71 साल की उम्र में लालू प्रसाद पुलिस कस्टडी में
रहते हुए अस्पताल में भर्ती है।
बीमार है। शुगर बढ़ा हुआ है। रक्तचाप की गंभीर
शिकायत है। अभी फ़िस्टूला की सर्जरी हुई है। ओपन हार्ट सर्जरी हुई है। किड्नी में
पथरी है।
बीजेपी शासित झारखंड के सबसे बड़े हॉस्पिटल RIIMS
ने
लिखकर जेल प्रशासन को दे दिया है कि लालू प्रसाद को बेहतर ईलाज के लिए अतिशीघ्र
दिल्ली के AIIMS हॉस्पिटल भेजना चाहिए।
सामयिक हार्ट चेकअप के लिए Asian Heart Institute
मुंबई
भेजना चाहिए जहाँ इन्होंने ओपन हार्ट सर्जरी करवाई थी।
भाजपा शासित प्रशासन में किसी को भी मिलने नहीं
दिया जा रहा। शुभचिंतक और पूर्व मुख्यमंत्री तक मिलने के लिए हॉस्पिटल और जेल के
बाहर खड़े रहते है।
परिवार के प्रत्येक सदस्य के ख़िलाफ़ केस कर
दिया गया है। देश की तीन सबसे बड़ी एजेन्सी पत्नी और बच्चों को लगातार परेशान कर
रही है। छापे मार रही है, पूछताछ के लिए बुला रही है।
बीजेपी से लड़ने के नाम पर नीतीश कुमार जैसे
अवसरवादी छुरा घोंप लालू और बच्चों को निपटाने के लिए भाजपा से मिल जाते है।
22 साल से कोर्ट,जेल और मनुवादी
मीडिया का सामना कर रहा है।
फिर भी जेल से कोर्ट जाते समय मीडिया वालों के
सामने यह शेर फिर भी दहाड़ कर मोदी को छाती ठोंक चुनौती देते रहता है।
जेल में रहते हुए भी उनकी पार्टी एकजुट ही नहीं
बल्कि इन्होंने बीजेपी के सहयोगी भी तोड़ दिए।
जेल से ही झारखंड के समूचे विपक्ष को एकजुट ही
नहीं किया बल्कि सभी को मिलाकर एक राज्यसभा की सीट कांग्रेस को जीतवा दी। हेमंत
सोरेन को जेल बुलाकर समझाया।
जेल में रहकर उपचुनाव जीता रहे है। ग़रीब के
मुद्दे उठा रहे है। किसानों की चिंता कर रहे है।
बिहार को दंगों से बचा रहे है। गंगा-जमुनी
तहज़ीब की बात कर रहे है।
आरएसएस को जातिवादी संगठन बताकर उसे उखाड़
फेंकने का आह्वान करते है।
बहुजनों की एकता और सामाजिक न्याय की बात कर
रहे है।
आज तो गजब हो गया एक ही केस में दो धारा लगाकर
लालू जी को 7+7= 14 साल की सज़ा सुना दी। कोर्ट का कहना है कि
लालू प्रसाद ने पैसा नहीं लिया लेकिन साज़िश की है और पैसा लेने वाले सभी आरोपियों
को बरी कर दिया।
अकेले लालू में ऐसा क्या है कि सभी हथौड़े,
तलवार,
बंदूक़,
बम
और तोप इन्हीं पर चलाई जा रही है। कुछ तो बात है बंदे में। इन्होंने तुम्हारा ऐसा
क्या बिगाड़ दिया? यह भ्रष्टाचार का मामला तो क़तई नहीं हो सकता।
लेख : श्री दिलीप मंडल
लेख हैडिंग जन उदय