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Sunday 3 December 2017

लोकतंत्र लिए सबसे बड़ा खतरा बनेगी सेना : सेना का भगवाकरण यानी ब्राह्मणों द्वारा सेना का आतंकी इस्तेमाल :


जन उदय : सेना में भ्रष्टाचार  उबर कर सामने आ  चुका है लेकिन सिर्फ ये एक मुद्दा नहीं जिसकी  वजह से डर  लगे . बल्कि असली मुद्दा यही है की सेना  के  जवानो में एक ऐसा राष्ट्रवाद का जहर  घोला जा रहा है जिसके जरिये सेना एक जातिय और धार्मिक आहार पर कट्टर बनती जा रही है और इसके सामने अब दलित नक्सलवादी , मुस्लिम आतंकवादी है और इस देश में केवल सवर्ण  ही राष्ट्रवादी  है देशभक्त है  और  ये सवर्ण  भाजपा , संघी , भगवा पण्डे , ही है  जो देश को अंधविश्वास और अज्ञान के अँधेरे में रखना चाहते है .  इनके ये काम कोई आज दस बीस साल में नहीं आये है बल्कि इसकी  इतिहासिक वजह है , इनका मानना  है दलित यानि शुद्र को सिर्फ सेवा का अधिकार है , उसका अपना कोई मानवीय अधिकार नहीं है  और अगर वह इस अधिकार  की मांग करता है तो धर्म का विरोध करता है और धर्म किसी  भी हाल में बचना चाहिए .

यही कारण रहा की आरक्षण होने के बावजूद  ८५ % सीट  पर ब्राह्मण और सवर्ण  विराजमान है और अपनी इस धूर्तता को छिपाने के लिए दिन रात प्रपंच रचता रहता है और पुरे देश को आरक्षण के बहाने  दलित के  खिलाफ जहर  घोलता  है .  बड़ी समान्य  ज्ञान की बात है की अगर किसी संसदीय  क्षेत्र में स्कूल कॉलेज , सडक , बिजली , डिस्पेंसरी , अस्पताल खोलना हो तो कितना समय लगेगा  , और इस कार्य को पंचायत , विधायक , सांसद  तीन तरफ से फण्ड  आता है  ??  तो अप कहेंगे हद से हद दस साल जयादा समय लगा तो बीस साल ,. लेकिन इस देश में  साथ सालो में ऐसा नहीं हो पाया  कारण ब्राह्मण – सवर्ण इस बात को चाहते  ही नहीं थे , की गरीब दलित , आदिवासी , शुद्रो के इलाको को विकसित  किया जाए यानी ये देश के विकास का पैसा खा गए , लोगो के मूह से निवाला छिना , शिक्षा  छिनी  तो इनसे बड़ा  गद्दार कौन  हो सकता है ??/  ये देश के सबसे बड़े गद्दार  और देशद्रोही है  लेकिन इनकी धूर्तता देखो  दो चार राजनैतिक  धड़े बना कर कहते है भ्रष्टाचार  हो .. नहीं ये भ्रस्तचार  नहीं  देशद्रोह है

 खैर  भारत के जातिवादी लोग आरक्षण का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं करते की इसके आधार पर सदीओ से पिछड़े लोग आगे आ जाएंये , बल्कि इसलिए करते है की अगर ये पिछड़े लोग आगे बढ़ गए , पढ़ लिख गए तो इन ब्राह्मणवादीओ के सारे झूठे ग्रन्थ , भगवान् की पोल खोल देंगे , पुरे दुनिया अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे और सबसे बड़ा डर यह की ये दलित पीड़ित लोग अपने उपर हुए हर जुल्म का बदला लेंगे , इसलिए यह जातिवादी लोग हमेशा घबराए रहते है और इनकी घबराहट आरक्षण के विरोध में साफ़ झलती है , , इन्हें दरअसल डर है और इनके सभी काम इसी डर और भय के आधार पर होते है

