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Sunday 20 March 2016

भारत माता या पिता है , जल्द हो फैसला


जन उदय : वैसे तो भारत की जय  बोलना  ये  संघियो का चुनावी स्टंट  था और इनको लगता था ये लेकिन इनको ये लगता था की ये लोग जो खुद एक नम्बर के देशद्रोही है और अपने निजी फायदेके लिए कभी   

अंग्रेजो की चमचागिरी करते थे , कभी मुघलो की चमचा गिरी करते थे , इस देश को बर्बाद करने में ये सबसे आगे रहे 

दंगे  करवाने में इनकी पी एच डी है लेकिन इस बार भारत के लोगो ने इनकी नस को पकड़ लिया और इनसे पूछ ही लिया ये इनकी भारत माता कौनसी भारत माता है  जो भगवा झंडा  लिए कड़ी है   फिर ये जाति की ब्राह्मण  , संस्कृत  बोलने वाली ही  क्यों  है ??


खैर  इस पर बहस हुई  और इन संघियो  की पोल खुल  गई लेकिन इस बहस के दौरान एक बात पर और बहस हो  जाने चाहिए की ये भारत माता है या पिता ??  क्योकि  भारत  तो नाम पुरुष है  तो वह माता कैसे हो गई 

शीघ्रपतन की समस्या दूर करने के लिए खाने में शामिल करें ये आहार

आज हम आपको इस आर्टिकल में शीघ्रपतन की समस्या दूर करने के लिए आपके खाने में शामिल करने वाले कुछ आहारों के बारे में बताएगें। डॉक्टरों का कहना है कि शीघ्रपतन का उम्र के साथ सीधा संबंध होता है। यह समस्या पुरुषों की उम्र बढ़ने और और टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गिरावट होने से होती है। ऐसे में अगर आप इस समस्या से निजात पाना चाहते हैं तो अपने आहार में इन कुछ खाद्य पदार्थो का सेवन जरुर कीजिए।

इस पदार्थो का सेवन करने से आपको किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नही होगा। -अगर आपको शीघ्रपतन की समस्या है तो इसे दूर करने के लिए आप हर रोज 2 अंडे जरुर खाएं क्योंकि इसमें विटामिन डी होने के कारण यह आपकी सेक्स ड्राइव को बढाता है। -डार्क चॉकलेट में अमीनो एसिड पाया जाता है जो कि हार्मोन के प्रोडक्शन पर असर डालता है। इसे खाने से पुरुष के यौन अंगों तक खून का दौरा बढ़ जाता है।


 -गाजर में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। इसे खाने से मासपेशिया मजबूत होती है और यौन अंग में रक्त के प्रवाह को और आसान बनाती है। -ओट्स में सेरोटोनिन होता है, जो कि दिमाग से तनाव के लेवल को कम करता है। इसलिए आपको आपने खाने में ओट्स को जरूर शामिल करना चाहिए। -

शीघ्रपतन से आराम पाने के लिए आपको अश्वगंधा खाना चाहिए क्योंकि इसे खाने से शारीरिक मजबूती आती है और नपुंकसता भी दूर हो जाती है। -एवोकाडो में विटामिन सी,के और बी होते हैं, जो हमारे शरीर में खून के फ्लो को जरुरी अंगों तक पहुंचाता है। इसका सेवन करने से सेक्स लाइफ बेहतर हो जाती है।

 -केले का सेवन करने से पुरुषों में स्पर्म की संख्या बढती है क्योंकि इसमें विशेष प्रकार का एंजाइम होता है, जो सेक्स ड्राइव को बढाने में मददगार होता है। -अखरोट में बहुत सारा प्रोटीन और जरुरी मिनरल्स होते हैं। इसके सेवन से नपुंसकता और शीघ्रपतन का इलाज होता है।










निजी स्थान पर अश्लील हरकत अपराध नहीं: हाईकोर्ट

मुंबई, 20 मार्च  एक फ्लैट में महिलाओं के साथ अश्लील हरकत करने के आरोप में पकड़े गए 13 लोगों के खिलाफ मामले को बंबई उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया। अदालत ने कहा है कि निजी स्थान पर किया गया इस तरह का कोई भी कार्य आईपीसी के तहत अपराध नहीं है।

