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और रोहित वेमुला : छतीसगढ़ भगवा प्रशासन के व्यवहार से परेशान दलित छात्रा ने की
आत्महत्या
रायपुर। मुख्यमंत्री रमन सिंह के गृह जिला
कवर्धा सरकारी नर्सिंग कॉलेज के हॉस्टल में सीनियर वर्षीय छात्रा ज्योति बंजारे जो
कि द्वितीय वर्ष की छात्रा है को हॉस्टल प्रबंधन द्वारा और सीनियर छात्रों द्वारा
प्रताड़ित किये जाने और एक गुलामों की तरह व्यवहार भी किये जाने के कारण ज्योति
बंजारे ने हॉस्टल के तीसरे माले से छलांग लगा दी। पालक गण शिक्षा ग्रहण करने के
लिये नर्सिंग कॉलेज में दाखिला करवाए थे, वही हॉस्टल
प्रबंधन और सीनियर छात्रों द्वारा उससे सुबह से शाम तक दैनिक दिनचर्या का काम करने
को दबाव डाला जाता था बर्तन मंजवाने का भी काम करवाना बताया जा रहा है।
साफ सफाई
व्यवस्था छात्रों की उपस्थिति की भी जिम्मेदारी ज्योति को दी गयी थी, उसे
खाना भी नही दिया जाता था, लगातार अपने साथ हो रहे प्रताड़ना को वह
अपने परिवार जनों को बताया करती थी और कॉलेज प्रबंधन को बताने पर किसी भी प्रकार
का कोई भी कार्यवाही नहीं किए जाने से प्रताड़ित होकर अपने ही कॉलेज के तीसरे माले
से ज्योति कूद गई क्योंकि वह यह जिल्लत भरी जिंदगी नहीं जीना चाह रही थी। एक गरीब
अनुसूचित जाति परिवार की बेटी जो कि पढ़ लिख कर अपने मां बाप और परिवार का नाम रोशन
करना चाह रही थी वही उससे गुलामों जैसा व्यवहार किया गया जिससे वह दुखी प्रताड़ित
थी।
मुख्यमंत्री रमन सिंह के गृह क्षेत्र में यह
घटना होना सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के मुंह में करारा तमाचा है।
प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का खुलासा इसी से हो रहा है कि स्वयं
मुख्यमंत्री के गृह जिले में संपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है जिसके कारण
ज्योति बंजारे को रायपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती होना पड़ छत्तीसगढ़ की बेटी
ज्योति बंजारे जो कि शिक्षा ग्रहण करने के लिए सरकारी नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन ली
थी