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Sunday 20 March 2016

निजी स्थान पर अश्लील हरकत अपराध नहीं: हाईकोर्ट

मुंबई, 20 मार्च  एक फ्लैट में महिलाओं के साथ अश्लील हरकत करने के आरोप में पकड़े गए 13 लोगों के खिलाफ मामले को बंबई उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया। अदालत ने कहा है कि निजी स्थान पर किया गया इस तरह का कोई भी कार्य आईपीसी के तहत अपराध नहीं है।

न्यायमूर्ति एनएच पाटिल और न्यायमूर्ति ए एम बदर की खंडपीठ इन लोगों की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इन लोगों ने याचिका दायर कर पिछले साल दिसंबर में अंधेरी थाने में दर्ज की गई आईपीसी की धारा 294 के तहत दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की थी। पुलिस के मुताबिक 12 दिसम्बर 2015 को उन्हें एक पत्रकार से सूचना मिली कि पड़ोस के एक फ्लैट में तेज आवाज में संगीत बज रहा है। खिड़कियों से दिख रहा है कि महिलाएं कम वस्त्र पहनकर नृत्य कर रही हैं और लोग उन पर नोट उड़ा रहे हैं। शिकायत पर पुलिस ने फ्लैट पर छापेमारी करके वहां छह महिलाओं को कम वस्त्र पहनकर नाचते हुए पाया था।

इस दौरान वहां शराब पी रहे 13 लोग को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। याचिकाकर्ताओं के वकील राजेन्द्र शिरोडकर ने कहा कि उक्त फ्लैट को सार्वजनिक स्थल नहीं कहा जा सकता जहां हर कोई आ जा सकता था।

अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए कहा, निजी स्थल पर की गई अश्लील हरकत आईपीसी की धारा 294 के प्रावधानों के तहत नहीं आती। भवन का फ्लैट किसी निजी व्यक्ति का था जिसका उपयोग निजी कार्यों के लिए था और इसे सार्वजनिक स्थल नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 294 के तहत सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत में शामिल व्यक्ति को दंडित किया जाता है।