जन उदय : एम् स्वाइप
टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड
कम्पनी जो बाजार में
पॉइंट ऑफ़ सेल बेचती है
जिससे ग्राहक दुकानदार के पास जाकर
अपने सामान की पेमेंट डेबिट या क्रेडिट कार्ड
से करता है , इस तरह की मशीन पहले
बाजार में सिर्फ बैंक ही उपलब्ध
करवाते थे , लेकिन बाजार के खुलेपन और कार्ड पेमेंट को बढ़ावा
देने के लिए मनमोहन सरकार द्वारा
किये गए प्रयास का नतीजा है जो इस क्षेत्र
में निजी कम्पनिया भी आ गई है और
अब अलग अलग कम्पनिया इस
मशीन को बाजार में उतार रही है .
इन कम्पनियो को यह फायदा होता है
की जो भी रकम का लेनदेन इस मशीन के जरिये होता है उस रकम का
दो से तीन प्रतिशत इनका कमिशन
होता है और इसके बाद टैक्स .. यही नहीं
कम्पनियो को इस मशीन का हर महीने किराया
भी मिलता है जो २०० रूपये से लेकर ३५० रूपये
होता है
लेकिन अब इस मशीन के जरिये
ग्राहकों और दुकानदारों के लूटने
का खतरा बढ़ गया है हाल ही में दिल्ली की एक कम्पनी
का एक केस सामने आया है कम्पनी का नाम है
ओवियन कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड
जो एक विज्ञापन एजेंसी
चलाती है, के यहाँ पर एक क्लाइंट
ने सत्तर हजार की पेमेंट के लिए एक बार
४५००० और एक बार २५०००
दो भागो में पेमेंट एम्
स्वाइप मशीन के जरिये
दी ,
कायदे से ये पेमेंट
मर्चेंट के अकाउंट में
चोबीस घंटे के अंदर आ जानी
चाहिए लेकिन नो जून २०१७
की पेमेंट जब १४ जून तक मर्चेंट
के अकाउंट में नहीं आई तो मर्चेंट
यानी ओवियन ने बार
बार एम् स्वाइप को फोन किया
लेकिन ये लोग यही कहते रहे की पेमेंट
हमने कर दी है , और इसके लिए
इन्होने एक जाली एन ई ऍफ़ टी नम्बर
भी जारी कर दिया ( neftratnn-17163231906/000016876397
date .12/6/17 ) जिसको लेकर मर्चंट
बैंक गया तो उसे पता चला ये
नम्बर ही जाली है ,
जब मर्चंट
ने कम्पनी से दुबारा बात की तो एम्
स्वाइप के कर्मचारी दुबारा
से वही नम्बर देने लगे , लेकिन
विरोध करने पर एम् स्वाइप के कर्मचारियो
ने धमकी देना शुरू कर दिया
और यहाँ तक कह दिया की मनीष पटेल
मोदी प्रधानमंत्री का ख़ास आदमी है अब जाओ
तुमको पेमेंट नहीं मिलेगी . खबर लिखने तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया था ,
लेकिन अब सोचने वाली बात है अगर एम् स्वाइप
ने लाखो मर्चंट के साथ ऐसा किया और चार चार दिन तक पेमेंट नहीं
दी और इस पैसे से
इन्होने मुनाफ़ा कमाया और काफी
पेमेंट को डिस्प्यूट में डाल दिया
तो ऐसे एक महीने एक अंदर ही एम् स्वाइप
करोडो रूपये का चुना सरकार को और लोगो
को लगा सकता है हो सकता है बाद में पैसा वापिस दे दे लेकिन पूंजी बाजार में एम् स्वाइप
की पैसो के जरये शाख बढ़ेगी वह इस
पैसे से और पैसा कमा लेगा और कमिशन
अलग तो मशीन का किराया अलग .
और इस तरह के अगर फ्रॉड हुए तो बैंक
या क्रेडिट कार्ड देने वाला बैंक पल्ला
झाड लेता है और
ग्राहक या मर्चंट को कोई मदद
नहीं मिलती , तो क्या ऐसी कम्पनियो को कोई सझा
नहीं होनी चाहिए ?? जब मर्चंट को पैसा
देर से मिला तो क्या एम् स्वाइप को मर्चंट के हुए नुक्सान का खामियाजा नहीं भरना चाहिए .. सरकार को इन
बातो को ध्यान रखना होगा और जल्द से ही कुछ कानून बनाने होंगे वर्ना
पता चला देश में दूसरा
हर्षद मेहता काण्ड हो गया और
जनता रोती रह गई
Mswipe technology private
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scam simply just by holding the
payment of merchants for long time after
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2017 without any reason it is a scam and biggest scam , concern authorities
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