नई दिल्ली के
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में देश के अग्रणी थिंक टैंकों में से एक सेंटर फाॅर
एजूकेशन ग्रोथ एण्ड रिसर्च (सीईजीआर) ने उच्च शिक्षा, भारत की क्या ज़रूरत है विषय पर राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया।
इस सेमीनार
में क़रीब 300 शिक्षाविदों और
काॅरपोरेट ने हिस्सा लिया। सेमीनार में
भाग लेने आए शिक्षाविदों ने भारत में उच्च शिक्षा की ज़रूरत और उसे किस तरह से
हासिल किया जा सकता है, इस पर अपने अपने
विचार व्यक्त किए।
समारोह को मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए डाॅ. अरूण
कुमार, सांसद, जहानाबाद, बिहार ने भारत की खत्म होती सांस्कृतिक और चारित्रिक
मूल्यों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के
लिए इसमें काफी बदलाव की ज़रूरत है। सेमीनार को श्री गुरतेज सिंह ढिल्लन, सचिव, भारतीय जनता पार्टी, पंजाब राज्य ने
भी संबोधित किया।
श्री ढिल्लन ने शिक्षा में अच्छे परिणाम हासिल करने के लिए इसके
व्यावसायीकरण की बात कही। सेमीनार के दौरान डाॅ. मनप्रीत सिंह मन्ना, डायरेक्टर, एआईसीटीई ने उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए सरकार द्वारा
उठाए जा रहे कदमों के बारे में हाॅल में मौजूद श्रोताओं और दर्शकों को बड़े ही सरल
अंदाज़ में बताया।
सेमीनार में ही पूरे देश में उच्च शिक्षा के लिए बेहतर काम करने
वाले युनीवर्सिटी और काॅलेजों को ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा
गौरव पुरस्कार’’ से सम्मानित भी
किया गया। देश के बेस्ट मैनेजमेंट काॅलेज का अवार्ड नई दिल्ली इंस्टीट्यूट आॅफ
मैनेजमेंट (एनडीआईएम) को मिला। पुरस्कार हासिल करने एनडीआईएम के चेयरमेन श्री
विश्वमोहन बंसल खुद मौजूद थे। अवार्ड मिलने के बाद उन्होंने सीईजीआर को धन्यवाद
दिया और भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन करने का वादा किया। ग़ौरतलब है कि एनडीआईएम
ने अपने छात्रों को हमेशा अच्छा वातावरण मुहैया करवाने की है।
शिक्षा और उद्योग
जगत से बेहतरीन तालमेल की वजह से इस संस्थान की गिनती देश के सर्वश्रेष्ठ
मैनेजमेंट काॅलेजों में होती है।