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Wednesday 16 March 2016

साइको कंगना रानौत ने रितिक को किये 1,439 ई-मेल, ऋतिक रोशन ने किया केस


नई दिल्ली, 16 मार्च  ऋतिक रोशन के प्यार में पागल कंगना ने ऋतिक को इतना  परेशान किया की ऋतिक ने कंगना के उपर केस कर दिया है

खबर है कि कंगना और रितिक के बीच कथित अफेयर के दौरान कंगना ने रितिक को 1439 ई-मेल किए थे। इसका खुलासा उस लीगल नोटिस से हुआ है जो रितिक ने कंगना को भेजा है। आशिकी 3 से बाहर होने के बारे में जब कंगना से पूछा गया कि क्या उन्हें रितिक की वजह से फिल्म से निकाला गया है

तो इसके जवाब में कंगना ने कहा था, हां, ऐसी कई अफवाहें उड़ रही हैं, कोई बेवकूफ भी बता सकता है कि ये सब कौन कर रहा है।


 मुझे समझ नहीं आता कि पूर्व प्रेमी सबका ध्यान खीचने के लिए ऐसी सिली हरकतें क्यों करते हैं। मेरे लिए ये चौपटर खत्म हो चुका है और मैं पीछे मुड़कर नहीं देखती। इसके बाद कंगना और रितिक के बीच में ट्विटर पर जुबानी जंग शुरू हो गई।

रितिक ने ट्वीट कर कहा, मीडिया जिन आश्चर्यजनक महिलाओं का नाम मुझसे जोड़ रही है उससे कहीं ज्यादा मेरे और पोप के अफेयर के चान्सेस हो सकते हैं। थैंक्स लेकिन नो थैंक्स यह जुबानी जंग बाद में कानूनी लड़ाई में बदल गई।


 सूत्रों के मुताबिक, रितिक ने अपनी स्टेटमेंट में इस बात का भी जिक्र किया है कि कंगना ने उन्हें 1,439 ई-मेल किये थे, जो पर्सनल, अर्थहीन और बेतुके थे। रितिक की तरफ से उनके वकील दीपेश मेहता ने कंगना को नोटिस भेजा था। जहां रितिक ने कंगना पर मानहानी का मुकदमा किया है वहीं कंगना ने रितिक पर उन्हें धमकाने का आरोप लगाया है।

कन्हिया ने फिर मारे भिगो भिगो कर जूते मोदी , भाजपा और इनकी अम्मा संघ को :रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या के विरोध में मार्च

रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या के विरोध में मार्च
कन्हिया  ने फिर मारे भिगो भिगो कर जूते मोदी , भाजपा और इनकी अम्मा संघ को
जन उदय : हैदराबाद  केंद्रीय के टॉपर  दलित  छात्र   रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या को दबाने के लिए  संघ सरकार न जाने क्या क्या पापड़ बेल रही है लेकिन हर बार विफल रही है ,

रोहित वेमुला की हत्या के मामले को दबाने के लिए संघ ने न्यूज़ चैनल  और मीडिया संस्थाओं से मिल कर जे एन यु षड्यंत्र  रचा  जिसमे खुद संघ  के लोगो ने  भारत विरोधी   नारे लगाए   और इल्जाम जे एन यु के मासूम  छात्रो पर धर  दिया .
इस मामले में जे एन यु छात्र संघ अध्यक्ष कन्हिया  को देशद्रोह  कानून में फंसा कर जेल में भी डाला गया   लेकिन इस बात से भी रोहित वेमुला का मामला दब न सका  उल्टा   ज़रा से ही वक्त में संघियो   का षड्यंत्र  सामने आ गया और संघियो  की दबा कर किरकिरी  हो गयी

 जेल से आने के बाद कनाहिया  ने जो भाषण  दिया उसके इस भाषण को दुनिया में प्रसारित  किया गया   और पूरी दुनिया के लोगो ने मोदी सरकार की भर्त्सना की
 १५ मार्च को रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या के खिलाफ  एक विशाल रैली  निकाली गई


जिसमे हजारो  छात्रो ने  भाग लिया  जहा पर कन्हिया  ने फिर  जे एन यु स्टाइल में संघियो को भाजपा को और उनके  समर्थको को शब्द बाण  से लताड़ा    और इतना लताड़ा  की ऐसे लग रहा था कोई बड़ी बे रहमी से  किसी के सर  पर जूते  बरसा  रहा हो


भारत के पुरे इतिहास में  आजतक किसी पार्टी या  प्रधानमंत्री  की बेइज्जती  नहीं हुई है  और न ही इतने कठोर शब्द कहे गए है जितने की मोदी के बारे में , लेकिन मोदी भाजपा संघ  इरानी ये सब बेशर्म  षड्यंत्रकारी  लोग है   इन्हें  कोई फर्क  नहीं पड़ता 

ऑनर किलिंग नहीं जातिय हिंसा और हत्याए है

ऑनर  किलिंग   नहीं जातिय  हिंसा  और हत्याए है
जन उदय : तमिलनाडु में हाल ही में एक दलित युवक को सरेआम  सिर्फ इसलिए कत्ल कर दिया गया क्योकि उसने आठ  महीने पहले एक उच्च जाति की लड़की से  प्रेम विवाह कर लिया  था ,

