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Tuesday 19 April 2016

ओड़िसा ,गुजरात में चल रहा है आर एस एस का खुनी खेल , आदिवासिओ का धर्म परिवर्तन करा हिन्दू बना रहा है आर एस एस

जन उदय : भारत में यह बात प्रमाणिक और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुकी है की इस में शुद्र और दलित कहे जाने वाला व्यक्ति ही इस देश का मूलनिवासी है और इस देश का मालिक है , पुष्यमित्र शुंग जिसको ब्राह्मण परशुराम भी कहते है .उस वक्त जो लोग पलायन कर जंगलो में चले गए थे वही लोग आज भी आदिवासी कहलाते है .
आदिवासिओ की संख्या  भारत में बहुत बड़ी है आजादी के इतने सालो बाद भी इनका कोई विकास सिर्फ जातीय आधार पर नहीं हो पाया , लेकिन कुछ समय तक जो इनका विकास हुआ वह सिर्फ इसाई मिसनरी के वजह से हुआ और इसी कारण ये लोग अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हो गए

जिस तरह ओड़िसा , महाराष्ट्र , बिहार झारखंड  वेस्ट बंगाल में और अन्य जगहों आर एस एस के द्वारा चलाये जा रहे सन्घठन वहा के आदिवासिओ को लालच दे कर हिन्दू बना रहे है

हाल ही में गुजरात की कूकना जनजाति के लोगो को आर एस एस के लोगो ने कपड़े , और पैसे देकर उनकी सामूहिक शादी कराई , इस जनजाती की ख़ास बात यह है की इनके युवा युवती अपनी मर्जी से अपने पसंद के लड़का लड़की के साथ रहते है सेक्स भी करते है और बच्चे भी पैदा करते है लेकिन ओपचारिक तोर पर शादी काफी बाद में करते है या ये कहे जब लगता है की ये दोनों एक दुसरे के साथ जीवन बिता सकते है तब शादी करते है, लेकिन आर एस एस के लोग इन्हें सभ्यता का पाठ पड़ा रहे है और इनका हिन्दुकरण  कर रहे है  या ये कहे इनको ब्राह्मण संस्कार दे रहे है ,कमाल की बात यह है की न तो  कोई मीडिया वाला और न ही ऐसे संघठन जो मानवाधिकार के लिए लड़ते है इनके बारे में आवाज उठा रहे है

इसके अलावा ओड़िसा में ब्राह्मणों का एक संघठन काम कर रहा है जिसका नाम है कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस  , यह सन्घठन भी आदिवासिओ को पढ़ाने के नाम पर उनको उनके गाव देहात और उनकी संस्कृति से अलग कर रहा है और इनका हिन्दुकरण कर रहा है बताया जाता है इस इंस्टिट्यूट में २५००० से जयादा आदिवासी  छात्र छात्राए पढ़ते है . इस संस्था के चलाने के पीछे सिर्फ यही एक कारण नहीं है बल्कि इन आदिवासिओ को इनकी जंगल और जमीन छोड़ने के भी कारण है ताकि ये यहाँ आ जाए और इनका ब्रेन वाश कर दिया जाए की लोग अपनी जडो से हट जाए

गरीबी हटाओ और शिक्षा बढाओ के नाम पर संघ बहुत भयानक खेल खेल  रहा है , संघ एक तरफ इनको हिन्दू नाम दे रहा है दूसरी तरफ पुरे देश में दलितों के खिलाफ आन्दोलन छेड़ा हुआ है ताकि इनकी संस्कृति को नष्ट किया जा सके