जैसे इन्हें कोई चिंता नहीं की आरक्षण के आधार पर क्लर्क , चपरासी , की नौकरी दलितों को मिल जाए लेकिन ये नहीं चाहते की आरक्षण के आधार पर दलितों को शिक्षा मेडिकल , इंजीनियरिंग , विज्ञान और रिसर्च में नहीं अनाए देना चाहते . और हुआ भी यही है आरक्षण का रोना जितना मर्जी रोते रहे लेकिन इन क्षेत्रो में दलितों का प्रतिशत बहुत ही कम है या कहे न के बारबार है , हर जगह ब्राह्मण , बनिए घुसे है और यही कारण है की देश अब बरबादी के कगार पर पहुच गया है पूरी दुनिया में भारत की थू थू हो रही है लेकिन इन बेशर्मो को कोई फर्क नहीं पढ़ता


जातिवादियो में एक बहुत बढ़ा डर इस बात का है की इनसे दलित बदला लेगा सो इन लोगो ने सेना में आरक्षण के लिए मना कर दिया यह कह कर की ये देश की सुरक्षा का सवाल है , बिलकुल सही देश की सुरक्षा के नाम पर इस जातिवादी सेना ने क्या किया है ?? हर जगह पीटने का इनका रिकॉर्ड है , हाँ कश्मीर , और आदिवासी क्षेत्र जहा पर गरीब लोग रहते है निहत्थे रहते है उनकी हत्या बलात्कार के अच्छे रिकॉर्ड है और यह हम नहीं कहते दुनिया के मानवधिकार सन्घठन कहते है

इसके अलावा जब सेना में आरक्षण है ही नहीं तो नौकरी के प्राथना पत्र में जाति क्यों पूछी जाती है ?? इस बात का इनके पास कोई जवाब नहीं , होगा भी नहीं क्योकि ये सब एक षड्यंत्र के तहत है यानी दलित को नहीं आने देना ताकि भविष्य में अगर कुछ हो जाए जैसे गृह युद्ध तो दलित सेना में नहि होंगे तो सेना दलितों का संहार बड़ी आसानी से कर सकेगी

इसके अलावा जाति के नाम पर सेना में रजिमेंट है मराठा , जाट , सिख आदि तो ये सब क्यों ?? अगर आप इमानदार है और देशभक्त है तो कम से कम देश की सेना में ये जातिवादी दृष्टिकोण नहीं होना चाहिए  

अब इस देश के हलात ऐसे है की आने वाले समय में एक गृहयुद्ध   लाजिम  है और ऐसा नहीं की ये जातिवादी  ब्राह्मणवादी  ताकते  इस बात को समझते नहीं  बल्कि ये लोग इतना समझते है की इन्होने सेना  में जातिवाद इतना भर  दिया है की अगर कोई भी खुनी  या रक्तहीन क्रान्ति होने लगी तो  उस वक्त सेना का इस्तेमाल इस  विद्रोह को दबाने  के लिए इस्तेमाल करेंगे .

लेकिन देश की सेना ऐसा क्यों करेगी ?? वो तो निष्पक्ष  है , नहीं बिलकुल नही बल्कि  इस देश में होने वाली समाजिक क्रान्ति को दबाने के लिए सेना के जवानो में फैला  ब्राह्मणवादी  राष्ट्रवाद का जाहर काम करेगा ,

सेना के जवान को बताया जाता है की मुस्लिम देश के लिए खतरा है , उनको बताया जाता है आरक्षण देश के लिए खतरा है आरक्षण मतलब  दलित देश के लिय खतरा है और ये जवान किसी ने किसी तरह से ग्रामीण  प्रष्टभूमि  से आते है , जहा पर इनका पता चलता है की अब दलित मैला  नहीं उठाता  , चमार अब उन्को सलाम नहीं करते बल्कि अच्छे अच्छे  कपडे पहन कर घूमते है  बल्कि उनसे अच्छे बस  इन जवानो को यानी जातिवादी  जवानो  को यह बर्दास्त  नहीं  होता  इस लिए  हम कह सकते है सेना का पूर्णरूप से भगवाकरण  हो चुका है , जिस सेना के जनरल  कश्मीर में मुस्लिम को मारते है , आदिवासिओ  को मरते है वो भी निर्दोष लोगो को और उनके जनरल भगाव पार्टी ज्वाइन करते है  इस बात के बहुत बड़े मतलब ही और बहुत बड़े खतरे  है 

indian army has become the weapon of Saffron terror and to control  and suppress civil war in india