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Thursday 7 December 2017

देश का सारा सोना चांदी पैसा आ जाएगा ब्रह्मण बनिए के कब्जे में , ऐसा कानून ला रही है मोदी सरकार


जन उदय ;  ये देश ब्राह्मणों का है इस देश पर सत्ता पर काबिज ब्राह्मण बनिए ठाकुर रहने चाहिए  ऐसी मानसिकता  संघियो यानी   ब्राह्मणों  की है  और ये लोग इस कार्य ले लिए भारत के मूलनिवासियो की हत्या , कत्ल  , बेरोजगारी बढ़ाना , अशिक्षा  बढ़ाना   कुछ भी करने को तैयार  है .

आरक्षण होने के बावजूद देश के मूलनिवासियो  के विकास का पैसा  खा गए  उनका हक उनतक  पहुचने नहीं दिया गया उनकी हत्या क़त्ल आदि कर  बेरोजगार  रखने के लिए हर सम्भव प्रयास  किया जाता है . देश की अर्थ्वाव्स्था  पूरी की पूरी ब्राह्मण बनिए  और सवर्णों के हाथ में है , इन्ही के सारे  धंधे  है


लेकिन अब एक ऐसा बिल आने वाला है  जब देश के हर आदमी का पैसा ब्राह्मण बनिए और सवर्णों की जेब में पहुच जाएगा  और कोई इस बात के खिलाफ किसी  भी अदालत में फ़रियाद  भी नहीं कर सकता
जी हाँ जल्द ही मोदी  सरकार अपने पूंजीपति आकाओं  को खुश करने के लिए एक ऐसा कानून  संसद में आने जा रही है इसमें यह होगा की अगर आपने किसी  भी सरकारी बैंक में पैसा जमा करा दिया   तो बैंक  आपका पैसा  वापिस देने से इकार कर सकता है  उसके बदले में आपको चार कागज के टुकड़े दे  सकता है और कह सकता है  की पैसा दस  साल बाद लेना 

अब विस्तार से समझिये

बैंक पने दिवालिया होने की स्थति में यह कदम उठायगा . तो सबसे बड़ी बात वह पुजीपतियो से पैसा वापिस क्यों नहीं लेता या लेगा , यानि देश  का पैसा ब्राह्मण बनिए उद्योगपति के पास जाएगा , फिर वापिस नहीं देगा , फिर बैंक अपने आपको दिवालिया घोषित करेगा  और आपका यानी गरीब आदमी का पैसा बैंक हडप लेगा अब वो पैसा आप   चाहे मरे , बीमार हो   बेटी की  शादी  हो   कभी नहीं मिलेगा , यानी बैंक पूंजीपति से पैसा न लेकर  आपका पैसा हड्पेगा वो भी कानून के जरिये

उधाह्र्ण के लिय  स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया  का एकलाख अस्सी  हजार करोड़  रुपया एन पी ए  है यानी वो पैसा अब नहीं मिलेगा , इस पैसे को वापिस लाने के लिए बैंक कोई कार्यवाही  भी नहीं करता  ,क्यों ?? विजय माल्या  जैसे विदेशो में मस्ती कर रहे है उनकी कम्पनी यहाँ चल रही है फिर भी सरकार  कुछ नहीं करती
इसके बाद ऐसा हो की आप इजी बैंको के तरफ भागे अपने पैसे को सुरक्षित करने के लिए लेकिन एक दिन वो भी अपना इसी  तरह इस कानून का लाभ लेंगे और इस  कानून के बहाने  आपका सारा पैसा   लेकर ये लोग  यानी ब्राह्मण बनिए  देश छोड़  भाग खड़े  होंगे .


कुछ लोग सोचते है की ऐसा क्यों होगा ये लोग देश छोड़  क्यों भागेंगे ?? ये लोग इसलिए भागेंगे क्योकि देश में सामाजिक परिवर्तन उर गृह युद्ध की बयार चल पढ़ी  है और एक न एक दिन इन  लोगो को मरना ही है  तो ये लोग महसूस कर चुके है इसलिए ये लोग देश को कंगला कर भाग जाना चाहते है  

मायावती के जरिये होगी दुनिया की सबसे बड़ी रक्तहीन क्रान्ति ,जानिये कैसे


जन उदय : आजकल जिस तरह दलित जो की वर्ण वाव्य्स्था के अनुसार छोटी जाति के है उन पर लगातार अत्याचार बढ़ते जा रहे है सहारनपुर मेरठ , अलीगढ , पंजाब और देश के अन्य स्थानों से लगातार दलितों पर जुल्म की खबरे आ रही है सहारन प[उर में लगातार पुलिस और प्रशासन की मदद से ठाकुर लोग दलितों के घर जलाए जा रहे है . आखिर इन जुल्मो का या कोई अंत है ?? आखिर किस तरह सदीओ पुरानी मानसिकता को दलित लोग खत्म कर पायंगे ?? ये हो भी पायेगा या नहीं