सभी  वैसे तो ये खबर  राष्ट्रीय चैनल या अखबारों की  सुर्खी नहीं बनी , लेकिन जितने भी अखबारों  ने  न्यूज़ पोर्टल ने इसको छापा है  सबने एक  आम पाठक को गुमराह करने की कोशिश की है  , सब के सब ये बता रहे है की मामला ऑनर  किलिंग का है
लेकिन सभी से ये पुछा  जाए की ये ओनर  किलिंग क्यों हुई ??  तो 


दरअसल तमिलनाडु की ये कोई अकेली वारदात नहीं है और न ही तमिलनाडु में होने वाली ये एकमात्र  जातिय हत्या है , वहा   आये   दिन   इस तरह की जातिय हत्या होती रहती है जैसे की बाकी भारत में   इसलिए  मीडिया और लोगो को समझ लेना चाहिए की जातिय हिंसा है 

क्या भारत माता की जय बोलने से कोई देशभक्त हो जाता है ??


जन उदय : एक सवाल  यह भी है की क्या कोई व्यक्ति  भारत माता की जय  बोलने से कोई देशभक्त हो जाता है ?? और नहीं बोलेगा तो देशद्रोही ??

हाल ही में ओवेशी ने भारत माता  की जय बोलने से इनकार कर  दिया  तो सारे बुद्धिजीवी , संघी और कुत्सित मानसिकता के लोग उसे पाठ पड़ा  रहे है देशभक्ति का

तो क्या कोई बतायगे  की आर एस एस  और इसी तरह की संघी मानसिकता के लोग भारत माता की जय  जय बोलते है और इन्ही भारत माता की जय बोलने वाले लोगो ने मुज्ज़र्फर नगर के दंगे करवाए , और  सैंकड़ो  लोग मारे गए , इसी तरह दादरी में गोमांस के नाम पर घुस कर अख़लाक़ की हत्या कर दी  अगर इनके दंगो की लिस्ट तैयार कर ली जाए तो साल में इतने दिन नहीं होंगे जितने ये दंगे करते है वो भी सारे भारत माता के नाम पर

जे एन यु प्रकरण  हैदराबाद यूनिवर्सिटी में रोहित  वेमुला कि९ संस्थानिक हत्या  सब भारत माता के नाम पर हुए है

कमाल की बात यह है  सारी की सारी चोर बाजारी , मक्कारी , बदकारी  ये सब भारत माता के नाम पर करते है  ये वो लोग है जो देश को ही खाते है देश को हगते है  और भारत माता की जय बोलते है

धिक्कार है ऐसी देशभक्ति पर ऐसे राष्ट्रवाद पर जहा इंसानियत मानवता की कोई जगह न हो


धूर्तता और पाखंड संस्कारों में है अरविन्द केजरीवाल के

धूर्तता  और पाखंड संस्कारों में है  अरविन्द केजरीवाल के
जन उदय : समय समय की बात है की एक वक्त अरविन्द केजरीवाल छात्रो के एक संघठन यूथ फॉर इक्वलिटी  के मंच से आरक्षण का विरोध करता था और दलितों को उनके दिए जाने वाले सविन्धानिक अधिकारों के हमेशा खिलाफ रहता था .

इसके अंदर अराजकतावादी मानसिकता इतनी भरी है की कानून  और कानूनी प्रक्रिया की इज्जत करना इसके संस्कारों में ही नहीं है , अन्ना  आन्दोलन  को पूरी तरह नहीं नकारा जा सकता क्योकि वो एक समस्या के उपर चल रहा था लेकिन अरविन्द केजरीवाल का इस  आन्दोलन को चलाने की प्रक्रिया और अपनी मांगे मनवाने का अंदाज एक दम असविन्धानिक था

खैर इसके बाद इन्होने  आम आदमी पार्टी बना कर चुनाव  लड़े  और बहुमत हांसिल न कर सके  लेकिन फिर दुवारा एक मुख्यमंत्री होते हुए धरने पर बैठ गए जनता इनसे काम की उम्मीद कर  रही थी लेकिन केजरीवाल ने जनता का ध्यान काम से हटाने के लिए फिर से आन्दोलन के प्रपंच रचे
इसके बाद दुबारा दिल्ली में चुनाव हुए  और दलितों और मुस्लिम के बल पर केजरीवाल की सरकार पूर्ण बहुमत से आ गई , लेकिन अब भी महिला सुरक्षा  और महंगाई आदि कम नहीं हुई है  हालांकि जो बिजली कम्पनियो से बकाया राशि  लेनी है उसी से दिल्ली के लोगो को बिजली के दाम करके देना भी एक तरह से जनता को गुमाराह करना है

कमाल की बात यह है की केजरीवाल जिन दलितों के दम पर सरकार में है उनके खिलाफ अभी भी जहर उगलते रहते है  और आरक्षण विरोध के बात करते है ,

केजरीवाल धूर्त इतना है की अ एक तरफ तो आरक्षण का विरोध करता है दूसरी तरफ कांसीराम जी को भारत रत्न दिलाने की वकालत कर रहा है  कारण ?? पंजाब के चुनाव

वैसे ये धूर्तता इसके संस्कारों में भरी पड़ी क्योकि एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार इसके पिता  ने अपनी बहन का हिस्सा हडपने के लिए उसे अपनी माँ बता  दिया
इस वक्त केजरीवाल, संघ और मोदी एकी ही राह पर है