को संदिग्ध बताया गया है और इसमें से क्यू2 नामक वीडियो का संबंध तिवारी से बताया गया है।
एक अखबार की
रिपोर्ट के मुताबिक क्यू 1 और क्यू 2 रिकॉर्डिंग में लिप सिंक में फर्क नजर आया है।
इससे पता चलता है कि ऑडियो स्ट्रीम ओरिजनल रिकॉर्डेड वीडियो का हिस्सा नहीं है।
इसलिए वीडियो में सुनाई देने वाली बातचीत प्रामाणिक नहीं है और वह कहने वालों की
असल स्पीच से मेल नहीं खाती।
रिपोर्ट में यह
भी कहा गया है कि क्यू 2 रिकॉर्डिंग का
संबंध शिल्पी तिवारी के ट्विटर अकाउंट से है। रिपोर्ट के मुताबिक क्यू1 और क्यू 2 वीडियो अलग अलग सोर्स से लिए गए हैं, जिनको इस मकसद से एक दूसरे से मिला दिया गया है
कि रिकॉर्डिंग असल कार्यक्रम की नजर आए।
अब सवाल यह है की
शिल्प के अलावा सिम्रिति इरानी के खिलाफ
तो कार्यवाही होनी ही चाहिए साथ में वो सभी न्यूज़ चैनल भी पाप के भागीदार है जिन्होंने भाजपा के साथ मिल कर इस षड्यंत्र को अंजाम दिया