Apni Dukan

Thursday 17 March 2016

पाकिस्तान ने भारत से कई गुना ज्यादा प्रगति की है

नई दिल्ली। भारत में पाकिस्तान के बारे में ऐसा भ्रम बना कर रखा जाता है जैसे पाकिस्तान गरीब है , भिखारी है , वहा सिर्फ आतंकवाद है , मुसलमान सिर्फ आतंकवादी होते है वो भी पाकिस्तान में इत्यादि लेकिन असलियत इसके विपरीत है 

संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान इंडिया से ज़्यादा खुशहाल है। यूएन की तरफ से जारी 157 देशों की लिस्ट में पाकिस्तान 92वें और भारत 118वें नंबर पर है। हालांकि दोनों देशों की पिछली रैंकिंग भी लुढ़की है। पाकिस्तान जहां 81वें पायदान से लुढ़ककर 92वें नंबर पहुंच गया, वहीं इंडिया 117वें की बजाय 118वें पायदान पर है। - 



ह्यूमन इंडेक्स डेवलपमेंट रिपोर्ट में पाकिस्तान 84 वे तो भारत 124 वे स्थान पर है 
इसके अलावा पाकिस्तान कई मामलो में भारत से आगे है , पाकिस्तान की संसद दुनिया की पहली संसद बन गई है जो पूर्ण रूप से सोलर उर्जा पर चलती है 

लडकियो की दलाली भी करता है आशाराम बापू , जेल में भी करता है एश

नई दिल्ली। कई अपराधो में फंसे आशाराम , जिसमे हत्या , बलात्कार , नाबालिग लड़की से बलात्कार , जबरन जमीनों पर कब्जे , व्यापार में हत्याए ये सब आशाराम के लिए बड़ी ही आम बात थी 

खुद ना जाने कितनी महिलाओं का जबरन बलात्कार करता रहा है इस बात का अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता क्योकि इन अपराधो को लोक लाज के डर से सबके सामने ही नहीं लाया जा सका 

हालांकि आशाराम जेल में बंद है लेकिन वहा से भी उसकी विरासत काम कर रही है और वह जेल में भी एश ओ आराम की जिन्दगी जी रहा है 

आशाराम के चरित्र के बारे में एक बेहद चोंकाने वाला खुलासा हुआ है वह यही की आशाराम के केस में जो गवाह थे उनकी अचानक जो हत्याए हो रही थी , उन हत्याओं को अंजाम देने वाला शार्प शूटर पुलिस की गिरफ्त में आ गया है 
पुलिस की मानें तो आसाराम के खिलाफ गवाही देने वालों को मौत के घाट उतारने वाले शार्पशूटर ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। पुलिस के मुताबिक गिरफ्त में आया आरोपी शार्पशूटर कार्तिक खुद को आसाराम का फिदायीन बता रहा है। 


पुलिस के मुताबिक उसने कबूल किया है कि आसाराम ने उसे अपनी पसंद की साधिका चुनने का आशीर्वाद दिया था यानी आशाराम के आश्रम में रहने वाली भक्त लडकिया जिन्हें साधिका भी कहा जाता है , आशाराम इस शार्प शूटर के काम के बदले उन लडकियो को दे रहा था , इनाम भी कहा जा सकता है इसे 

गुजरात एटीएस ने रायपुर से इसको गिरफ्तार किया। जब उससे पूछताछ की गई तो वो कई राज खुलने लगे। पुलिस की मानें तो उसने हमले की बात आसाराम को बताई थी। 

आरोपी शार्पशूटर का नाम कार्तिक है के मुताबिक जब उसने गवाहों पर हमले किए तो आसाराम बेहद खुश हो गया। एक समय पर आसाराम के बेहद करीबी रहे राजू चांडक पर जब कार्तिक ने हमला किया तो ये खबर आसाराम तक पहुंची थी। आरोप है कि कार्तिक ने राजू पर अहमदाबाद में गोली चलाई थी। तब से लेकर ये मामला खुल नहीं रहा था। अन्य सूत्रों के जरिये यह भी पता चला है की आशाराम अपने कार्य करवाने के लिए कई लोगो को यह स्वतंत्रता देता था की अपनी पसंद की साधिका चुन ले या ये लडकिया बाहर से भी उपलब्ध करवा दी जाती थी यानी आशाराम अपने काम करवाने के लिए लडकिया भी सप्लाई करता था 


किसी भी मूल निवासी भारतीय को भारत माता की जय नहीं बोलना चाहिए यह एक राजनैतिक और सांस्कृतिक षड्यंत्र है , न कि देशभक्ति

 जन उदय : सबसे पहले तो इस बात को समझ लेना चाहिए की  किसी ख़ास नारे को लगा कर न तो कोई देशभक्त हो  जाता है  और न  लगाने पर देशद्रोही . क्योकि सिर्फ नारों से देश नहीं चलता  और न ही शासन वाव्य्स्था  बल्कि उन नारों को उन विचारों को अमल में लाने से देश चल सकता है , हमारे देश का सबसे बड़ा  नारा हमारे देश के सविंधान की प्रस्तावना है .

