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Tuesday 3 May 2016

जानिये कैसे जातिवादी आतंकवादियो की कमर तोड़ी जा रही है बिहार में , बर्बाद हो जाएंगे सब निकट भविष्य में

जन उदय : दुनिया में किसी  भी समाज को देखो  जो समाज जमीन पर कब्जा रखते है जिनकी आर्थिक स्थिथि  मजबूत है वही लोग दबंग कहलाते है और  उनकी आने वाली पीडिया भी दबंग निकलती है उनका मनोबल इसलिए हमेशा उपर रहता है

यही कारण है भारत में भी उच्च जाति  वाले जिन्होंने इस  देश की सारी जमीनों पर कब्जा कर लिया गरीबो की सारी  जमीने  छीन ली  वो भी जाती के नाम पर और वह भी यह बता कर की भगवान् का आदेश है की नीच जाति  वाले जमीन नहीं  रख सकते . . गरीबो को खून चूस चूस कर इन लोगो ने अपनी तिजोरिया भर ली . आजादी के बाद उसी पैसे और जमीन के दम पर इन्होने तरह तरह  के व्यापार  किये कम्पनी खोली , कारखाने खोले  और जिन लोगो की जमीन थी उन्ही लोगो को वहा मजदूर रखा .

अगर हम इस  देश में सिर्फ शराब के कानूनी धंधे  को देखा जाए तो यह सालाना दस  लाख  हजार करोड़ से उपर का है  और यह पैसा  सारा  जाता है इन्ही जातिवादी लोगो के खाते में यानी ये और मजबूत हुए  और उसी सामाजिक और आर्थिक मजबूती का फायदा उठाते हुए ये लोग समाज में दलित लोगो पर जुल्म करते है , सिर्फ इतना ही नहीं इसी पैसे के दम पर ये लोग   राजनैतिक सत्ता में रहते है  उसी सत्ता के दम पर ये लोग मीडिया  चलाते है  , और दलितों के खिलाफ निति निर्धारित  करते है

लेकिन अब बिहार सरकार ने इन जातिवादियो की के खिलाफ निति निर्धारित करना शुरू कर दिया है  वह है बिहार में शराबबंदी , बिहार में शराब  के   सभी ठेके इन्ही जातिवादियो के है जिनसे हजारो करोड़ की कमाई होती है ,  अगर ये शराब के ठेके बंद होते है तो हजारो करोडो की इनकी कमाई बंद हो आएगी  जो एक बहुत बड़ा अघात होगा
इसके अलावा बिहार सरकार की अगली कार्यवाही इन जातिवादियो के खिलाफ करने वाली है वह है ट्रांसपोर्ट  बिज़नस  जिसकी भी हजारो करोड़ की कमाई हर महीने इन जातिवादियो की होती है सो बिहार सरकार बहुत जल्द ही इन सारी  बसों  को अपने सिस्टम से बाहर निकाल देगी और उनकी कंडिशन्ड  के आधार पर उनको रोड पर नहीं चले देगी , यानी एक और बहुत बड़ा  अघात

जब इन जातिवादियो से यह आर्थिक शक्ति छीन  जाएगी तो इनकी धीरे धीरे अक्ल  अपने आप ठिकाने आ जाएगी , लेकिन अभी भी इसमें एक बात बाकी है की नितीश सरकार को धीरे धीरे  गरीबो और दलितों के आर्थिक  शास्क्तिकरण की  भी नीतिया बनानी होंगी   और ये काम तभी हो सकता है जब हर जगह  आरक्षण सही ढंग से लागू होगा


जातिवादी जजों की चिंता है प्रमोशन में आरक्षण से लेकिन कभी इस बात की चिंता क्यों नहीं की जिनको आरक्षण का लाभ नहीं मिला उसको मिले और बेक लॉग खत्म हो

 जन उदय :  हाल में में  जातिवादी   ब्राह्मण  जजों  ने  प्रमोशन में आरक्षण को यह कहते हुए खत्म कर दिया की यह तर्क संगत नहीं और देश को बाँट  रहा है और इससे गुणवत्ता  पर फर्क पढ़  रहा है यानी जो  लोग आरक्षण  आगे आये है उनमे योग्यता की कमी है

बहुत  अच्छा  किया जज साहेब ने लेकिन जज साहेब ने नहीं   बताया की जिन्हें आरक्षण नहीं मिला यानी ब्राह्मण बनिए  ने अपनी योग्यता के दम  पर क्या क्या चमत्कार किये है  लेकिन ये बताना  भूल  जाते है ये जज

इसके अलावा सुप्रीम  कोर्ट ने समाज में फैली विषमता जो जातिवाद के कारण फैली है जिसके कारण आरक्षण दिया जाता है उसको दूर करने के लिए कभी भी कोई रोड मैप  नहीं दिया

कभी हमारी आदरणीय ब्राह्मण न्यायपालिका ने यह नहीं कहा की आरक्षण जिन लोगो के लिए था उन लोगो को इतने सालो बाद  भी क्यों नहीं मिला , क्यों उनके हिस्से का माल / यानी आरक्षण सब ब्राह्मण खा   गए  और जो  खा गए उन पर केस   या अपराधिक  मुकदमे  क्यों नहीं  चलाये  गए

हमारे ब्राह्मणवादी जज  कभी ये कोशिस क्यों नहीं करते की जो बकाया   आरक्षण  है उसके लिए सरकार जल्द से जल्द कदम उठाये

कोर्ट ने ये कभी  क्यों नहीं कहा की  या कोई रिपोर्ट  मांगी की  की जिनका आरक्षण था मिला या नहीं उन लोगो को ?/


नहीं ऐसा कभी नहीं करेगी  और साथ में जातिवादी  मीडिया में इस बारे में कुछ नहीं कहेगी