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Friday 18 May 2018

सोनी सोरी को मिला अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार सम्मान वर्षल 2018 का ‘फ्रंट लाइन डिफेंडर्स अवार्ड फॉर ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स ऐट रिस्क’ (FRONT LINE DEFENDERS AWARD FOR HUMAN RIGHTS DEFENDERS AT RISK) का पुरस्कार .वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला से प्राप्त जानकारी


सोनी सोरी को मिला अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार सम्मान वर्षल 2018 का फ्रंट लाइन डिफेंडर्स अवार्ड फॉर ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स ऐट रिस्क’ (FRONT LINE DEFENDERS AWARD FOR HUMAN RIGHTS DEFENDERS AT RISK) का पुरस्कार .वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला से प्राप्त जानकारी


पुरस्कार प्राप्त करने वाले पाँच अंतर्राष्ट्रीय प्राप्तकर्ताओ के नामों की सूचि में भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी का नाम शामिल किया गया है. छत्तसीगढ़ राज्य के आदिवासी समुदाय को न्याय दिलाने के लिए जोखिम भरे संघर्ष के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है. इसी शृंखला में 2018 के अन्य विजेता है:

नुर्कन बेसल (टर्की), लूचा (LUCHA) आन्दोलन(कोंगो का लोकतंयत्रात्मक गणराज्य), ला रेसिस्तेंचिया पसिफिचा दे ला मिक्रोरेगिओं दे इक्ष्क़ुइसिस (La Resistencia Pacífica de la Microregión de Ixquisis) (ग्वाटेमाला), और हस्सन बौरास (अल्जीरिया).

विजेताओं के नामों की घोषणा करते हुए, फ्रंट लाइन डिफेंडर्स के कार्यकारी निर्देशक एंड्रू एंडरसन ने कहा, “आज जिन मानवाधिकार रक्षकों का सम्मान हम कर रहे है, ये वो लोग है जो विश्व के सबसे खतरनाक जगहों पर कार्य करते है. अपने-अपने समुदायों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से न्याय और मानवाधिकार की मांग करने हेतु स्वयं की परवाह किये बिना इन्होंने कई बलिदान किये है.


सन 2005  से फ्रंट लाइन डिफेंडर्स अवार्ड फॉर ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स ऐट रिस्कपुरस्कार हर साल उन मानवाधिकार रक्षकों को दिया जाता रहा है, जिन्होंने खुद को जोखिम में डाल कर भी अपने समुदाय के व्यक्तिओं के अधिकारों की सुरक्षा और बढ़ावे के लिए अदम्य योगदान दिया है. ऐतिहासिक तौर पर यह सिर्फ एक रक्षक या किसी एक आन्दोलन को दिया जाता था. २०१८ के फ्रंट लाइन डिफेंडर्स अवार्ड फॉर ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स ऐट रिस्कपुरूस्कार की ख़ास बात यह है कि पहली बार पांच अलग-अलग देशो के पांच मानवाधिकार रक्षकों को क्षेत्रीय विजेताओ के रूप में मान्यता दी गई है. २०१८ के इन पांच पुरस्कार विजेताओं व उनके परिवारों को विभिन्न तरीके के हमलों का, मानहानि, कानूनन उत्पीड़न, मृत्यु की धमकी, कारावास और अभित्रास आदि का सामना करना पड़ा है.



सोनी सोरी एक आदिवासी कार्यकर्ता है साथ ही वह नारी अधिकारों की रक्षक है, जो छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर इलाके में काम करती है. यहाँ वह और उनके सहकर्मी, अर्धसैनिक दल और पुलिस द्वारा हिंसा को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के खिलाफ वकालत करते है. उन्होंने भारत के सुदूर और दुर्गम क्षेत्रो में राज्य-प्रायोजित दुर्व्यवहार जैसे- घर जलाना, बलात्कार और बिना वजह आदिवासिओ को यातना देना और उनका यौन-शोषण करना आदि के विरोध में संलेख पत्र तैयार किये और इन गतिविधियों के खिलाफ संघर्ष किया है. उन्होंने कई शैक्षणिक संस्थाओ को माओवादी संगठनो से होने वाली हानि से भी बचाया है. सुरक्षा दलों ने उनके इन कार्यों के प्रतिशोध में, सोनी को हिरासत में बंद कर कई तरह की अमानवीय यातनायें दी और उनके private part    में पत्थर डाल कर घंटो तक यंत्रणा दी. उसने दो सालो से ज्यादा कारावास में बिताये है. कुछ सालों बाद कुछ लोगो ने उनके चेहरे पर acid  डाला जिससे उसकी चहरे की चमड़ी जल गई. इतना ही नहीं, उन्हें धमकी दी गई कि अगर उन्होंने सुरक्षा बलो द्वारा किये गए बलात्कारों के खिलाफ वकालत करनी नहीं छोडी, तो उनकी बेटियों का भी ऐसा ही हश्र होगा. किन्तु उन्होंने अपने कार्य के प्रति अडिगता दिखाते हुए काम बंद करने से इंकार किया है और आज भी वह धमकी, अभित्रास और बदनामी के बावजूद उन खतरनाक संघर्ष क्षेत्रो में जाकर उत्तरजीवीओ (संघर्षो में जीवन यापन करने वालों) से बातचित करती है.

एंड्रू एंडरसन कहते है, “जैसे ही सरकार और व्यपारसंधी मानवाधिकार रक्षकों को बदनाम कर उनका विरोध जताना शुरू करते है और उनके शांतिमय काम को गैरकानूनी घोषित करते है, वैसे ही विश्व भर से सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा एकमतता से स्वीकार किया गया कि अंतर्राष्ट्रीय पहचान और सम्मान इस तरह के कार्य के लिए एक महत्वपूर्ण संरक्षण के तौर पे ज़रूरी कदम है.वे आगे कहते है, “यह पुरूस्कार इस बात का साक्षी है कि इन रक्षकों को अन्तराष्ट्रीय समुदायों का पूर्ण समर्थन है और उनका बलिदान नज़रंदाज़ नहीं हुआ है. हम उनके अदम्य साहस की सराहना करते हुए उनके साथ अटल विश्वास के साथ खड़े है.

News Source :  CG Basket .in  

Soni Sori a tribal Activist  fighting for human rights of Tribal people of Chhatisgarh  where  tribal people  are killed brutally and next day news comes  that  four Naxals  shot down in encounter , Para Military forces  goes and rape  tribal women  when  a protest is done , in a scuffle  if a para military  person is killed  next day news comes naxal shot down  police personnel’s, tribal people  are killed , jailed for years   without   formal trial process .

Soni Sori is  the brave lady who fights  for  the rights of  tribal people  many time she has been jailed beaten up ,  her face is burnt by acid    police put  stone  in her private  part  for many hours  just to torture  her  but she  never stopped    she teach  tribal kids  she love her mother land  but  the terrorist  group of  Congress and BJP  in the guise of democracy   are attacking  
 The  women of the world  have recognized her struggle an strength   she has become the ideal for all women of the world