अब सवाल यह है की जो लोग देश के सविंधान का अपमान करते है देश के कानून को नहीं मानते  कभी मस्जिद  , कभी गोमांस , कभी  आरक्षण ,  के नाम पर देश में अराजकता का माहोल बनाए हुए है  देश में दंगे करवा रहे है , कत्ल करवा रहे है  वो लोग देश भक्त कैसे हो गए ??

इसके अलावा  भारत माता के स्वरुप  की कल्पना या तस्वीर  जो प्रस्तुत की जाती है  वो अपने आप में  षड्यंत्र कारी  है ये एक राजनैतिक  और सांस्कृतिक  षड्यंत्र है , जिसको इंडिया टुडे  के पूर्व  सम्पादक श्री दिलीप मंडल  ने ऐसे समझाया है “” एक तो उस महिला के हाथ में राष्ट्रीय झंडा नहीं है. उसने भगवा झंडा पकड़ रखा है. उसकी देशभक्ति संदिग्ध है. देशभक्त होती, तो हाथ में राष्ट्रीय झंडा होता, जिसे हर देशवासी गर्व से थामता है.

दूसरे वह सिर्फ संस्कृत बोलती और समझती हैं. सिर्फ संस्कृत में उसकी वंदना गाई गई है.
तीसरे, वह नैनो, नक्श और रंग रूप से भारतीय कम और यूरोपीय ज्यादा लगती है. भारतीय लोगों का एवरेज स्किन कलर गेहुआं है.

श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश की संप्रभुता का मैं आदर करता हूं. आरएसएस की बनाई भारत माता की फोटो से पड़ोसी देश से रिश्ते खराब होंगे.
श्री  दिलीप  मंडल  अंत में कहते है की “”   राष्ट्रीय झंडे के सम्मान के साथ मैं कोई समझौता नहीं कर सकता. आप करेंगे क्या? 

तो अब जो लोग देशभक्ति  के बाते करते है  क्या वो लोग बतायंगे  की भारत माता  के हाथ में  राष्ट्रिय  झंडा  क्यों नहीं है ??  वह क्यों  भारतीय जैसी  नहीं लगती ???

इसका मतलब साफ़ है  की ये तस्वीर विदेशी हमलावर ब्राह्मणों / आर्यों की संस्कृति को बढ़ावा देने वाली है  न की देशभक्ति  सिखाने  वाली 

रुक नहीं रहा भगवा आतंक , गोमांस के नाम पर हो रही है लगातार हत्याए



मुल्क के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की राजधानी इम्फाल के एक गांव में कुछ लोगों ने एक मदरसे के 
हेडमास्टर का हत्या कर दी। हेडमास्टर पर गांव में गाय चुराने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में मर्डर का आरोप पड़ोस के गांव के ही लोगों पर है। पुलिस मामले की तहकीकात कर रही हैं, लेकिन उसने गाय चोरी की घटना की पुष्टि नहीं की है। मालूम हो कि इससे पहले भी तीन लोगों की गाय के नाम पर हत्या की जा चुकी है


मारे गए हेडमास्टर का नाम मोहम्मद हसमद अली उर्फ बाबू है। हसमद की उम्र 55 साल की थी। हसमद अली कीरो मतिंग गांव के एक प्राइमरी मदरसे में हेडमास्टर थे। इस क्षेत्र में ज़्यादातर मणिपुरी मुसलमान रहते हैं। हसमद अली के परिवार वालों का कहना हैं कि वह रविवार को रात आठ बजे खाना खाने के बाद घर के बाहर पान खाने के लिए निकले थे। इसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला। बाद में उनकी लाश घर से 5 किमी दूर मिली, जिस पर खरोंच के निशान थे


हसमद अली के गांव वालों ने इलज़ाम लगाया है कि हसमद की हत्या पड़ोस के गांव वालों ने की है। गांव वालों का कहना है कि अली पर गायें चुराने का इलज़ाम लगाया गया था। स्थानीय पुलिस ने अभी इन आरोपों के बारे में कुछ भी कहने से मना किया है। इस घटना के बाद इलाके में तनाव हैं और पुलिस सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए हैं। पुलिस का कहना है कि कुछ शांति भंग करने की कोशिश में हैं।


हसमद अली यहां की लोकल कम्यू
निटी पांगल से आते थे। पांगल कम्युनिटी यहां कई दशकों से रह रही है। इस कम्युनिटी के गांवों के आसपास ही मेतीज और कुकी आदिवासियों के भी गांव हैं। खबरों में ये भी कहा गया है कि हसमद की मौत से गुस्साई भीड़ ने इरीबुंग पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया। ये लोग हसमद अली के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इस घटना के खिलाफ गांव के प्रधान ज़ुबैर ने एक मीटिंग की और उसमें हसमद के हत्यारों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की गई