जन उदय : अपनी सरकार की गलत
और गैर-बुद्धिमता नीतिओ के कारण देश की
अर्थ व्यवस्था को चौपट करने के बाद मोदी ने कंगाल पढ़े सरकारी
बैंको में पैसा लाने के लिए नोट-बंदी जैसे घातक कदम का सहारा लिया हालत ये
हुई देश की अर्थ्वाव्य्स्थ चरमरा गई . इसके बाद सरकारी बैंको में पैसा आय या नहीं
लेकिन इस प्रक्रिया का फायदा वह भी पूरा
पूरा फायदा निजी बैंको
ने खूब उठाया जम कर बलेंस न होने
पर लोगो के पैसे लुटे बैंक
की हर कार्यवाही यानी ए टी एम् से
पैसे निकालना हो या कोई और हर बात पर आम
लोगो के पैसे जम कर लूट
रहे है .
ऐसा ही एक मामला दिल्ली के
सुरेंदर का सामने आया है जिनका
सेविंग अकाउंट एच डी
ऍफ़ सी बैंक की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी शाखा में है , इनकी बहन ने इन्हें दो हजार
डॉलर कनाडा से
फरवरी में भेजे लेकिन
जो की बैंक
के खुद के वैल्यू सर्टिफिकेट के
अनुसार बैंक में ५ मार्च २०१८ को आ गए
नियम अनुसार सुरेंदर के अकाउंट में यह पैसा पांच मार्च
या छ मार्च की सुबह आ जाने चाहिए
थे लेकिन छ तारीख को पूछताछ
का ईमेल करने के बावजूद यह पैसा इनके अकाउंट में नहीं दिया गया
बल्कि ई मेल का भी जवाब नहीं दिया गया . और बार बार पूछताछ
करने पर बैंक ने यह पैसा ९
मार्च को सुरेंदर जी के अकाउंट में डाल दिया जबकि ईमेल का जवाब नहीं
दिया गया .
जब सुरेंदर जी ने इस मसले को
पैसे मिलने के बाद भी इस मसले को नहीं
छोड़ा और बैंक से पूछा
की ऐसा क्यों किया गया पैसे देने में इतनी देर क्यों .
जबकि इस पैसे की वजह से मेरा
नुक्सान हुआ है मानसिक प्राताड़ना हुई
है और अपमान को भी झेलना पड़ा है
. तो बैंक ने अंत में माफ़ी मांगी लेकिन
सुरेंदर को किसी भी तरह
का कोई भी मुआवजा देने से इनकार
कर दिया
जबकि यही बैंक है अगर आप इनकी ई
एम् आई न दो तो हेवी पेनल्टी और मोटा
ब्याज लगता है तो क्या किसी ग्राहक
को अपने पैसे के बदले पेनल्टी और
ब्याज मांगने का अधिकार नहीं ?? जबकि बैंक
ने तो इस पैसे को बिना किसी कारण के रोके रखा और इस पैसे से धन कमाया , इसलिए
मैंने बैंक को लीगल नोटिस दे दिया है ,
सुरेन्द्र ने बताया