भारत में जातिवाद की समस्या हजारो साल से है और यह इसलिए है की ब्राह्मणों ने इस जातिवाद को सामाजिक बना दिया और यह कह दिया की यह भगवान् की बनाई हुई वाव्य्स्था है जिससे समाज को सुचारू रूप से चलाया जा सके . मानसिक रूप से विक्षिप्त ब्राह्मणवादी मैनेजमेंट गुरु यह भी बताने से नहीं हिचकते की भारत में मनेजमेंट हजारो सालो से है क्योकि प्राचीन भारत में समाज को चलाने के लिए एक वैज्ञानिक वाव्य्स्था थी , खैर ये वही लोग है नारद को पहला रिपोर्टर बताते है

खैर यहाँ यह भी जान लेना भी आवश्यक है की भारत में ब्राह्मण विदेशी और यहाँ शरण ले कर रहे रहे थे , लेकिन अशोक के बाद उसके प्रोपोत्र का सेनापति पुष्य मित्र सुंग जिसने धोके से अपने सम्राट को मार बौध लोगो की हत्या करना शुरू कर दिया बौध विहार और मठ तोड़ उनको मंदिरों की शक्ल दे दी गई

और बौध लोगो को अपना गुलाम बना लिया , इसी गुलामी को बरकारर रखने के लिए ब्राह्मणों ने मानव मनोविज्ञान का इस्तेमाल करते हुए कुछ ग्रन्थ रचे जिनमे अपने आपको श्रेष्ट बताया जाति वावय्स्था को समाजिक और धार्मिक मान्यता देने वाले ग्रन्थ रच लिए और दलितों को शिक्षा , सम्पति के अधिकार छीन लिए गए

दलित आन्दोलन होते होते बाबा साहेब तक आये जिन्होंने न सिर्फ इस देश का सविंधान बनाया बल्कि दलितों को पुन पैक्ट के बदले आरक्षण भी दिलवाया जिसमे उम्मीद थी की दलितों की सामाजिक और आर्थिक स्थिथि सुधरेगी लेकिन ऐसा भी नहीं हो सका क्योकि दलितों के नाम पर मिले सारे फायदे खुद जातिवाद के जनक रक्षक और पोषक समाज ने खा लिए , लेकिन एक बहुत बढ़ा फर्क जो भारत के समाज में बाबा साहेब ने डाला वह यह था बाबा साहेब ने अपनी मृत्यु से पहले लाखो लोगो के साथ बौध धर्म अपनाया .



हालांकि इसके बाद भी जातिवाद खत्म नहीं हुआ बल्कि पिछले कुछ सालो से जातिवाद लगातार बढ़ रहा है और इसके साथ साथ जाति के नाम पर उत्पीडन भी लेकिन इस बीच एक काम यह हो गया है की दलित समाज के काफी लोग पढ़ लिख गए है और ये पढ़े लिखे लोग अपने अपने समाज और परिवेश में काफी जागरूकता ला रहे है लेकिन इनकी संख्या काफी कम है क्योकि जो दलित पढ़ लिख गए है और समाज में काफी अच्छा मकाम हांसिल कर चुके है वो लोग खुद ब्राह्मणवादी हो चुके है और इन्ही की वजह से दलित समाज आगे नहीं जा पा रहा है .

अभी कुछ दिन पहले मायावती ने ये ऐलान किया था की वो अपने समर्थको के साथ बौध धर्म स्वीकार करेंगी .
अगर ऐसा होता है तो यह बात समझ लेनी चाहिए की मायावती के समर्थक लाखो में नहीं बल्कि करोडो में है और ये है भारत के इतिहास की एक बहुत बड़ी घटना होगी जो पूरी दुनिया के सामाजिक आंदोलनों पर बहुत गहरा असर डालेगी और भारत में तो सीधा सीधा ब्राह्मणवाद पर बहुत बढ़ा असर डालेगी ,

मायावती के इस कदम से हिन्दू नाम की प्रजाति एकदम लुप्त हो जाएगी और ब्राह्मणवादी जो लोग हिन्दू नाम का कवच पहन मुस्लिम और इसाइओ पर अत्याचार करते है वह सब इसके बाद न हो सकेगा , बल्कि बौध , मुस्लिम , इसाई मिलकर कर ब्रह्मन्वाडियो को इस देश से ही नेस्तनाबूत कर देंगे , किसी भी तरह का सामाजिक तनाव ब्राह्मणवादी झेल नहीं सकेंगे और इसके बाद यह तय है की इनका अंत बहुत जल्द ही हो जाएगा

और यह दुनिया की सबसे बड़ी रक्तहीन सामाजिक क्रान्ति होगी मायावती के लिए क्रांति की जमीन तैयार है

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