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Sunday 11 March 2018

.UP में फर्जी एनकाउंटर की तस्वीरें आई सामने! हथकड़ी पहनाकर, पैर बांधकर मारी गई गोली


यूपी में कानून व्यवस्था सुधारने का हवाला देते हुए सैकड़ों एनकाउंटर कर चुकी योगी सरकार भले ही इसके लिए अपनी पीठ थपथपा ले लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से ये खतरनाक है । पीड़ित परिवारों के लोग आरोप लगा रहे हैं कि ये एनकाउंटर फर्जी हैं और किसी न किसी राजनीतिक रंजिश या लाभ के लिए निर्दोषों का कत्ल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें दिखाया जा रहा है योगी की पुलिस एक युवक का हाथ पैर बांधे हुए हैं और उसके पैर को गोलियों से घायल किया है।




युवक की पहचान उस शख्स के रूप में की जा रही है जिसको बदमाश बताकर बीते 15 सितंबर की रात को योगी की पुलिस ने एनकाउंटर में मारा था। आरोप था कि उसने छठी में पढ़ने वाले एक 11 साल के छात्र का अपहरण किया है।
तस्वीर सामने आने पर जहां लोग इस एनकाउंटर को फर्जी बता रहे हैं वहीं पुलिस अधिकारी इस आरोप को नकारते हुए सरासर अफवाह करार दे रहे हैं।


नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की खबर के मुताबिक, साहिबाबाद एसएसपी हरिनारायण सिंह का कहना है जिन फोटो को फर्जी एनकाउंटर बताकर वायरल किया गया है वह फर्जी हैं, पुलिस का एनकाउंटर पूरी तरह से सही। था वायरल फोटो की जांच की जाएगी।



इससे पहले भी योगी की पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगते रहे हैं।



fake encounter in u p

न्यूज़ सोर्स : बोलता यु पी डॉट कॉम
Fake encounter in up

झाँसी : सवर्ण डॉक्टरों की करतूत मरीज के कटे पैर को बना दिया तकिया


 योग्यता के नाम पर  आरक्षण के खिलाफ चला रहे सवर्ण समाज इस बात को बिलकुल  इग्नोर करना चाहते है की उनकी जाती के लोग  जिन्दा बच्चो को मरा बता देते है , मरीजो की आँख  छीन लेते है , जानवरों का इंजेक्शन इंसानों को लगा देते है , किडनी चोरी करते है , पेट मे केंची  छोड़ देते है किडनी रैकेट चलाते है , देश से गद्दारी करके भागने के तो लाखो केस है . अब एक  नई  खबर आई  है पेश है

झांसी: उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के निर्देश पर जनपद झांसी के मेडिकल कॉलेज में एक युवक के कटे पैर के प्रति डॉक्टरों तथा नर्सों की लापरवाही की घटना का संज्ञान लेते हुए सीनियर रेजीडेण्ट (ऑर्थोपेडिक्स) डॉ. आलोक अग्रवाल, ई.एम.ओ. डॉ महेन्द्र पाल सिंह, सिस्टर इंचार्ज दीपा नारंग तथा शशि श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है. इसके अलावा, असिस्टेण्ट प्रोफेसर (ऑर्थोपेडिक्स) डॉ. प्रवीण सरावगी के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के आदेश निर्गत कर दिए गए हैं. यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं.

                                      http://januday.co.in/NewsDetail.aspx?Article=10529

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली थी. यहां आये सड़क दुर्घटना में घायल युवक का डॉक्टरों ने एक पैर काटा और फिर उसका पैर सिरहाने तकिया बनाकर लगा दिया था. जिसे देख किसी के भी रोंगटे खड़े हो रहे थे. झांसी के लहचूरा थाना क्षेत्र के ग्राम इटायल से एक स्कूल बस बच्चों को लेकर मऊरानीपुर जा रही थी, तभी रास्ते में ट्रैक्टर को बचाते समय बस अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसके कारण बस में सवार बस क्लीनर घनश्याम समेत आधा दर्जन बच्चे घायल हो गये थे. क्लीनर की हालत गम्भीर होने के कारण झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था, जहां डॉक्टरों ने उपचार के दैरान उसका बायां पैर काट दिया. इसके बाद उसका पैर उसके सिरहाने तकिया बनाकर लगा दिया था.

घायल व्यक्ति का बहनोई जानकी प्रसाद जब अस्पताल पहुंचा तो यह देख वह घबरा गया. उसने डॉक्टरों से कई बार पैर हटाने के लिए कहा, लेकिन पैर नहीं हटाया गया. आखिर में उसने स्वयं ही पैर हटाकर अलग रखा. जानकी प्रसाद ने इस संबंध में बताया, “हम जब हॉस्पिटल पहुंचे, तो मरीज के सिर के नीचे उसका ही पैर रखा हुआ था लगभग दो घंटे तक ये पैर रखा रहा. जब हमने तकिया लाकर दिया तब उन्होंने पैर को हटाया.

वहीं, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या साधाना कौशिश ने कहा, “उसका पैर कटा हुआ आया था और मरीज की हालत गंभीर थी. डॉक्टर पैर कटा हुआ लेकर आये थे और तुरंत उसके ट्रीटमेंट में लग गए. उसके बाद मरीज का सिर ऊपर करने के लिए कहा तो उनके तीमारदार ने ही उस पैर को उसके सिर पर लगा दिया. हमने एक कमेटी बना दी है, अगर हमारा स्टाफ दोषी होगा तो कार्रवाई होगी.



न्यूज़ सोर्स : एन डी टी  वी डॉट कॉम  ११/३/२०१८