Apni Dukan

Thursday 7 April 2016

गांधी दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में पड़ी वो लाश है जिस पर डॉक्टर वेंटीलेटर लगा कर लाश के घर वालो से पैसे कमाता है , और बाबा साहेब की बार बार हत्या की कोशिश के बावजूद वो मरे नहीं

जन उदय : दिल्ली ही नहीं देश में ऐसे फ्रॉड हॉस्पिटल है जो मरीज के मर जाने के बाद भी वेंटिलेटर लगा कर उसके परिजनों को यह दिखाता है कि मरीज जिन्दा है और उनसे खूब पैसे ऐंठता है .

दरसल गांधी भी एक ऐसी लाश है जिसको वेंटिलेटर पर लगा कर यानी उसके नाम की योजनाये बना कर , उसके नाम की किताबे निकाल कर , उसके तारीफ़ में लगातार लेख निकालाना  , हर विज्ञापन में उसकी तस्वीर लगाना उसके नाम की बिल्डिंग बना कर एन जी बना कर , उसके नाम से इनाम बना कर  और पेटू पत्रकारों और लेखको  को इनामो की बारिश करके 

वरना गांधी में ऐसी कोई बात नहीं  यो गोली  लगने से मर गया था और उसी वक्त उसकी शारीरिक  मौत के साथ उसकी वैचारिक मौत भी हो गई थी , लेकिन सरकार ने उसको जिन्दा रखने में अपनी भलाई समझी

जबकि इसके ठीक विपरीत सरकार ने अपने जातिवादी हथकंडो से बाबा साहेब की हत्या करने की बहुत कोशिश की उनको हर जगह  हर समय इग्नोर किया ताकि बाबा साहेब की कोई भी याद दलितों और पीडितो के दिमाग में न आये कुल मिला कर बाबा साहेब को लोग पूरा भूल जाए

लेकिन बाबा साहेब के शास्वत , विचार  जो भारत के दलित ही नहीं पूरी दुनिया के हितो के लिए थे इनको मार पाना इतना आसान न था  इसलिए बाबा साहेब हवा बन कर खुशबु बन कर , पूरी दुनिया के बुद्दिजीवीओ के बीच ज़िंदा  रहे , ये जरूर रहा की बाबा साहेब को उस वक्त कम लोग याद करते थे

लेकिन बाबा साहेब के विचारों के साथ जीने वाले लोगो ने उनकी विचारधारा को सम्पूर्ण मानवता के लिए है उसको फैलाना शुरू किया  और आज ये वक्त है की देश का हर युवा , हर औरत और बच्चा  हर पार्टी बाबा साहेब के विचारों को अपना  रहा है 


आज हर पार्टी की मज़बूरी है की बाबा साहेब को याद रखे और उनकी बात करे बाबा साहेब  के विचार भारत के दलितों को मुक्ति देने के लिए बने थे और यह निश्चित है की भारत के दलितों को मुक्त सिर्फ उनके विचारों से ही मिलेगी 

खप्पर नहीं भर रहा है डायन सिम्रिति इरानी का ,हैदराबाद , जे एन यु , डेल्टा मेघवाल के साथ किया जा रहा है एन आई टी श्रीनगर का साम्रदायिककरण

जन उदय : वैसे तो ये भारत का दुर्भाग्य  है भाजपा इस देश में आ गई है और इससे बड़ा  भी दुर्भाग्य यह है की इसका प्रधानमंत्री नरेंदर  मोदी है   और इससे भी बड़ा दुर्भाग्य यही की मोदी के सारे मंत्री एक दो को छोड़ ऐसे है जिन्हें कुछ  नहीं मालूम .


देश की महान शिक्षा मंत्री सिम्रिति इरानी संघ के अजेंडा को पूरा करते हुए देश की सभी शिक्षा संस्थाओं को बर्बाद करने में लगे है , देश में शिक्षा के बजट से लेकर फीस की बढ़ोतरी   और ये सब इसलिए हो रहा है ताकि  देश में गरीबो और दलितों को शिक्षा से वंचित किया जा सकते

जे एन यु , हैदराबाद जैसे संस्थाओं में षड्यंत्र  रचे गए जिससे देश में एक साम्प्रदयिक तनाव पैदा ही

अब इसी क्रम में श्रीनगर का एन आई टी को को निशाना बनाया जा रहा है , हलांकि वहा के छात्रो ने साफ़ साफ़ कह दिया है की हमारी समस्या हिन्दू मुस्लिम की बिलकुल नहीं है , लेकिन भाजपा इसका सम्प्रद्यिक करण कर रही है  ,

 सोशल मीडिया  और अपने चहेते  चैनल के जरिये  इसको हिन्दू मुस्लिम आग आग भड़का  रही है .