न्यायमूर्ति एनएच पाटिल और न्यायमूर्ति ए एम बदर की खंडपीठ इन लोगों की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इन लोगों ने याचिका दायर कर पिछले साल दिसंबर में अंधेरी थाने में दर्ज की गई आईपीसी की धारा 294 के तहत दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की थी। पुलिस के मुताबिक 12 दिसम्बर 2015 को उन्हें एक पत्रकार से सूचना मिली कि पड़ोस के एक फ्लैट में तेज आवाज में संगीत बज रहा है। खिड़कियों से दिख रहा है कि महिलाएं कम वस्त्र पहनकर नृत्य कर रही हैं और लोग उन पर नोट उड़ा रहे हैं। शिकायत पर पुलिस ने फ्लैट पर छापेमारी करके वहां छह महिलाओं को कम वस्त्र पहनकर नाचते हुए पाया था।

इस दौरान वहां शराब पी रहे 13 लोग को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। याचिकाकर्ताओं के वकील राजेन्द्र शिरोडकर ने कहा कि उक्त फ्लैट को सार्वजनिक स्थल नहीं कहा जा सकता जहां हर कोई आ जा सकता था।

अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए कहा, निजी स्थल पर की गई अश्लील हरकत आईपीसी की धारा 294 के प्रावधानों के तहत नहीं आती। भवन का फ्लैट किसी निजी व्यक्ति का था जिसका उपयोग निजी कार्यों के लिए था और इसे सार्वजनिक स्थल नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 294 के तहत सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत में शामिल व्यक्ति को दंडित किया जाता है।

शक्तिमान ड्यूटी पर तैनात एक सिपाही था गणेश जोशी को स्तातेके खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए सजा मिलनी चाहिए

शक्तिमान ड्यूटी  पर  तैनात  एक सिपाही   था गणेश जोशी को स्तातेके खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए सजा मिलनी चाहिए
भाजपा   का गुंडा  गणेश  जोशी  जिसने  शक्तिमान की टांग तोड़ी ,  ..उस पर लगाईं गई कमजोर धाराए , महज 50 रपये में छूट  जाएगा
जन उदय : भाजपा   का गुंडा  गणेश  जोशी  जिसने  शक्तिमान की टांग तोड़ी , उस पर लगाईं गई कमजोर धाराए , महज 50 रपये में छूट  जाएगा  कमाल की बात है की अपने आपको पशु प्रेमी कहने वाली मेनका गाँधी कुछ भी नहीं कर रही है , एक  पशु   को एक मानसिक  रूप  से विकृत  नेता गणेश जोशी  ने लाठी  से पीठ पीठ कर उसकी टांग तोड़ दी


अब सुनने में आया है इस गुंडे को महज पचास रूपये के जुर्माने रूपये के जुर्माने से छूट  जाएगा  और इसका दोष कानून  की कमजोरी  बताया जा रही है ,

यह बात सनद  रहे की गणेश  जोशी  पर पशु उत्पीडन  के कानून  के  तहत मुकदमा  दर्ज  किया गया है  जब की  उस   पर  राज्य के खिलाफ युद्ध  छेड़ने  का मामला  बनना  चाहिए  था  घोडा  सिर्फ   एक  जानवर नहीं  होता  फ़ोर्स में  वो  एक सिपाही  होता है   और गणेश  जोशी  ने ड्यूटी  पर तैनात  सिपाही  को मारा    था  और ड्यूटी पर तैनात  सिपाही  को मारने की क्या सजा  मिलनी  चाहिए  क्या कानून  के जानकारों  को  नहीं  पता 
इसके अलावा  शक्तिमान पर एक और सिपाही  भी सवार  था   गणेश  जोशी  को उस सिपाही  पर भी हमले का दोषी  माना जाना चाहिए   और उस सिपाही  को  सही ढंग  से ड्यूटी  न करने  पर सजा  मिलनी चाहिए

