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Wednesday 30 March 2016

निर्दोष आदिवासिओ की हत्या और बलात्कार किया पुलिस और सेना के जवान ने :: ,नक्सलियो ने बदले की कार्यवाही की ७ पुलिस वाले मरे


जन उदय :: रायपुर , छतीसगढ़  आदिवासिओ की हत्या , उनकी महिलाओं का बलात्कार  इनिलाको में सेना के जवानो  द्वारा बड़ी आम बात है  इसी क्रम में  में नारायणपुर जिले में पुलिस ने एक झूटी मुठभेड़ में एक महिला समेत तीन आदिवासिओ  को मार गिराया।

पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने मंगलवार को बताया कि जिले के धौड़ाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुलेंगा और टिरकानार गांव के जंगल में पुलिस ने एक  आदिवासी महिला समेत तीन लोगो को जंगल में ले जाकर बिना बात में  मार  दिया

इसके बाद पुलिस ने अपनी पुरानी जैसी कहानी मीडिया के समक्ष प्रस्तुत की जो इस प्रकार है  मीणा ने बताया कि जिले में जिला रिजर्व समूह, विशेष कार्य बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और जिला बल के संयुक्त दल को गश्त के लिए रवाना किया गया था। दल में लगभग सात सौ जवान थे तथा अभियान में कोंडागांव जिले की पुलिस भी शामिल थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब पुलिस दल सुलेंगा और टिरकानार गांव के जंगल में पहुंची तब नक्सलियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस दल ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। 

कुछ देर तक दोनों से भारी गोलीबारी के बाद नक्सली वहां से भाग गए। पुलिस दल ने जंगल के भीतर नक्सलियों का लगभग तीन किलोमीटर तक पीछा भी किया। लेकिन नक्सली वहां से निकलने में कामयाब रहे। मीणा ने बताया कि जब बाद में पुलिस दल ने घटनास्थल में खोजबीन की तब वहां से एक महिला नक्सली समेत तीन नक्सलियों का शव, एक इंसास रायफल, एक 315 बोर रायफल, एक 12 बोर बंदूक, दो भरमार बंदूक और अन्य नक्सली सामान बरामद किया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना में चार से पांच नक्सलियों के घायल होने की जानकारी मिली है

जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। उन्होंने बताया कि इस घटना में मारे गए नक्सलियों की पहचान नहीं हो पाई है। सुरक्षा बल जब जंगल से बाहर निकलेगा तब इसकी जानकारी ली जाएगी””
इस तरह की कहानिया  हम सब हमेशा से सुनते आये है जबकि  हकीकत कुछ और हो होती है
इसके बाद आदिवासिओ ने  धमाका कर दिया है। इस धमाके में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए हैं। दंतेवाड़ा के एसपी ने अपने बयान में कहा है कि ये सातों जवान 230 बटालियन के हैं। दंतेवाड़ा के मेलापाड़ा-मोकपाक के बीच लैंड माइन ब्लास्ट में सात सीआरपीएफ के जवान मारे गये हैं।बताया जा रहा है कि ब्लास्ट तगड़ा था जिसमें एक गाड़ी पूरी तरह से उड़ गई। 

मृतको की संख्या बढ़ सकती है। आमतौर पर इस इलाकें में नक्सली वारदात नहीं होती है। इस इलाके में नक्सलियों को सीमित कर दिया गया था। इस कारण से इसे सुरक्षित एरिया माना जाता है। मिली जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ के 230वीं बटालियन की तीन गाड़िया जा रही थी। खबर मिली है कि नक्सल धमाके में गाड़ी के चिथड़े उड़ गये हैं तथा सड़क पर बड़ा गढ्ढा हो गया है। करीब-करीब एक बड़े इलाके में सड़क का नामोनिशान मिट गया है।
इस तरह की घटनाए आम बात है जिसमे  आदिवासिओ पर पुलिस , प्रशासन जी भर के जुल्म करते है  

बलात्कार कर नंगा घुमायंगे शहर में पुलिस ने दलित छात्राओं को दी धमकी , हैदराबाद विश्वविध्यालय अपडेट

जन उदय : पुरे षड्यंत्र रचा ए बी वी पी ने  हैदराबाद में छात्रो को गिरफ्तार करवाने के लिए पुलिस ने दिया षड्यंत्र में सहयोग

