देश में अलगाववाद एक ऐसी समस्या है जिससे भारत आजादी के बाद से ही जूझ रहा है और इसकी वजह से वुरे देश में अशांति है इन शक्तिओ के उबरने का एक कारण यह भी है की इनके क्षेत्रो में सामाजिक -आर्थिक विकास न के बराबर हो पाया और इसको एक षड्यंत्र के तहत होने ही नहीं दिया गया यानी जानबूझ कर इन कोमो को इन प्रान्तों को विकास से दूर रखा गया .
कमाल की बात यह है की १९५० से लेकर अब तक देश की नौकरशाही , राजनीती और प्रशासन में केवल और केवल एक ही जाति के लोग हावी रहे है यानी ब्राह्मण और इन ब्राह्मणों ने देश केविकास के पैसे को लूट लिया और देश से इस गद्दारी को नाम दिया भ्रष्टाचार . खैर
आज बैठे बैठे अचानक मन में विचार आया, आप भी एक बार विचार जरूर कीजिएगा...
अलग गोरखालैंड की मांग करने वाला
"गोरखा जनमुक्ति मोर्चा" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
आज़ाद नागालैंड की मांग करने वाला
"नागा जनमुक्ति मोर्चा" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
आज़ाद कश्मीर की मांग करने वाली
"पीडीपी" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
आज़ाद खालिस्तान की मांग करने वाला
"अकाली दल" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
केवल मराठियों के लिए महाराष्ट्र की मांग करने वाली "शिवसेना" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
अलग बोडोलैंड की मांग करने वाला
"बोडो जनमुक्ति मोर्चा" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
कमाल की बात यह है की १९५० से लेकर अब तक देश की नौकरशाही , राजनीती और प्रशासन में केवल और केवल एक ही जाति के लोग हावी रहे है यानी ब्राह्मण और इन ब्राह्मणों ने देश केविकास के पैसे को लूट लिया और देश से इस गद्दारी को नाम दिया भ्रष्टाचार . खैर
आज बैठे बैठे अचानक मन में विचार आया, आप भी एक बार विचार जरूर कीजिएगा...
अलग गोरखालैंड की मांग करने वाला
"गोरखा जनमुक्ति मोर्चा" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
आज़ाद नागालैंड की मांग करने वाला
"नागा जनमुक्ति मोर्चा" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
आज़ाद कश्मीर की मांग करने वाली
"पीडीपी" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
आज़ाद खालिस्तान की मांग करने वाला
"अकाली दल" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
केवल मराठियों के लिए महाराष्ट्र की मांग करने वाली "शिवसेना" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।
अलग बोडोलैंड की मांग करने वाला
"बोडो जनमुक्ति मोर्चा" का गठबंधन बीजेपी के साथ है।