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Monday 10 July 2017

जानिए कैसे ब्राह्मण चलाते है लश्कर के आतंकवादी मोडुल


लखनऊ।जम्मू-कश्मीर पुलिस की गिरफ्त में लश्कर के संदिग्ध आतंकी संदीप शर्मा उर्फ आदिल के बारे में यूपी एटीएस सूत्रों का कहना है कि उसने एक कश्मीरी लड़की के प्यार में पड़कर इस्लाम कबूल किया था. उसने उस लड़की से शादी भी कर ली थी. हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इससे इंकार किया है. उनका कहना है कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं.

सूत्रों के मुताबिक, करीब आठ साल पहले संदीप शर्मा काम की तलाश में कश्मीर गया था. वहां उसे एक कश्मीरी लड़की से प्यार हो गया. उसने अपना उससे शादी के बाद अपना धर्म बदल कर इस्लाम स्वीकार कर लिया. वह एक बार अपने घर वोटर आईडी लेने आया था. वह पहले से ही आपराधिक पृष्ठभूमि का रहा है. यूपी में भी कई वारदात कर चुका है.

संदिग्ध संदीप ने लश्कर के आतंकियों के साथ मिलकर कई वारदातों को अंजाम दिया है. उसका नाम बैंक और एटीएम लूट में भी शामिल है. इस तरह पहली बार आतंकी हमले के तार घाटी के बाहर यूपी से जुड़े हैं. संदीप के पिता का नाम रामकुमार शर्मा है, जो अब इस दुनिया में नहीं है. 8 साल पहले उसका परिवार मकान बेचकर अंकित विहार में आ गया था.


संदीप शर्मा का एक भाई है. उसका नाम प्रवीण शर्मा है. आस-पड़ोस के लोगों का कहना है कि संदीप कम पढ़ा-लिखा था. खुराफात करता रहता था. करीब सात-आठ साल पहले कश्मीर चला गया था. वह 2012 में घाटी में आया था. 2017 में आतंकवाद में शामिल हो गया. संदीप ने मानेर शाह और शाहिद अहमद के साथ एक गिरोह बनाया और आतंकियों से मिला.

पुलिस के मुताबिक, आदिल ने आतंकियों के साथ मिलकर कई वारदातों को अंजाम दिया. वह 16 जून को एसएचओ फिरोज डार की हत्या में भी शामिल था. पहली बार कोई गैर-कश्मीर युवक लश्कर में शामिल हुआ है. संदिग्ध आतंकी दो पहचान के साथ रहता था. कश्मीर के लिए आदिल था, तो यूपी के लिए संदीप था. यूपी एटीएस की टीम कश्मीर पहुंच रही है.


फोटो एंड न्यूज़ तीसरी जंग 

ब्राह्मण राजपूत समेत सभी गुंडों की मौज है यु पी में , मिल रहा है मुआवजा और पेंसन . दुनिया सबसे बड़ा गुंडा प्रदेश है यु पी


ऊंचाहार में मारे गए ब्राह्मण नहीं अपराधी व शूटर थे योगी के मंत्री के बयान से मचा हड़कंप, देखें कौन है ये मंत्री
कुशीनगरऊंचाहार में मारे गए 5 ब्राह्मणों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहाँ एक तरफ पुरे प्रदेश की ब्राह्मण संगठन हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं तो वहीं योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने मारे गए सभी लोगों को शातिर अपराधी करार दे दिया है।

योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामीप्रसाद मौर्या ने शनिवार को कहा कि, ऊंचाहार में ब्राह्मणों की हत्या नहीं हुई है, अपराधियों की हत्या हुई है, सभी हिस्ट्रीशीटर थे। उनके ऊपर थानों में गंभीर मामलों मे केस दर्ज है।
योगी के मंत्री ने सपा विधायक मनोज पांडेय पर आरोप लगाया कि ग्रामप्रधान राजा यादव की हत्या करने के लिए उन्हें भाड़े पर बुलाया गया था। मारे गए लोगों मे एक भी व्यक्ति रायबरेली जनपद के निवासी नहीं है। मारे गए सभी फतेहपुर व प्रतापगढ के रहने वाले हैं।