जेल में करीब एक हफ्ता गुजारने के बाद जमानत पर बाहर आए हैदराबाद यूनिवर्सिटी के 24 स्टूडेंट्स और दो टीचरों ने आरोप लगाया कि उन्हें कथित तौर पर पुलिस की हिरासत में मारा-पीटा गया और धमकी दी गई। इन छात्रों को परिसर में 22 मार्च की हिंसा के सिलसिले में जमानत प्रदान की गई है। हिंसा के दौरान कुलपति के सरकारी आवास में भी तोड़फोड़ की गई थी।

हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तथागत सेन गुप्ता ने कहा कि मैंने खुद सुना कि पुलिस ने लड़की के साथ बलात्कार की धमकी दी। पुलिस ने हमें कहा कि अगले 24 घंटे के लिए हमारे मानवाधिकार खत्म हो गए हैं।  पुलिस ने छात्रो समेत टीचर्स  को भी बेरहमी से पीटा

यह बात एकदम ध्यान रखने की है की हैदराबाद विश्विध्य्ल्या में पुलिस टार्चर को ठीक उसी तरह अंजाम दिया गया जिस तरह दिल्ली के जे एन यु और पुणे में षड्यंत्र रचा गया

इस वक्त संघ सरकार की बस एक ही वरीयता है की जितने भी दलित और बी जे पी विरोधी संघठन है उनको वर्वाद करना या डराना , यह बात भी ध्यान रखने की है की मोदी खुद षड्यंत्र  और हिंसा में विशवास रखने वाला  ब्यक्ति है यह वह व्यक्ति है जो ताकत पास होने पर अपने आपको शेर समझने लगता है और कमजोर होने पर दुबक कर बैठ जाते है

हैदराबाद के छात्रो के मसले में एक बात विशेष रूप से सामने आ रही है की इसमें पुलिस  बाखूबी अपना रोल निभा रही है यानी संघी सरकार के साथ है  , कई छात्रो और छात्राओं ने कहा है की पुलिस लगातार  इनको गन्दी गन्दी गालिया  दे रही थी  इनको कही जगह  शिफ्ट किया  गया और मारपीट की गई  


संघ समर्थित हिन्दू आतंकवादी संघठन ने दी कन्हैया को जान से मारने की धमकी, नहीं मारा तो कह्लायंगे हिजड़े ,वचन दिया है

जन उदय : वैसे तो देश में भगवा आतंक बढ़ता ही जा रहा है जहा देखो मुसलमानों को कभी गोमांस के नाम पर  कभी भारत माता के नाम पर इनकी हत्याए की जा रही है , सबसे बढ़ी कमाल की बात यह है की इन संघठनो को कोई कुछ कहने सुनने वाला नहीं है


और सबसे बढ़ी कमाल की यह है की ऐसे आतंकवादी  संघटनो को मीडिया  विशेष कर संघ संचालित  मीडिया हीरो बना कर पेश कर  रहा है , ये  संघठन पूर्ण रूप से जातिवादी  और धार्मिक उन्माद और पूर्वाग्रह से भरे है  लेकिन इनके उपर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है

इसी कर्म में उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 31 मार्च तक दिल्ली न छोड़ने पर शूटआउट करने की धमकी दे डाली।


जानी ने कहा कि शायद देश के लोगों या कन्हैया कुमार और उमर खालिद को 31 मार्च तक के अटलीमेटम की बात मजाक लगती होगी, लेकिन यह हकीकत है। 

उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल से नवरात्रों की पूजा प्रारंभ हो रही है नवरात्रो में उनके शार्प शूटर कन्हैया नामक महिषासुर  का अंत कर देंगे। जानी ने यह भी कहा कि कन्हैया के वध किये जाने के बाद ही वे दुर्गा अष्टमी की पूजा करेंगे।  


अब देखना  यह है की  पुलिस इस आतंकवादी संगठन पर कार्यवाही करती है या किसी वारदात होने का इन्तजार करती है 

गरीबो को नहीं हांसिल होगी उच्च शिक्षा : बी जे पी का पक्का इरादा

जन उदय : जब से भाजपा सरकार आई है तब से शिक्षा के स्तर मर लगातार गिरावट आ रही है
हालांकि  ऐसा नहीं है की  इससे पहले भारत का दुनिया में कोई नाम हो गया था  या है

भारत में शिक्षा का स्तर पहले से ही गिरा हुआ है , और भाजपा ने आकर इसको और गिरा दिया है
भाजपा ने आते के साथ ही प्राइवेट शिक्षा को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है  और सरकारी संन्स्थानो को बंद करना शुरू कर दिया है , सिर्फ ओड़िसा में ही आदिवासी इलाको के तीन हजार से जयादा स्कूल बंद कर दिए गए है , आई आई टी में फी बढ़ा दी गई है  और सबसे बड़ी बात की उच्च शिक्षा में एम् फिल और पी एच डी  में नॉन नेट फेलोशिप बंद कर देने का प्रवाधान है

