संस्कृति महोत्सव के नाम पर श्री श्री रवि शंकर ने
एकड़ो जमीन पर लगभग एक साल से कब्जा किया हुआ है , बहाना ये की इस जमीन पर
विश्व संस्कृति महोत्सव नाम का सेट बन रहा है ,
की इस महोत्सव में इस्तेमाल होने वाली सुविधायो को इंतजाम किया जा रहा है
,ये जमीन हजारो एकड़ में है ,
सम्बन्धित विभागों ने श्री श्री रवि शंकर पे केस भी किया
लेकिन जो भी फैसला कोर्ट आदि दिया ये भी
बेहद चोंकाने वाला है सवाल यह है की क्या
महोत्सव खत्म होने के बाद श्री श्री रवि शंकर इस जमीन को खाली कर देगा , ??
अगर हम श्री श्री रवि शंकर का इतहास देखे तो यह एक नम्बर का जमीन हड्पू इंसान है यानी धर्म के नाम पर गैर कानूनी रूप
से कब्जा करने वाला बंगलोर में भी नदी
किनारे इसने ऐसी ही एक बहुत बड़ी जमीन पर
गैर कानूनी कब्जा किया हुआ है
अब ये भी सवाल है की की
दिल्ली में यमुना के दूसरी तरफ अक्षरधाम मंदिर भी इसी तरह हिंदूवादी संघठनो ने गैर
कानूनी रूप से कब्जे में किया हुआ है
हलांकि कुछ लोगो ने इस बारे में आवाज उठाई लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ अक्षर धाम मंदिर की जगह भी यमुना नदी की जमीन
पर है
जब अक्षरधाम की जमीन कब्ज़ा
करने वालो को का कुछ नही हुआ तो श्री श्री रवि शंकर का कुछ कैसे हो सकता है
?? वो भी जब , जब वह संघ सरकार का
विशेष कृपापात्र हो यानी
अब यह जमीन खाली नहीं होने वाली ,
इसके लिए यह हो सकता है की
खाली करते करते कोई दुसरा कार्यक्रम आ जाए और जमीन पर रवि शंकर का कब्जा
बरकरार रहे