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Saturday 2 April 2016

ब्राह्मण इंजिनियरस की लिस्ट जो कोलकता का फ्लाई ओवर बना रहे थे , नहीं चाहिए ऐसी योग्यता देश को

जन उदय : देश में देशद्रोही अतार्थ ब्राह्मण, बनिया जब ऐसे किसी काम में पकड़ा जाता है जो देश , समाज के लिए खतरा होता है , उससे देश समाज के लिए नुक्सान होता है तो इनके भाई बंधू इसे भ्रस्टाचार का नाम देते है , और जब कोई आम आदमी गरीब आदमी अपने उपर किये गए इन जुल्मो के खिलाफ बोलता है तो उसे देशद्रोह कहते है .
ऐसी ही एक घटना अभी हमारे सामने आई है कोलकता से जहा पर निर्माणधीन पूल गिर गया और उसमे सैंकड़ो लोगो हताहत हुए है और लगभग २५ लोगो की जान अब तक जा चुकी है

अगर इस पूल के डिजाईन को देखे तो लोग बड़े हैरान हो जाएंगे की यहाँ के रहने वाले लोग के घरो की खिड़की और पूल के बीच मात्र १० इंच का फर्क है , इस पुल की वजह से लोगो के घरो की खिड़की खुल नहीं सकती ,

अब आप और भी कुछ अंदाजा लगा सकते है की धवनी और वायु प्रदुषण कितना होगा , चोर और डाकू पूल से सीधा लोगो के घरो में घुस जाएंगे इत्यादि , सोचने वाली बात यह है की सब कुछ ऐसा था तो इस पुल के नक्से को पास कैसे किया गया ?? सिर्फ एक कारण ब्राह्मण बनिए की युक्ति

इस बात से जयादा दुखद बात क्या होगी की पुल बनाने वाली कम्पनी ने इसे भगवान् की लीला कह कर पीछा छुड़ा लिया है ,और ज्यादा दुखद बात की कम्पनी पर कोई कार्यवाही नहीं .
इस कम्पनी के पास तीन हजार से जयादा ब्राह्मण बनिए इंजिनियर है लेकिन हल क्या निकला ??
सबसे बड़ी बात ये लोग अपने आपको विश्व गुरु , और योग्यता वाले कहते है , आजादी के बाद ऐसी कोई इमारत इन योग्यता वालो ने नहीं बनाई है जो आजतक बिना किसी तकलीफ के खड़ी हो

पेश   है इन ब्राह्मण इंजिनियर की लिस्ट
आरक्षण के कुपरिणाम:
कलकत्ता में पुल बनाया IVRCL ने
और IVRCL के ----
Er Sudhir Reddy(ब्राहमण)
chairman & MD (IVRCL)
K Ashok Reddy(ब्राहमण)
R B Reddy(ब्राहमण)
Joint MD (IVRCL)
A Krishna Reddy(ब्राहमण)
S Ramachandran(ब्राहमण)
Subrahmanya Gopal(ब्राहमण)
Executive director (IVRCL)
A G K Murty(ब्राहमण)
Dinesh Degvekar(ब्राहमण)
director (IVRCL)
Dr. K Panduranga (ब्राहमण)
group head HR & admin (IVRCL)
R V R Murty(ब्राहमण)
Sr. Vice President (IVRCL)
S K Viswas(ब्राहमण)
C N Chatterjee(ब्राहमण)


हिंडाल्को कम्पनी को जमीन देने के लिए चलाया आदिवासी बस्ती पर बुलडोज़र : डॉ लखन सिंह

जन उदय :ओड़िसा, छतीसगढ़ , मध्य प्रदेश , बिहार , झारखंड महाराष्ट्र आदि से आय दिन खबरे आती है की नक्सलियो ने ये कर दिया , वो कर दिया लेकिन सच्चाई इसके विपरीत होती है ,क्योकि इन जगहों पर बड़ी बड़ी कम्पनियो को जमीन देने के लिए सरकार पुलिस , प्रशासन और हत्यारों का सहारा लेती है जो आदिवासी जमीन अपनी जमीन नहीं देते उनके परिवारों को जेल में डाल दिया जाता है , फिर भी न माने तो डराया धमकाया जाता है और अगर फिर भी न माने तो उनकी बहन बेटियो का बलात्कार कर उनकी हत्या कर दी जाती है

ऐसा ही एक और केस छतीसगढ़ में सामने आया , जहा पर सामाजिक कार्यकर्ता रिन चिन सहित दो आदिवासी महिलाओ को गिरफ्तार किया थाने में . 250 महिलाओ ने घेरा थाना तमनार को . महिलाओ की मांग जिनके मकान तोड़े है ,उसके लिए जिम्मेदार लोगो के खिलाफ एफ आई आर दर्ज़ की जाये . प्रतिबंधित धारा और अपराध 79 /16 _184, 294. रद्द किया जाये ।

लोगो ने मुचलका भरने से इंकार किया. अभी भी महिलाये थाने का घेराव जारी .
रायगढ़ जिले के ग्राम बनखेता में हिंडाल्को माइनिंग के लिए गांव के 2 परिवारो के घरो को बुलडोजर चलकर तहस नहस कर दिया गया .