बी जे  पी एक समर्थक श्री श्री रवि शंकर मानते ही है की सरकारी स्कूलों से पढ़ कर बच्चे नक्सली बनते है , लेकिन श्री श्री रवि शंकर जी को ये मालूम नहीं है की इस देश में सारे के सारे नौकरशाहो से लेकर बड़े बड़े व्यापारी , मंत्री  सभी सरकारी स्कूलों से आते है , देश के सारे विज्ञानिक आई आई टी जैसी संस्थाओं से आते है  जो की पूर्ण रूप से सरकारी है   अगर ऐसी संस्थाओं को बंद कर  दिया जाएगा तो देश कैसे आगे बढेगा

ये बड़ी अजीब बात है कई की शिक्षा के हर  कार्यकर्म में  प्रधान मंत्री ,. राष्ट्रपति , सभी लोग शिक्षा के विकास की बात करते है लेकिन जब शिक्षा को बढाने की बात आती है तो तो सब पीठ दिखा देते है 

इस साल यु जी सी  का बजट  ५५ % कम कर दिया   गया है जिसके कारण दूर दराज  ,म गरीब किसानो के बच्चे जिनके पास सिर्फ फेलोशोप का सहारा होता है वो कैसे पढेंगे ?? ये कोई नहीं जानता


कुल मिला आकर कह सकते है की भजापा शिक्षा को न सिर्फ अमीरों तक सिमित रखना चाहती है बल्कि गरीबो को इससे दूर भी रखना चाहती है 

ज्योतिष शास्त्र भारत में नहीं अरब , मिश्र बेबीलोन में जन्मा , ब्राह्मणों ने इस्तेमाल किया षड्यंत्र के रूप में


जन उदय : मनुष्य का भविष्य को  जानने का अपने बारे में जानने की इच्छा बड़ी प्रबल होती है , गृह नक्षत्र की दशा , दिशा आदि से इंसान के भविष के बारे में बताना यह बड़ी पुरानी परम्परा  है हलांकि इसमें विज्ञान कितना है यह कहना असम्भव है क्योकि इसमें विज्ञान बहुत कम है

अगर हम इसके , जन्म  ,विकास के  बारे में देखे तो हमें बड़ी हैरानी होगी की अपने आपको विश्व गुरु कहने वाला भारत विशेषकर ज्योतिष और तन्त्र मन्त्र में माहिल भारत  में ज्योतिष का ज्ञान बहुत  बाद में आया  , बल्कि यह कह सकते है की ये ज्ञान कम और षड्यंत्र के रूप में जयादा आया 
अब जरा  इसके  जन्म और विकास के बारे में थोडा जान लेते है


इसके  प्रारंभिक सबूत  25,000 साल पहले हड्डियों और गुफा दीवारों पर आक्रति के रूप में मिले है  जो बताते हैं की इन तारो  और ग्रहों की गति से कैसे बारिश होगी चाँद निकलेगा  , दिन निकलेगा यह ज्ञान इसी तरह चलता रहा लेकिन इसका सबसे पहला लेकिन बिखरा हुआ संकलन बेबीलोन में १७०० बी सी में मिला  है उसी समय मिश्र , अरब , चीन , आदि सभी देशो में यह ज्ञान मिलता है .

भारत में  ज्योतिष की परम्परा  के ज्ञान को अपने साथ ले कर भारत आये  यानी जब ब्राह्मणों ने हमला किया तो उनके साथ ये ज्ञान भी भारत आया , को वेदांग भी कहा   जाता है जो अथर्वेद में ज्यादा मुख्य रूप से सामने आया है भारत में ब्राह्मणों द्वारा इस्तेमाल की जानी वाली ज्योतिष  अरब देश , मिश्र आदि से ली गई

इससे पहले भारत का आकृति , गृह  आदि सभी चीजो का ज्ञान था इसमें शक कैलेंडर आदि सब इस्तेमाल होते थे  लेकिन  ब्राह्मणों के आक्रमण के बाद शक संवत को बदल दिया गया और उसके स्थान पर  विक्रम संवत को लाया गया 

सबसे पहले यह ज्ञान सिर्फ शुद्ध ज्ञान के रूप में था  इसलिए वैदिक  ज्योतिष में ब्राह्मणों द्वारा बताये जाने वाले उपाय कही नहीं है , लेकिन बाद में लोगो को मुर्ख बनाने के लिए इन्होने उपाय आदि लिखना शुरू  कर दिया  और लोगो को मूर्ख बनाने लगे