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Thursday 2 March 2017

एच डी ऍफ़ सी एर्गो की खुले आम लूट पैसे लेंगे , पालिसी चलायंगे ,लेकिन क्लेम नहीं देंगे

जन उदय : क्या पाने कभी सूना है की कोई इन्सुरेंस कम्पनी  या मेडिक्लेम कम्पनी यह कहे आप हमारी पालिसी ले लीजिये  हमें पैसे दीजिये लेकिन जब आपको  जरूरत पड़ेगी  तो हम आपको आपके पैसे देने  के बजाय  दिखायंगे   ठेंगा ??  जी  हाँ यही काम कर रहा है एच डी ऍफ़ सी एर्गो 

ऐसा ही किस्सा गाजिअबाद के वैशाली में स्थित पारस हस्पताल से सामने आया है जहा पर राज रानी नाम की महिला अपने इलाज के लिए अपनी मेडिक्लेम पालिसी ले कर पहुची . पालिसी देखने के बाद हस्पताल ने उसका इलाज शुरू कर दिया क्योकि वो जिस बिमारी का इलाज कर रहे थे वो बिमारी पालिसी के दायरे में आती थी और तीन साल पुरानी भी थी ,

लेकिन हद तो तब हो गई की इलाज करने के बाद पारस हस्पताल ने राज रानी के हाथ में ५२ हजार रूपये का बिल थमा दिया यह कह कर की एच डी ऍफ़ सी ने यह कह कर मना कर दिया है क्योकि  आपको थाइराइद की बिमारी भी है जिसका जिक्र आपने तीन साल पहले पालिसी लेते वक्त जिक्र नहीं किया था

इस पर राजरानी ने कहा की यह तो वह बिमारी ही नहीं है जिक्सा इलाज चल रहा है इलाज सिस्ट का है इसका थाईराइड से क्या मतलब लेकिन एच डी ऍफ़ सी के एर्गो ने यह कह कर राज रानी को मेडिक्लेम पास नहीं किया क्योकि उसमे उसने झूट बोला था .,

इस पर राजरानी ने कहा की हमने कोई झूट नहीं बोला क्योकि  हमसे यह तो पूछा  ही नहीं गया  था कि  आपको कोई ऐसी बिमारी  जो  लम्बे समय से चल  रही है या नहीं बल्कि यह पूछा गया की  आपका कोई एक्सीडेंट  या आपको ब्लड  प्रेशर , या हाइपर टेंसन तो नहीं  है , जिसकी रिकॉर्डिंग  भी एच डी ऍफ़ सी के पास मौजूद  है  और रही बात स्वास्थ सम्बन्धी  शिकायत की  तो खांसी  बुखार , फ्लू  झुकाम तो सबको  लगा रहता है तो  क्या इसकी  भी  जानकारी  देनी  चाहिए  थी  और अगर जरूरी   था यह  तो साफ़  साफ़ खोल  कर  क्यों  नहीं पूछा  गया , क्योकि  यह काम कम्पनी का था

जब राज रानी ने यह पूछा और कहा की अगर मुझसे गलती हुई तो आपने पालिसी देने से पहले इस बात की जांच क्यों नहीं की मैंने सच बोला है या झूट यानी एक टेस्ट जिसमे सारी बिमारी का पता चले इसको आवश्यक क्यों नहीं किया ??? इसका एच डी ऍफ़ सी के पास बिलकुल नहीं था , जिस बिमारी के इलाज के लिए क्लेम माँगा गया वो पालिसी में कवर है लेकिन फिर भी मेडिक्लेम नहीं दिया गया


राजरानी की घटना २० फरवरी २०१७ की है लेकिन इससे पहले हजारो ऎसी घटनाए होती रहती है कि जब लोग अपनी मेडिक्लेम पालिसी का क्लेम मांगते है उस वक्त एच डी ऍफ़ सी एर्गो और बैंक उनके क्लेम को मना रा देते है यानी यह एक तरह की अप्रत्यक्ष लूट और फ्रोड है जिसके जरिये ये लोगो को बेवकूफ बना कर पालिसी बेच देते है ...
इसके  बाद  राजरानी ने एच  डी ऍफ़ सी एर्गो   से पूछा  की अब मेरी पालिसी  का क्या होगा ??  तो एच डी ऍफ़ सी एर्गो  का जवाब था  की पालिसी  आपकी चलती  रहेगी ... एच डी  ऍफ़ सी की यह बात एक बहुत बड़े घोटाले  की तरफ  इशारा करती  है  की अगर आप कोई क्लेम देंगे  ही नहीं  तो  आप पालिसी  चलायंगे  ही क्यों ??? और आप  लोगो  से पैसे लेंगे  ही क्यों ??? बात  साफ़ है  मेडिक्लेम   और जनरल  इन्सुरेंस  के नाम  पर देश में बहुत बड़ा  घोटाला चल रहा है जो  हजारो  करोड़ का है  जिसे सरकारी  तंत्र  की शय  हांसिल है . मीडिया  या सरकार इसलिए कोई कार्यवाही  नहीं करते क्योकि  इन कम्पनियो  के माध्यम  से   करोडो  का विज्ञापन   और  चन्दा  मिलता है

हालांकि यह कोई पहली और आखिरी घटना नहीं है एच डी ऍफ़ सी की वजह से लाखो लोग परेशान घूम रहे है लेकिन न तो सरकार और न ही अपने आपको राष्ट्रवादी बताने वाला मीडिया इस पर कुछ बोल रहा है


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