विरोध करने पर 2 महिलाओ सनीरो विरहोर, निर्मला सिदार सहित सामाजिक कार्यकर्त्ता रिनचिन को तमनार थाने लाया गया हे।। विरोध स्वरुप गांव वाले तमनार में एकत्रित हो रहे हे।।।
दोनों परिवारो को 30 तारीख तक घर खाली करने का नोटिस 31 तारीख को ही प्राप्त हुआ और आज प्रशासन ने घरो को पूणतः तोड़ दिया ।

जिला प्रशासन की यह कार्यवा ही पूणतः उधोग समूह के दवाव में की गई हे जो पूरी तरह जन विरोधी हे।। प्रदेश में आदिवासियों को उनके जंगल, जमीन और घरो से जबरन उजाड़ने की घटनाये लगातार बढ़ रही हैं।। यहाँ तक की मर्जी के बगैर प्रक्रिया का सही ढंग से पालन न करते हुए जमीनों का अधिग्रहण हो रहा हे यहाँ तक की पुनर्वास के बिना ही घरो को तोड़कर बेघर किया जा रहा हैं। प्रदेश के मुखिया को इन मामलो का संज्ञान लेते हुए तत्काल दिशा निर्देश जारी करने चाहिए।


छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए महिला साथियो की नि शर्त रिहाई की मांग करता हे।। बिना पूर्व सुचना के घर तोड़ने वाले दोषी अधिकारियो पर कड़ी कार्यवाही और प्रभावितों के उचित उचित व्यवस्थापन की मांग करता हे।
लिखने तक 250 महिलाये थाने के सामने घेरे खड़ी है ,अधिकारियो से चर्चा चल रही है


आस्तिक लोग होते है डरपोक ,धूर्त और आत्मविश्वासहीन : वैज्ञानिक शोध “

जन उदय : ये बहस सदीओ से चली आ रही है की ईश्वर ने इस दुनिया को बनाया है या दुनिया के लोगो ने ईश्वर को बनाया है ,समय समय पर ऐसे बहुत सारे लोग आये जिन्होंने ये दावा   किया की उन्होंने ईश्वर को देखा है ,उनसे बात की और वे  लोग वही बता रहे है जो इन्हें ईश्वर ने बताया है समझया है

ज्ञान  और तर्क हीन लोग क्या करे तो ऐसे ही लोगो पर विशवास कर लेते थे , और तर्क रहे न रहे ईश्वर ऐसी चीज है जिससे सब डरते है , लेकिन इस डर और विशवास ने इंसान के व्यक्तित्व में कुछ खामिया पैदा की है  जिसके बारे अब ने ने शोध होने लगे है


अमेरिका , कनाडा , यूरोप के कई देशो में लगातार उन   उन लोगो पर शोध हो  रहे है जो इश्वर में विशवास रखते है और उनकी तुलना इश्वर के मानने वालो से की तो रिजल्ट बहुत चोंकाने वाले सामने आये

१.      आस्तिक लोग डरपोक होते है  उनके अंदर तरह तरह के डर भरे होते है , कही कोई मर न जाए , कही घर में चोरी न हो जाए , रास्ते में कोई उसकी बहन बेटी का बलात्कार न हो जाए जबकि नास्तिक लोग  इस तरह के डर  से दूर  होते है और आशंकाओं को वाव्हारिक तर्क से तौलते है
२.      जहा तक मानवता की बात है यह देखा गया है की हर छोटे मोटे अपराध आस्तिक लोग जल्दी कर देते है वह भी ईश्वर का नाम ले कर  जब की नास्तिक लोग भी इसको वाव्हारिकता में ही लेते है
३.      आस्तिक लोग परजीवी होते है ये लोग मानसिक रूप से इतने पिछड़ जाते है की इनको बार बार पूजा पाठ करनी पढ़ती है , शुभ अशुभ मानते है और अपने कार्य करने का निर्णय तक धार्मिक विधि से ही लेते है , जबकि नास्तिक लोग आत्म्विशाव्स से भरे होते है ,स्थितियो का जायजा लेते है और अपना निर्णय खुद करते है

४.      आस्तिकता बहुत सारी  सामाजिक समस्याओं को जन्म दे देती है जिसके चलते आस्तिक लोग भगवान् की मर्जी कहा कर चीजो को टाल देते है  भिक्षावृति , वेश्या वृति बाल विवाह , भ्रूण हत्या ,आदि सब बीमारिया आस्तिक लोगो की वजह से होती है  यहाँ तक की भिक्षा वृति दान ये सब बाते  धर्म में लिखी है

५.