सपा व कांग्रेस पर पर बरसते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि, सपा व कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसीलिए दोनों पार्टियां लाश पर राजनीति कर रही हैं। ऊंचाचार में पांच लोगों की हुई मौत जनआक्रोश का प्रतिफल है। दोनों पार्टियां हमें बदनाम करने के लिए कुचक्र रच रहीं है। भीड़ द्वारा प्रतापगढ व फतेहपुर के लोग मारे जाते हैं और वाई श्रेणी की सुरक्षा विधायक मनोज पांडेय मांग रहे हैं।
दूसरी खबर

पिछले दिनों रायबरेली में बीते दिनों पुरानी रंजिश को लेकर पांच ब्राह्मणों की हत्या कर उन्हें गाड़ी में बंद करके जला दिया गया था। इसी मामले में ब्राह्मण समाज ने तीखा विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए और मृतकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए

रायबरेली जिले के ऊँचाहार थानान्तर्गत इटौरा बुजुर्ग गाव सुर्ख़ियों में है ।जनपद प्रतापगढ़ के संग्राम गढ़ गाँव के रहने वाले रोहित शुक्ल ,बृजेश शुक्ल ,नरेंद्र शुक्ल और इनके दोस्त अनूप मिश्र ,तथा अंकुश मिश्र स्कॉर्पियो गाड़ी से इटौरा बुजुर्ग गाँव के प्रधान राम श्री यादव के घर हत्या करने के इरादे से हमला कर दिये ।

        चूँकि रोहित शुक्ला नेवासे मिलने की वजह से इटौरा बुजुर्ग गाँव में आता जाता था और पिछड़ी जाति बाहुल्य वाले गाँव में प्रधान बनने की लालसा से वह अधिकतर गाँव में दबंगई किया करता था । प्रधानी चुनाव में हारने के कारण वह राम श्री यादव को अपने रास्ते से हटाना चाहता था ।

           इसी कायरता पूर्ण कार्य को अंजाम देने के लिये रोहित शुक्ला अपने बदमाश दोस्तों के साथ ब्र्हाम्नी व्यवस्था के मजबूत पायदान पर बैठकर राम श्री यादव के परिवार को ललकारने लगा ।प्रधान परिवार के लड़के अपनी जान बचाकर गाँव की तरफ़ भागे ,लोकप्रिय प्रधान के परिवार को भागता देख भारी संख्या में रात्रि के नौ बजे के आसपास ग्रामीणों ने हमलावरो को खदेड़ लिया ,हमलावर स्कॉर्पियो गाड़ी में बैठकर भागते समय बिजली के खम्बे से टकरा गये । जोरदार झटके से गाड़ी में आग लग गयी ,गाड़ी से उतरकर तीन लोग भागने लगे इतने में ग्रामीणों ने उन्हें लाठी दंडों से पीटकर मार  डाला ,दो लोग गाड़ी में से उतर कर न भागने की वजह से जल गये , प्रत्यक्ष दर्षियो के द्वारा पोलीस को बताई गई घटना को a.d.g.police ने प्रेस कांफ्रेंस में ये बात कही थी ।


           दूसरे दिन यादव प्रधान के परिवार को फँसाने के लिये रणनीति बनायी जाने लगी ,दैनिक  समाचार पत्रों के ब्राह्मण पत्रकारों ने सबसे पहले इस घटना को तोड़ मरोड़ कर लिखना चालू किया ,उसके बाद देष भर के ब्राह्मण संघटन एकजुट होकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट,तथा बिजलीघर से बिजली व्यवस्था की दुहाई देकर हमलावरो को हत्यारा N बताकर ब्राहम्ण की हत्या के जिम्मेदार लोगों को मुलजिम बनाने का प्रचार करने लगे ।