वीरांगना - रानी अवंती बाई : ब्रिजेश चोधरी कक्का



 बलिदान दिवस - 20 मार्च 1858 
देश की आजादी के लिय शहादत और संघर्ष की बेमिसाल घटनाओं में से एक ऐतिहासिक तथ्य रामगढ़ की रानी वीरांगना अवंतीबाई ने जिस प्रकार स्थापित किया वह न केवल तत्कालीन स्थितियों में महत्वपूर्ण था बल्कि आज भी उस वक्त प्रासंगिक है जबकि हम आजादी की लड़ाई के डेढ़ सौ सालों को याद कर रहे हैं ।

रानी अवंतिबाई ने मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के ग्राम मनकेड़ी में जुझार सिंह लोधी के यहां 16 अगस्त 1824 को जन्म लिया था । 17 वर्ष की आयु में उनका विवाह मंडला जिल में रामगढ़ के राजा विक्रमादित्य के संग हुआ । राजा 7 वर्ष ही जीवित रहे । माना जाता है कि अंग्रेजों ने उन्हें मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित किया था कि वे पागल होे गए थे और अंततः उनके प्राण ही चले गये । रानी अवंतीबाई ने राज्य की बागडोर सम्हाल ली थी । उनके दो पुत्र थे अमान सिंह तथा शेरसिंह । अपने नाबालिग पुत्रों के लिए राजकाज सम्हालने वाली अवंतीबाई के इस कृत्य को अंग्रेजों ने उनके दुस्साहस के रूप में लिया और गद्दी सम्हालने के बाद से ही वे उनके पीछे पड़ गए । 



रानी के नेतृत्व में क्षेत्रीय तालुकेदारों एवं किसानों ने अंग्रेजों के विरूद्ध रानी का साथ देने का संकल्प ले लिया और 1857 में अंतिम गोंड राजा शंकरशाह और दलपतशाह को अंग्रेजों द्वारा तोप से बांधकर उड़ा दिए जाने की घटना के बाद जब क्रांति की ज्वाला तीव्र होने लगी तो रानी अवंतीबाई ने बगावत का खुला एलान करते हुए महाकौशल और बुंदेलखण्ड के जमीदारों के पास रोटी-पाती के रूप में अंग्रेजों के विरूद्ध मोर्चा खोलने का वह एतिहासिक कार्य किया जिसने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए । रानी जो संदेश भेजा था उसका आशय बहुत साफ था कहा गया था कि या तो शस्त्र उठाओ और अंग्रेजों को मार भगाओ अथवा घरों में चूड़ियां पहनकर बैठे रहे । रानी अवंतीबाई की प्रेरणा और उनका आव्हान गोंडवाना क्षेत्र में आजादी की पहली लड़ाई के मूल में था । दरअसल रामगढ़ की रियासत एक आदमखोर शेर को मार डालने के पुरस्कार स्वरूप लोधी ठाकुरों को जो कटनी जिले से यहां आए थे, प्रदत्त की गई थी । 
अंग्रेजों की अत्याचार नीतियों के कारण न वे ही असंतुष्ट थी बल्कि अन्य देशी राजे-रजवाड़े भी संतुष्ट नहीं थे । इस दौर में रानी के आव्हान ने आग में घी की तरह काम किया औरा क्रांति की ज्वाला ने अंग्रेजों का जीना मुश्किल कर दिया 
घुघरी में अंग्रेजों का नियंत्रण

वाडिंग्टन ने फिर से रामगढ़ के लिए प्रस्थान किया। इसकी जानकारी रानी को मिल गई। रामगढ़ के कुछ सिपाही घुघरी के पहाड़ी क्षेत्र में पहुंचकर अंग्रेजी सेना की प्रतीक्षा करने लगे। लेफ्टिनेंट वर्टन के नेतृत्व में नागपुर की सेनाएं बिछिया विजय कर रामगढ़ की ओर बढ़ रही हैंए इसकी जानकारी वाडिंग्टन को थीए अतरू वाडिंग्टन घुघरी की ओर बढ़ा। 15 जनवरी 1858 को घुघरी पर अंग्रेजों का नियंत्रण हो गया।