इस तरह के आन्दोलन में न जाने कितने घायल और कितने मर चुके और कितने मरेंगे   लेकिन न जाने इरानी का खप्पर कब भरेगा  

वो साली एन जी ओ और महिला आन्दोलन वाली ,देखती है पहले अपना और अपनी जाति का फायदा


जन उदय : न तो भारत में वो वक्त कभी था जब महिलाए स्वंतंत्र रूप से स्वतंत्र विचार के के रूप में एक सामाजिक शक्ति के रूप में सामने आई  और न अब है राजनीति में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित  होने के बावजूद इनके पीछे काम इनके मर्द ही करते है और ये सिर्फ कठपुतली बन कर रह जाती है .

 ठीक इसी तरह भारत के महिला आन्दोलन है जो विभिन्न राजनैतिक पार्टियो ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए खड़े किये हुए है इन आन्दोलन का काम महिला अधिकारों और हको की लड़ाई के नाम पर  महिलाओं को घुमराह  रखना , अँधेरे में रखना  है

भारत में वैसे भी जितने भी महिला आन्दोलन है उन पर सब पर ब्राह्मण बनिया महिलाओं का कब्जा है जो दिखाने को तो महिला मुक्ति के लिए काम करती है लेकिन अंदर ही अंदर ये दलित महिला आन्दोलन नाम का धंधा करती है , दलित आगे न बढ़े ऐसे षड्यंत्र रचती है ''
इन महिलाओं की ख़ास बात यह भी है की ये षड्यंत्र के रूप में सांस्कृतिक कार्यकर्म का आयोजन करती है , बस ये ये कार्यक्रम इनके सारे मकसद पुरे कर देता है

राष्ट्रीय , अन्तेर्राष्ट्रीय स्तर पर दलित महिलाए बहुत कम आ पाती है , जिसका कारण इन दलित महिलाओं की शिक्षा जो एक षड्यंत्र  के तहत इन्हें कोई अंतरराष्ट्रीय भाषा नहीं सिखने देती .
अभी कुछ दिन पहले राजस्थान में बाड़मेर जिले के एक महिला कोलेज में एक दलित लड़की डेल्टा मेघवाल का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई  पुलिस प्रशासन  ने इस बात को दबाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है लेकिन सोशल मीडिया की बदौलत ये मुद्दा  पुरे देश में छाया  हुआ है लेकिन फिर भी कोई भी महिला आन्दोलन वाली बाई , संस्था इस लड़की को इन्साफ दिलाने के लिए आगे नहीं आया है

आप हद देख सकते है की अपने आपको  राष्ट्रिय मीडिया कहने वाला  यह मीडिया लगातार इस बात को छिपा  रहा है और राजनैतिक स्तर पर भाजपा इस मुद्दे को दबाने के लिए कभी भारत माता , कभी कुछ अनर्गल मुद्दे  निकाल कर सामने ला रही है

 दलितों से भेदभाव  इसी से पता चलता है की  हालात डेल्टा के है की डेल्टा की लाश  को अस्पताल भी कचरा ढोने की गाडी में ले जाया गया डेल्टा के पिता की शिकायत  के बावजूद पुलिस सही ढंग से कार्यवाही नहीं कर रही है


सरकार ,पुलिस ,प्रशासन , में बैठे सभी जातिवादी लोग मामले को दबाने में लगे है

भारत महिला आन्दोलन है जातिवादी , डेल्टा मेघवाल दलित है इसलिए की नहीं मिल रहा इन्साफ


जन उदय : न तो भारत में वो वक्त कभी था जब महिलाए स्वंतंत्र रूप से स्वतंत्र विचार के के रूप में एक सामाजिक शक्ति के रूप में सामने आई  और न अब है राजनीति में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित  होने के बावजूद इनके पीछे काम इनके मर्द ही करते है और ये सिर्फ कठपुतली बन कर रह जाती है .

 ठीक इसी तरह भारत के महिला आन्दोलन है जो विभिन्न राजनैतिक पार्टियो ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए खड़े किये हुए है इन आन्दोलन का काम महिला अधिकारों और हको की लड़ाई के नाम पर  महिलाओं को घुमराह  रखना , अँधेरे में रखना  है

भारत में वैसे भी जितने भी महिला आन्दोलन है उन पर सब पर ब्राह्मण बनिया महिलाओं का कब्जा है जो दिखाने को तो महिला मुक्ति के लिए काम करती है लेकिन अंदर ही अंदर ये दलित महिला आन्दोलन नाम का धंधा करती है , दलित आगे न बढ़े ऐसे षड्यंत्र रचती है ''
इन महिलाओं की ख़ास बात यह भी है की ये षड्यंत्र के रूप में सांस्कृतिक कार्यकर्म का आयोजन करती है , बस ये ये कार्यक्रम इनके सारे मकसद पुरे कर देता है

