जन उदय : सरकारी पैसे से ब्राह्मणवाद को कैसे
बढ़ावा मिलता है इसका उधाहर्ण इसी बात से मिलता है की कुम्भ में ब्राह्मणों की अयाशी
के लिए ४५०० करोड़ सरकार ने खर्च किये ,
जिससे हांसिल कुछ न हुआ , हाँ भाजपा सरकार के सारे मंत्रियो की जेब
खूब गर्म हुई है
यदि भ्रस्टाचार पर
नियंत्रण को बात करे तो शिवराज सरकार और सिंहस्थ प्रभारी भूपेंद्र सिंह
भ्रस्ट्राचार को रोकने में पूरी तरह असफल रहे या फिर यूँ कहे कि भ्रस्ट्राचार के
पोषण में सफल रहे।सिंहस्थ में भ्रस्यचर के बारे में दिग्विजय सिंह जी ने मटका
घोटाला उजागर किया था जिस पर सरकार ने परदा डालने की कोशिस की पर सिंहस्थ में
स्वास्थ्य सामग्री की खरीद में हुए घोटाले ने तो मध्यप्रदेश की जनता की आँखे खोल
दी ।
शर्मनाक तो ये हे कि प्रदेश का मुखिया
शिवराज सिंह जी अखवारों में विज्ञापन छपवा रहे हे की सिंहस्थ और उसका
प्रवंधन सफल रहा और आज हे सिंहस्थ प्रभारी भूपेंद्र सिंह का कुशल प्रबंधन हेतु
सागर में स्वगत हो रहा हे,सम्मान हो रहा हे और संयोग देखिये आज
ही भूपेंद्र सिंह जी के अकुशल प्रबंधन के कारण लगभग 60 करोड़ का घोटाला
हुआ हे यही सत्ता की अवस्था हे।
स्वास्थ्य सामग्री घोटाले की बात करे तो
5 करोड़ की सामग्री 60 करोड़ में खरीदी गयी जिसमे 150
रुपिये के रुबर हैण्ड ग्लोवज 1890 रुपिये में,93 रुपिये का
स्टेथोस्कोप 7000 रुपिये में इसके साथ ही अन्य सामग्री में ओने पौने दामों में खरीदकर भारी भ्रस्ट्राचार
किया गया हे।उपरोक्त आंकड़े आज नवदुनिया न्यूज़ पेपर में सबूतो सहित प्रकाशित हुए हे
जो मध्यप्ररदेश सरकार को कटघरे में खड़े करने वाले हे।
उपरोक्त घोटाले के उजागर होने से सिद्ध होता हे कि सिंहस्थ प्रभारी
भूपेन्द्र सिंह जी के नाक के नीचे भ्रस्ट्राचार हुआ हे और बो इसमे सम्मिलित रहे हे
या रोकने में असफल रहे हे।कुल मिलाकर महाकाल की नगरी में धार्मिक आस्था सिसकती रही
और शिवराज तथा उनके नुमाइंदों की उपस्थिति
में भ्रस्ट्राचार और अनियमितता अट्टहास कर सभी को चिढ़ाती हुई अपना खेल खेलती रही।