रामगढ़ का पराभव ;मार्चए 1858द्ध
मार्चए 1858 के दूसरे सप्ताह के आस.पास रामगढ़ घिर गया। विद्रोहियों एवं अंग्रेजी सेना में संघर्ष चलता रहा। विद्रोही सिपाहियों की संख्या में निरंतर कमी आती जा रही थी। किले की दीवारें भी रह.रहकर ध्वस्त होती गई। अतरू रानी अंग्रेजी सेना का घेरा तोड़ जंगल में प्रवेश कर गई। रामगढ़ के शेष सिपाहियों ने एक सप्ताह तक अंग्रेजी सेना को रोके रखा। तब तक रानी बुढ़ार होती हुईं देवहारगढ़ पहुंच गई। अंग्रेजी सेनाओं ने रामगढ़ किले को ध्वस्त कर दिया और रामगढ़ पर अधिकार कर लिया।

देवहारगढ़ युद्ध ;18.20 मार्च 1858द्ध
अंग्रेजी सेनाएं रामगढ़ विजय के बाद देवहारगढ़ की ओर रवाना हुईं। यहां रानी की सहायता के लिए शहपुरा एवं शाहपुर के जमींदार भी पहुंच चुके थे। देवहारगढ़ को अंग्रेज सैनिकों ने चारों ओर से घेर लिया। क्रांतिकारियों और अंग्रेजी सेना के मध्य निर्णायक युद्ध प्रारंभ हुआ। कई दिनों तक दोनों के मध्य युद्ध चलता रहा। रानी भी घायल हो चुकी थी। सैनिकों की संख्या कम होती जा रही थी। आगे युद्ध करना और स्वयं को सुरक्षित रखना कठिन हो गया। 20 मार्च 1858 रानी ने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए गिरधारी नाई की कटार छीनकर घुनसी नाले के निकट आत्मोत्सर्ग कर दिया। रानी का बलिदान हो गया फिर भी मुक्ति आंदोलन में ठहराव नहीं आया। यह क्रांति मात्र रामगढ़ की रानी अवंतीबाई की नहीं थी अपितु सम्पूर्ण क्षेत्र की थी क्षेत्र की प्रजा की थी। 

इस्लाम में दाड़ी है , दाड़ी में इस्लाम नहीं है

 इस्लाम में दाड़ी  है   , दाड़ी  में इस्लाम  नहीं है
जन उदय : यह बात सब जानते है है की इस्लाम धर्म का जन्म अर्ब देश में हुआ और ये बात भी सब जानते है की  दुनिया भर तमाम सामाजिक बुराइओ के खिलाफ इस्लाम का आगमन हुआ .

इसका सबसे पहला और बड़ा मकसद ही सामाजिक समानता , भाईचारा , और अमन  के साथ साथ कौम का विकास था ,

यही कारण भी रहा कि इस्लाम दुनिया के  कई देशो में फैला ,भारत में भी मुस्लिम राजाओं के आने से इस्लाम फैला ,  हलांकि इसके फैलने में  बहुत भ्रान्तिया है  गलतफहमिया  है ,  खैर हमारा उदेश्य  यह नहीं है बल्कि यह है की इस्लाम के आने से  और भारत के मूलनिवासियो  द्वारा  जो इस्लाम का अपनाया गया  उसमे कुछ ऐसी बाते आ गई की भारत के लोगो को यानी मुसलमानों को यह समझ में ही नहीं आता  की वो इस्लाम धर्म को अपना रहा है है या इस्लामी देशो से जो लोग आये ये वहा की खान – पान   और भौतिक संस्कृति को अपना रहे है


उधाह्र्ण  के लिए भारतीय मुसलमान  अर्ब देशो के लोगो की तरह कपड़े पहनाना  यानी सलवार और कुरता  पहनना  इस्लामी मानते है , जब की ये ही लोग भारत की अपनी प्राचीन संस्कृति की तरह पहन सकते थे ,

