इसके बाद दुबारा , उत्तर प्रदेश , हिमाचल आदि में चुनाव
हुए और ई वी एम् की गड़बड़ी फी खुल कर सामने
आई यहाँ तक की मायावती ने बसपा से
जीते दो मेयर की इस्तीफे भी दिलवा दिए लेकिन कमाल की बात यह निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है लकिन
भाजपा ने इस आत्मा की भी हत्या कर दी और
देखिये की इस बात पर कही कोई चर्चा नहीं यहाँ तक की सुप्रीम कोर्ट भी चुप बैठा
है , वैसे सुप्रीम कोर्ट को यह
मालूम है कि कौन कहा हगेगा लेकिन यह नहीं मालूम की चुनाव में ई वी एम् अपना नृशंस
खेल खेल रही है
देश का का लोकतंत्र खतरे में है इसके प्रमाण हर चुनाव
में उबर कर सामने आ रहे है ९ दिसम्बर २०१७ को जब गुजरात में चुनाव हुए तो दो बात
विशेष रूप से सामने आई ई वी एम् की पहली
ये वाई फाई से कनेक्ट हुई बल्कि
गड़बडियो की एक लम्बी फेहरिस्त सामने आ गई
यही नहीं सबसे बड़ा कमाल तो यह रहा की
दोपहर दो बजे तक गुजरात में सिर्फ
३० प्रतिशत वोटिंग हुई लेकिन दो बजे से लेकर चार बजे के बीच ६० प्रतिशत
वोटिंग हो गई ये सिर्फ दो घंटे में ३० प्रतिशत वोटिंग
यह अपने अप में चकित करने वाली बात है
अब यह अनुमान लगाए जा रहे
है की जो भाजपा गुजरात , मध्य प्रदेश ,
छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतती आ रही थी वे भी ई वी एम् की मेहरबानी से थे ,
अब मुद्दे की बात यह है
की अगर यह साबित हो जाए की भाजपा ने अब तक
जो भी चुनाव जीते वे सब ई वी एम् मैनेज
करके जीते तो क्या भाजपा क नेताओं को सजा
होगी , होगी तो कितनी , किस कानून के तहत , या इसको सिर्फ और सिर्फ देशद्रोह माना जाए ??
क्या भाजपा की एक पार्टी की
तरह मान्यता रद्द की जाएगी और इस षड्यंत्र में शामिल सभी लोगो पर देशद्रोह का
मुकद्दमा चलेगा ?/ विशेषकर नरेंदर मोदी पर जो इस जमात का पूरा सरदार है