जन उदय : परशुराम जिसने बौध
साम्राज्य का अंत किया और बौध लोगो
पर जो अत्याचार किये उनकी हत्याए की इसके बाद झूठे ग्रन्थ लिख डाले वे ये जानते थे की आने वाले समय में इन ग्रंथो को भगवान् के संदेश के रूप में
इस्तेमाल करेंगे जिससे ब्राह्मणों के वर्चस्व को समाज पर कायम किया जा
सकेगा .
भारत में इसके बाद मुस्लिम आये और ब्राह्मणों ने मुस्लिम राजाओं के साथ मिल कर
सत्ता में रहे और यह कह कर जजिया कर से भी
बचते रहे की वो भी मुस्लिम की तरह विदेशी
है और इन लोगो ने वही काम अंग्रेजो के आने
के बाद भी किया अंग्रेजो को सत्ता चलाने में उनका साथ दिया
लेकिन अंग्रेजो की एक बात
इनको बहुत नागवार गुजरी की लार्ड मैकाले
ने शुद्र समेत शिक्षा का अधिकार दे दिया ,
ब्राह्मण यह भी तब तक समझ गए थे की लोकतांत्रिक तरीके से कुछ भी करते रहो तो
अंग्रेज कुछ नहीं कहेगा
जैसे ही शुद्रो अति शुद्रो को शिक्षा मिलने
लगी ब्राह्मणों ने समझ लिया की एक दिन ये
लोग हमसे यानी ब्राह्मणों से बदला जरूर
लेंगे इसलिए इन्होने १९२५ में है
ब्राह्मणों की एक संस्था बनाई जिसको राष्ट्रिय
स्वयं सेवक संघ कहते है यह संस्था शुरू से ही ब्राह्मणों के हितो के लिए काम कर
रही है , हलांकि लोगो को बेवकूफ बनाने के लिए इनके पास एक शब्द है वह है
हिन्दू यह शब्द भी मुस्लिम राजाओं का दिया
हुआ है इसके अलावा मुस्लिम का डर ,
अंधविश्वास , इतिहास की भ्रान्तिया ,
अशिक्षा और भगवान्
आर एस एस की स्थापना के दिन से लेकर यही इनके हथियार रहे है , ये लोग धर्म के नाम पर लड़ा रहे है , अन्धविश्वास फैला रहे है और लोगो को भगवान् से डरा रहे है , १९५० से ही इनको एक डर और भी है वह है दलितों का डर ये जानते है एक दिन दलित इनसे जरूर
बदला लेंगे इसलिए ये ओ बी सी मुर्ख
और अन्य सवर्णों के जरिये दलितों
पर हमले करवाते है , राजनैतिक प्रक्रिया के जरिये दलितों को शिक्षा से दूर रकहते
है , दंगे करवाते है ताकि दलितों को हिन्दू कह कर और मुसलमानों का डर
दिखा कर हिन्दू शब्द की छाया में
रख सके जो सिर्फ ब्राह्मणों का हितकारी है
लेकिन बढ़ते अत्याचार
दलित चेतना , शिक्षा और ओ बी
सी वर्ग में भी बहुत मात्रा में चेतना आ
गई है बरहमन लोग भी समझ गए है की अब इनका अंत नजदीक है इसलिए ब्राह्मण अपने पुरे सामर्थ्य से दलितों के दमन
में लगे है लेकिन दलित चेतना जिस स्तर से
बढ़ रही है उससे यह बात तो निश्चित की एकदिन
ब्राह्मणों का अंत निश्चित है