दूसरा अपने घर मकान अरब  देशो के मकानों की तरह बनाते है  जब वो यहाँ का शिल्प  इस्तेमाल कर सकते है  उसी तरह  तवा  , परात  बर्तन  , लोटा , पलंग , कपडे , सब अरब  देशो की तरह

तो मेरी तो यह समझ में ही नहीं आता की ये सब  तो इस्लाम की निशानी  नहीं   है ??  अगर है कोई मुझे  आके   बताये  ताकि मै  अपना  ज्ञान ठीक कर सकू
मुझे लगता है मुसलमान शायद अपनी अलग सामाजिक पहचान के चलते या उसे बनाने के लिए ये सब करते है  वरना  इन सब चीजो  का इस्लाम से कोई वास्ता  नहीं  इस्लाम  अपने मूल  सिधान्तो  पर  यानी रोजा , नमाज , जकात , आदि


हलांकि  मुस्लिम शादियो में इस्लामिक  रीती रिवाज के साथ  साथ इन लोगो के अपने पुराने रीती रिवाज को भी अपनाया जाता है जैसे मेहँदी , हल्दी , हाथ में कंगन इत्यादि वो परम्पराए है जो मुस्लिम बनने से पहले इनकी जातिओ में प्रचलित  थी

हलांकि  बदलाव के साथ साथ अब सब बदल  रहा है और लोग पारम्परिक अरबी  देशो की  भौतिक  संस्कृति  से बच  रहे है 

वेंकैया को अमेरिकी यूनिवर्सिटी का जवाब, हम मनाने देंगे लादेन का शहीदी दिवस

भले ही भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू यह बयान देकर सवाल उठाया था कि क्या अमेरिका की कोई यूनिवर्सिटी ओसामा बिन लादेन की पुण्य तिथि मनाने की इजाजत देगी। अब इसका जवाब अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष ने दिया है। 

अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवसिर्टी के अध्यक्ष क्रिस्टोफर एल आईएगरबर ने दिया है कि अगर हमारे यूनिवर्सिटी में ऐसा आयोजन होता है तो हम ऐसे आयोजन को बर्दाश्त करना होगा और चाहिए। लोग इस तरह के बयानों को लेकर अपना गुस्सा जाहिर कर सकते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक  उन्होंने कहा कि प्रिसंटन यूनिवर्सिटी लोगों के मूलभूत अधिकारों को समझती हैं और ऐसे भाषणों को बर्दाश्त कर सकती है। 

उन्होंने कहा कि ऐसे भाषणों को आप अनुशासनात्‍मक कार्रवाई करके नहीं रोक सकते हैं। क्रिस्फोटर ने बताया कि प्रिंसटन यूनि‌वर्सिटी अमेरिका के आठ ईव लीग एजुकेशनल संस्‍थानों में से एक है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से 41 नोबेल पुरस्कार विजेता पढ़ाई कर चुके हैं। पिछले साल अर्थशास्‍त्री ऑग्स डीटन और भौतिकशास्त्री ऑर्थर मैकडोनॉल्ड ने नोबेल पुरस्कार जीता है।


आपको बताते चले कि पिछले महीने अमेरिका के राजनायिक रिचर्ड वर्मा ने 'फ्री स्पीच' का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि 'फ्री स्पीच' भारत और अमेरिका के लोकतंत्र में एक हॉलमार्क की तरह है। पर बाद में लोकसभा में वैंकेया नायडू ने बिना किसी का नाम लिए कहा था ‌कि अगर अमेरिकी की किसी यूनिवर्सिटी में अगर ओसामा बिन लादेन का शहादत दिवस मनाया जाए तो अमेरिका क्या इसे बर्दाश्त करेगा।


वैंकेया नायडू के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए क्रिस्टोफर ने कहा कि 'अगर हमारी यूनिवर्सिटी में ऐसा आयोजन होता तो ऐसे आयोजन की अनुमति देते और ऐसा आयोजन करने वाले छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते।

