देश के निजी बैंक , निजी कम्पनिया , गरीबो के खून
पसीने की कमाई यानी ३० हजार करोड़ का घोटाला हर साल करती है , जिसमे अब सरकारी
बैंक भी शामिल हो गए है , सिर्फ पीछले तिमाही में देश के सभी सरकारी बैंक ने ३५ हजार करोड़ गरीबो के
अकाउंट से बलेंस न मेन्टेन करने के जुर्माने के रूप में वसूल किये , इसके अलावा निजी बैंक की यह लूट पचास हजार करोड़ की लूट है वो भी केवल तीन महीने में यानी सालाना एक लाख हजार करोड़ की लूट निजी बैंको के द्वारा , इसमें से एच डी ऍफ़ सी बैंक सबसे अग्रिणी है
इसके अलावा आपके बैंक से रोज पांच दस रूपये कट रहे है जिसका आपको ध्यान भी
नहीं जाता यानि लगभग पच्चीस हजार करोड़ का घोटाला केवल बैंको दुवारा चुग्गा चुगने से जिसका कोई हिसाब नहीं
इसके अलावा आप प्रीपेड मोबाइल इस्तेमाल करते है
, आप जब कभी भी रिचार्ज करायंगे तो आप पायंगे की मिलने वाली राशी में से आपके बीस से पचास
पैसे आपको हमेशा कम मिलेंगे और आप जब आप फोन करेंगे तो आपके कॉल के हिसाब से नहीं बल्कि दस बीस पैसे पचास पैसे फ़ालतू ही कटते है , देखने में दस बीस पैसे है लेकिन एक दिन में एक मोबाइल से रूपये घोटाला करने पर
जिस कम्पनी के पचास लाख युसर है तो हो गए पचास लाख यानी रोज पचास लाख को घोटाला १५० ००० ००० का घोटाला एक महीने
में और एक साल में आप अंदाजा लगा सकते है इतने हुए अब चूँकि यह घोटाला इतना छोटे अमाउंट से शुरू है की किसी का ध्यान ही नहीं जाता ,गर हम सभी कम्पनियो का इस घोटाले के रूप में देखे तो देश में ये निजी कम्पनिया २ जी , कॉमनवेल्थ , पी एन बी , जैसे घोटाले से लाखो गुना बड़ा है जिससे पुरे
देश की अर्थव्यवस्था कई साल तक चल
सकती है और यह सिर्फ फोन में नहीं आप ब्रॉडबैंड यानी डेटा पैक में भी होता है .
इसके अलावा आप इन निजी कम्पनियो से
इन्सुरेंस करवाते है मंदी क्लेम करवाते है , पालिसी बेचते वक्त ये खुद ऐसी बाते इस अंदाज में पूछते है या इग्नोर करते है जो बहुत जरूरी होती है लेकिन ये कम्पनी उन बातो को नजरअंदाज कर
पालिसी बेचती है और जब सच में ग्राहक को जरूरत पढ़ती है तो इनके कानून और तेवर ही बदल जाते है , यानी जिन बातो को ये लोग खुद इग्नोर करते है और कहते है इसकी जरूरत ही नहीं , उन्ही बातो को सामने रख आपको क्लेम के बेनिफिट नहीं देते . यानी लगभग दो हजारो करोड़ का घोटाला हर मिहिने
अब सवाल आता है की इनके खिलाफ कांसुमेर कोर्ट और ओम्बड्समैन के पास क्यों नहीं जाते तो जनाब इनके विशेष ट्रिब्यूनल का खर्चा ये ही कंपनिया उठाती है तो इनका पाला हुआ कूकर क्या इनके खिलाफ बोलेगा ??? वीमेन एंड वाइन दो और हथियार है सो इनमे न्याय नहीं मिलता
रही बात सरकार
की वो क्यों नहीं कुछ करते तो मतलब
साफ़ है चुनाव का पैसा कैसे आएगा ?
और पूंजीपति और
कॉर्पोरेट हाउस कैसे देगा ?/ तो
जाहिर है आपकी जेब यानी जनता की जेब
काट कर ही सब काम होंगे
एक रिकॉर्ड के मुताबिक़
एच डी ऍफ़ सी देश का सबसे बड़ा लुटेरा
बैंक है , बाकी निजी बैंक का
नम्बर इसके बाद ही आता है
अब एक और सवाल की अगर कोई चाहे की
इन निजी कम्पनिया या बैंक का ऑडिट क्या कहता है , यानी इन्होने कितने पैसे ब्याज से कमाए , कितने लेट फी चार्ज से , कितने पैसे इन्होने किस खाते से कमाए इसका ऑडिट अगर कोई जानना चाहे तो नहीं जान सकता क्यों ??? सिर्फ यह कहकर की ये निजी बैंक है इनक्से हम नहीं पूछ सकते . जी नहीं इन बैंक के पास देश का पैसा है देश के नागरिको का पैसा है जिससे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है तो इनको आर टी आई के दायरे में लाना ही
होगा
अब एक और सवाल की देश का मीडिया इन
खबरों को क्यों नहीं दिखाता
तो सीधी सी बात है हर साल मीडिया को करोडो रूपये के विज्ञापन मिलते है तो वो कैसे लिखेंगे या बोलंगे इनके खिलाफ और अगर बोलेंगे तो इनके पक्ष में ही बोलंगे
इसलिए सभी पाठको से अपील है हम २ जी , पी एन बी जैसे घोटाले नहीं
रोक सकते ,लेकिंज ऐसे घोटाले जरूर रोक सकते है
, इसलिए आप इस पोस्ट को जयादा स ज्यादा लाइक करे शेयर करे और इस पर एक मिनट निकाल कर कुछ लिखे जरूर कमेंट जरूर करे