       प्रधान के घर के चार लोँगो को पुलिस ने ग्रिप्तार कर लिया है ,पूर्व ब्लॉक प्रमुख शिव कुमार यादव को मुख्य साजिश करता मानते हुये रात्रि में ग्रिप्तार कर लिया ।

   पूरे देष के ब्राह्मण यादव परिवार को तहस नहस करने पर उतारू हैं ,आप अपना नैतिक समर्थन दीजिये ,आप भी यादव समुदाय को इकठ्ठा करके मांगपत्रक अपने अपने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजईये  परिधि न्यूज़

क्योकि रोज रोज लालू और मुलायम जैसे नेता नही बनते ऐसे नेता वर्षों में एक ही नेता मिलते है
यादवो में भी बहुत नेता है सब नाम के और तो और सिर्फ चापलूस
मुझे याद है बिहार में यादवो के खिलाफ गाली गलौज किया गया यहाँ तक यादव जाती को आतंकवादी बताया गया फिर भी किसी यादव ने कुछ नही बोला यहाँ तक कि भाजपा में बहुत यादव नेता थे उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ नही बोला  आखिर क्यों ???

सिर्फ राजद ने ही पूरा बिहार में यादवो के खिलाफ बोलने वालों को आड़े हाथ लिया था  क्या राजद ने ही सिर्फ यादवो का ठेका ले रखा है??

देश के नौजवान बहादुर तेज बहादुर यादव के खिलाफ  भाजपा  ने दाल की कीमत उसका नौकरी खाकर चुकाई कोई भाजपा  यादव नेता ने नही कुछ बोला आखिर क्यों???


यूपी में नाम के आधार पर ही देखते पुलिसकर्मी को तबादला कर दिया जा रहा और इसपे तेजश्वी यादव ने जमकर लताड़े है लेकिन फिर भी कुछ यादव बोलता है लालू तेज तेजश्वी ने यादवो के लिए क्या किया तो मैं उन मूर्ख यादवो को बता देना चाहता हुँ इनलोगों ने  आवाज देंने का काम किये है और आवाज बुलंद रहने के बाद ही हक मिलता है सुधर जाओ यादवो और इस दुख की घड़ी में लालू जी का साथ दे और अपना यादव एकता का परिचय दे वरना हक और  आवाज दोनों  फिर से दबा और कुचल दिया जाएगा घोटाला तो बहुत हुआ है, उस पर सी बी आई क्यों नहीं लगता केन्द्र सरकार , सिर्फ यादव को अलग थलग करके सभी गरीबो को सामन्ती शासन करने की साजिश किया जा रहा है, आरक्षण  को भाजपा  ख़त्म करना चाहती हैं, लेकिन लालु यादव और मुलायम सिंह यादव ही भाजपा के रास्ते का काँटा है, इसलिए इनलोगो को फँसाकर रास्ते से हटाने का रास्ता खोज लिया हम सभी दबे कुचले भाई, बहनो से अनुरोध है की केन्द्र सरकार की साजिश का मुँहतोड़ जवाब देना होगा !!  तेजस्वी तदव 

Saturday 8 July 2017

चोंकाने वाले तथ्य जान कर रह जाएंगे दंग ,अदालत ने न्याय नहीं बदला लिया ज्योति पाण्डेय उर्फ़ निर्भया मामले में


जन उदय :  १७ दिसम्बर २०१२ का वह मामले जिस के लिए भारतीय  जातिवादी विक्षिप्त मीडिया ने न सिर्फ भारत के लोगो  को भी गुमराह किया बल्कि विदेशो  में  भी इस मामले को सिर्फ इसलिए पहुचाया  क्योकि  यह मामला  एक ब्राह्मण लड़की  से जुड़ा  था   वर्ना  महिलाओं  की इज्जत करने वाले  इस मीडिया  को शायद खबर नहीं की   भारत में रोज लगभग  छ  दलित  महिलाओं  के बलात्कार होते है  लेकिन कभी भी इनको इस बारे में   चिंता  नहीं होती है .
खैर  अब हम रुख करते  है  ज्योति पाण्डेय उर्फ़  निर्भया के केस में  जैसे  है  सुप्रीम  कोर्ट ने मुलजिमो को मौत की सजा सुनाई  तो सब के सब  मानवतावादी , प्रगतिवादी   महिलाओं  और  पुरुष  ब्राह्मणों  ने ख़ुशी जाहिर की और  कहा  की न्याय  हो गया   और पुरे देश में यही कहा गया