सोर्से  अमर उजाला 

दूसरों के स्मार्टफोन से निकालनी है डिटेल्स तो बस इतना करें

आजकल अनेक ऐसी चीजें तेजी से सामने आ रही है जोकि किसी समय में बहुत मुश्किल जान पड़ती थी। आप हमारी बात से सहमत हो या न हो लेकिन इतना जरूर है कि आज हम आपको एक ऐसे एप के बारे में बताने जा रहे हैं जोकि मुश्किल काम को आसान कर देता है।

 यानि इसकी मदद से आप किसी मित्र या साथी के मोबाइल पर उसकी चैट पढ़ सकेंगे वो भी बिना उसे बताए। आपको बता दें कि मैक्सस्पाई एप को अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड करके आप दूसरे के मोबाइल की चैट, तस्वीरें, कॉल, मेसेज जीपीएस लोकेशन व ईमेल आदि भी जान सकेंगे। चलिए इसके प्रमुख लाभ आपको बता देते हैं द्य 



1. फेसबुक, व्हॉट्सएप, याहू के मेसेज इस एप से आप बिना बताएं किसी दूसरे के फेसबुक, व्हॉट्सएप, याहू के मेसेज देख पाएंगे। 

2. मोबाइल पर नजर इस एप से आप दूसरे के ही नहीं बल्कि स्वयं के मोबाइल पर नजर रख सकेंगे। यानि अपने किसी दूसरे फोन पर अपने एक मोबाइल की सारी सूचनाएं मिलती रहेगी। 

3. बैकअप में सहायता यह एप आपको तस्वीरें, मेसेज, डाटा, ईमेल आदि के बैकअप में भी सहायता देता है। 

4. मोबाइल ट्रैकिंग यह एप मोबाइल खोने पर उसकी ट्रैकिंग में भी कर मदद करता है। जीपीएस से आप खोये मोबाइल की लोकेशन पता कर सकते है। 

5. बच्चों पर नजर यह एप बच्चों पर नजर रखने के लिए भी माता पिता की मदद कर सकता हैं। 


6. कॉल ट्रैक यह एप आपको अपनी सारी कॉल ट्रैक करने की सुविधा देता हैं। आवश्यकतानुसार अजनबी नंबर की शिकायत कर सकते हैं। 

7. कॉल रिकॉर्ड इस एप से कॉल रिकॉर्ड कर सकते हैं।

सपा और भाजपा मिल कर कर रहे है दंगो की तय्यारी उत्तर प्रदेश में

सपा  और भाजपा मिल कर कर रहे है  दंगो की तय्यारी उत्तर प्रदेश में
जन उदय “  भाजपा का एक  मन्त्र   रहा है  चुनाव से  पहले दंगो  और नफरत की बारिश कर वोटो को फसल  उगाओ  , मुझे ऐसा लगता है की भाजपा ने इस कार्य के लिए एक रिसर्च टीम भी बना राखी है जो  रोज और हर ने अवसर पर नए तरीके  बनाती है जो दंगे करा सके .

उत्तर  प्रदेश में   हाल ही में कटरिया  और संजीव  नाम के दो गुर्गे  फिर सक्रिय हो गए है
वो भड़काऊ भाषण , और दंगे   कराने की कोशिश में है  इन लोगो का मानना  है की ये किसी भी कानून या सविंधान को नहीं मानते  , ये लोग होली   के बाद  दूसरी  होली  खेलेंगे  यानी खून  की होली .


अब सवाल यह है की  ऊतर प्रदेश का मुख्मंत्री  अखिलेश यादव इन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है ?? इनको उठा कर जेल में क्यों नहीं डाला  जाता  क्या   दंगे होने का इन्त्जात किया जा रहा है  , इन लोगो को राष्ट्रिय  सुरक्षा  के तहत जल्द  जल्द जेल में डाला  जाना  चाहिए 

या अखिलेश खुद इनके साथ मिल कर कोई चुनाव का तो खेल नहीं खेल  रहे  की  तुम मारो हम  हम बचायंगे  मुसलमानों को ??