योग्यता के नाम पर आरक्षण के खिलाफ चला रहे सवर्ण समाज इस बात को
बिलकुल इग्नोर करना चाहते है की उनकी जाती
के लोग जिन्दा बच्चो को मरा बता देते है ,
मरीजो की आँख छीन लेते है , जानवरों का
इंजेक्शन इंसानों को लगा देते है , किडनी चोरी करते है , पेट मे केंची छोड़ देते है किडनी रैकेट चलाते है , देश से
गद्दारी करके भागने के तो लाखो केस है . अब एक
नई खबर आई है पेश है
झांसी: उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री
आशुतोष टंडन के निर्देश पर जनपद झांसी के मेडिकल कॉलेज में एक युवक के कटे पैर के
प्रति डॉक्टरों तथा नर्सों की लापरवाही की घटना का संज्ञान लेते हुए सीनियर
रेजीडेण्ट (ऑर्थोपेडिक्स) डॉ. आलोक अग्रवाल, ई.एम.ओ. डॉ
महेन्द्र पाल सिंह, सिस्टर इंचार्ज दीपा नारंग तथा शशि श्रीवास्तव
को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है. इसके अलावा, असिस्टेण्ट
प्रोफेसर (ऑर्थोपेडिक्स) डॉ. प्रवीण सरावगी के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के आदेश
निर्गत कर दिए गए हैं. यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया
कि इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं.
http://januday.co.in/NewsDetail.aspx?Article=10529
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में
एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली थी. यहां आये सड़क दुर्घटना में घायल युवक का
डॉक्टरों ने एक पैर काटा और फिर उसका पैर सिरहाने तकिया बनाकर लगा दिया था. जिसे
देख किसी के भी रोंगटे खड़े हो रहे थे. झांसी के लहचूरा थाना क्षेत्र के ग्राम
इटायल से एक स्कूल बस बच्चों को लेकर मऊरानीपुर जा रही थी, तभी रास्ते में
ट्रैक्टर को बचाते समय बस अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसके कारण बस
में सवार बस क्लीनर घनश्याम समेत आधा दर्जन बच्चे घायल हो गये थे. क्लीनर की हालत
गम्भीर होने के कारण झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था, जहां
डॉक्टरों ने उपचार के दैरान उसका बायां पैर काट दिया. इसके बाद उसका पैर उसके
सिरहाने तकिया बनाकर लगा दिया था.
घायल व्यक्ति का बहनोई जानकी प्रसाद जब अस्पताल
पहुंचा तो यह देख वह घबरा गया. उसने डॉक्टरों से कई बार पैर हटाने के लिए कहा,
लेकिन
पैर नहीं हटाया गया. आखिर में उसने स्वयं ही पैर हटाकर अलग रखा. जानकी प्रसाद ने
इस संबंध में बताया, “हम जब हॉस्पिटल पहुंचे, तो मरीज के सिर
के नीचे उसका ही पैर रखा हुआ था लगभग दो घंटे तक ये पैर रखा रहा. जब हमने तकिया
लाकर दिया तब उन्होंने पैर को हटाया.”
वहीं, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की
प्राचार्या साधाना कौशिश ने कहा, “उसका पैर कटा हुआ आया था और मरीज की
हालत गंभीर थी. डॉक्टर पैर कटा हुआ लेकर आये थे और तुरंत उसके ट्रीटमेंट में लग
गए. उसके बाद मरीज का सिर ऊपर करने के लिए कहा तो उनके तीमारदार ने ही उस पैर को
उसके सिर पर लगा दिया. हमने एक कमेटी बना दी है, अगर हमारा स्टाफ
दोषी होगा तो कार्रवाई होगी.
न्यूज़ सोर्स : एन डी टी वी डॉट कॉम ११/३/२०१८