राष्ट्रीय , अन्तेर्राष्ट्रीय स्तर पर दलित महिलाए बहुत कम आ पाती है , जिसका कारण इन दलित महिलाओं की शिक्षा जो एक षड्यंत्र  के तहत इन्हें कोई अंतरराष्ट्रीय भाषा नहीं सिखने देती .
अभी कुछ दिन पहले राजस्थान में बाड़मेर जिले के एक महिला कोलेज में एक दलित लड़की डेल्टा मेघवाल का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई  पुलिस प्रशासन  ने इस बात को दबाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है लेकिन सोशल मीडिया की बदौलत ये मुद्दा  पुरे देश में छाया  हुआ है लेकिन फिर भी कोई भी महिला आन्दोलन वाली बाई , संस्था इस लड़की को इन्साफ दिलाने के लिए आगे नहीं आया है

आप हद देख सकते है की अपने आपको  राष्ट्रिय मीडिया कहने वाला  यह मीडिया लगातार इस बात को छिपा  रहा है और राजनैतिक स्तर पर भाजपा इस मुद्दे को दबाने के लिए कभी भारत माता , कभी कुछ अनर्गल मुद्दे  निकाल कर सामने ला रही है

 दलितों से भेदभाव  इसी से पता चलता है की  हालात डेल्टा के है की डेल्टा की लाश  को अस्पताल भी कचरा ढोने की गाडी में ले जाया गया डेल्टा के पिता की शिकायत  के बावजूद पुलिस सही ढंग से कार्यवाही नहीं कर रही है

सरकार ,पुलिस ,प्रशासन , में बैठे सभी जातिवादी लोग मामले को दबाने में लगे है

दंगा फसाद मिलेगा ,लेकिन रोहित वेमुला और डेल्टा को न्याय नहीं मिलेगा ,कश्मीर में रो रही सिम्रिति इरानी सीरियल के आंसू


जन उदय : राजनैतिक मज़बूरी कहो या धूर्तता कहो भारत माता के नाम पर सारे देश को देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांटने वाली भाजपा ने पी डी पी से पाना गटबंधन जारी  रखा है लेकिन इस पार्टी के लोग भारत माता की जय नहीं बोलते .मुसलमानों के अलावा सिक्खों ने भी मना कर दिया है की वो किसी  भी भारत की जय नहीं बोलेंगे

भारत माता भाजपा के लिए इसलिए भी जरूरी है की कई राज्यों में चुनाव हो रहे है इसलिए अपने पुराने सिद्धांत के अनुसार इन्हें कुछ ऐसा करना ही है  यही नहीं महाराष्ट्र में पानी की कमी और धारा १४४ इस बात को दर्शाती है की भाजपा की केंद्र सरकार की तरह बाकी राज्यों की सरकारे भी फेल हो गई है

कमाल की बात  यह है की सिम्रिति इरानी जिस तरह कश्मीर में एन आई टी के छात्रो को देखने और अपना सीरियल वाले आंसू बहाने गई है  क्या उसने  कभी हैदराबाद के बारे में सोचा ??  क्या कभी ये सोचा की  डेल्टा मेघवाल जो एक राष्ट्रिय स्तर की छात्रा  थी उसको देखा जाए ??
एक दलित लडकी का बलात्कार और उसकी हत्या की खबर किसी राष्ट्रीय मीडिया या न्यूज़ चैनल में नहीं है , जाहिर है की वो लड़की ब्राह्मण बनिया नहीं है , क्योकि ब्राह्मण बनिया लडकियो के अलावा बाकी सब लडकिया या लोग जानवर से ज्यादा कुछ नहीं है .

ये बात सबको याद होगी की ज्योति पाण्डेय नाम की लड़की का दिल्ली की एक बस में बलात्कार हुआ और बाद में उसको मरने के लिए फेंक दिया गया . चूँकि यह लड़की ब्राह्मण थी तो जातिवादी मीडिया ने इसे राष्ट्रिय शर्म का मुद्दा करार दिया और पुरे देश को आंदोलित कर दिया . '

जातिवादी लोग लगातार दलित लोगो को प्रताड़ित कर रहे है लेकिन इनके लिए न तो कोई वजह  उठती है और न ही लोग केंडल मार्च निकालते है बल्कि सच्चाई यह है की इनकी हत्या करने वाले और बलात्कार करने वाले लोगो को सरकार की तरफ से अप्रत्यक्ष रूप से इनाम मिलते है
यु पी , मध्य प्रदेश , छतीसगढ़ , ओड़िसा ,बिहार , झारखंड , महाराष्ट्र गुजरात हर जगह दलित उत्पीडन की वारदाते बढ़ रही है

राजेस्थान के बाड़मेर जिले में डेल्टा नाम की एक राष्ट्रिय स्तर की एक मेघावी छात्रा की हत्या और बलात्कार हुआ लेकिन किसी भी बुद्धिजीवी ,मीडिया एन जी ओ की कान में जू तक नहीं रेंगी