कमाल की बता है  की  पुरे देश क्या पूरी दुनिया को यह बताया  गया  की मुलजिमो ने  लड़की यानी ज्योति पाण्डेय  उर्फ़  निर्भया  का बलात्कार करने के बाद  उसके निजी  अंग  में एक लोहे  की  रॉड  डाली  और उस रॉड  को घुमा घुमा  कर उसके जरिये  उसके सारे निजी  अंग को बाहर निकाल दिया . यही  नहीं सुप्रीम कोर्ट ने



ज्योति पाण्डेय उर्फ़ निर्भया केस में  चार सो  पेज के  फैसले में  आयरन  रॉड   शब्द का इस्तेमाल  १२ओ  बार  किया है  जबकि  हकीकत यह है  की इस लड़की यानी ज्योति पाण्डेय  का सिंगापोर  के जिस अस्पताल में इलाज  हुआ  उस अस्पताल  की रिपोर्ट यह कहती है की ज्योति पाण्डेय उर्फ़  निर्भया  के निजी अंग सुरक्षित    रहे यानी उसमे कोई भी  रॉड  नहीं डाली  गई और  न  ही किसी हथियार से उसको क्षति  पहुचाने की कोशिस  की गई
कमाल की बता है  की दुसरे दिन से  ही भारत का मीडिया  आखिर किस बिनाह  पर और सुप्रीम कोर्ट तक किस बिनाह पर इस बात का जिक्र  किए जा रहे थे ??  कहने वाले  यह भी कह सकते है  की जन उदय  किस   बिनाह पर कोर्ट के फैसले  और सबूतों  के खिलाफ बोल  रहा है ??  तो जन उदय का जवाब है  कि  इसके पास  सबूत  है है  और सबूत के  नाम पर   भारत ही नहीं  दुनिया  की सबसे विश्वसनीय  किताब / जर्नल  economic % political weekly  3, june 2017 ,  VOL. LII No. 22 , “Justice or revenge in Nirbhya verdict    by  Anand Teltumbde में  इस विषय  पर एक शोध   लेख  छपा  है जिसको आधार  बनाया  जा रहा है  जिसमे सिंगा पोर के अस्पताल  की  रिपोर्ट  का हवाला दिया गया  है  . और  उसी  लेख की स्कैन  कॉपी  फोटो  के स्थान पर लगाईं  जा रही है




आखिर क्या वजह थी  मीडिया के पास  ?/  तो वजह साफ़ है इस देश में की ब्राह्मण लड़की  का बलात्कार हुआ था जो ब्राह्मण सरकार को  रास नहीं आया इसलिए सोच समझ कर तथ्यों  को नजरअंदाज कर जातिवादी  तरीके से इस खबर को पेश किया गया या करवाया  गया  और फैसला दिया गया ... अगर न्याय  की दृष्टि  से देखा जाए तो निर्भया उर्फ़ ज्योति पाण्डेय  के बलात्कारियो के साथ में  न्याय नहीं हुआ बल्कि  उनकी सुनोयोजित   हत्या   है ये

India Media with the brahman Government  mislead the India about Nirbhya Case as all culprit put the iron rod in the private part of Jyoti Singh Pandey / Nirbhya   en trailing all internal part of her vagina  which 100 %   false and lie  as  per the report of the Hospital in Singapore where Nirbhya was treated  mentioned in its report  that her private part was intact