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Monday 7 March 2016

रोहित वेमुला की हत्या ध्यान हटाने के लिए रचाया जे एन यु का स्वांग ,संघ ने : ब्राह्मण शासन है अंतिम लक्ष्य

देश में हो  रही दलित  हत्याए आदिवासिओ की हत्याए  लगातार हो  रही है और बाकायदा इनकी संख्या  लगातार बढती जा रही  है , उड़ीसा से लेकर मध्य प्रदेश , छतीसगढ़ ,महारष्ट्र में कोंग्रेस  बी जे पी दोनों एक साथ मिल कर आदिवासी हत्याओं में शामिल है ,

ये बात जानकार सबको हैरानी होगी की दलित हत्या के मामले में ये दोनों दल एक है , एकमत है


फिलहाल ही  एक आदिवासी महिला सोनी सोरी के मूह पर तेज़ाब फेंका गया  इससे  पहले  उसके निजी अंग में पथ्तर  भर दिए थे पुलिस वालो ने , इस कार्य की वजह से उन पुलिस वालो को राष्ट्रपति का वीरता पुरूस्कार भी मिला था
 दलित हत्या के क्रम में संघियो ने धीरे धीरे उन सस्न्थाओ को और उन छात्रो को निशाना बनाना शुरू किया किया  जहा पर दलित छात्र उनके उपर हो  रहे है जुल्मो के खिलाफ आवाज उठाते है ,

और इस प्रक्रिया में  दक्षिण भारत को चुना गया और  वहा पर आई आई टी मद्रास  को सबसे पहले निशाना  बनाया गया  जहा पर बीफ को लेकर संघियो ने उन्माद मचाया  और दलित छात्रो को प्रताड़ित किया गया .

इसके बाद हैदराबाद  केन्द्रीय विश्विद्यालय  को चुना गया  जहा पर झूटा इल्जाम लगा कर रोहित वेमुला और  अन्य  छात्रो को  जबरदस्ती  होस्टल से निकाला गया  और  ये  छात्र सडक पर रात बिताने के लिए मजबूर किया गया , इसके साथ साथ इनकी स्कोलरशिप भी रोक दी  गयी यानी की मानसिक , आर्थिक और शारीरक तीनो तरह से इनको प्रताड़ित  किया गया ,  हैदराबाद केन्द्रीय  विश्वविध्यालय के इस दलित आन्दोलन  का अंत रोहत वेमुला की संस्थानिक हत्या से हुआ जिसका पुरे देश में ही नहीं दुनिया में विरोध होने लगा  सारे देश  की भावना रोहित और उसके परिवार से जुड़  गुई  संघियो को लगा जैसे ये उनकी एक राजनेतिक हार है  रोहित के मामले को दबाने के लिए एक नया षड्यंत्र  रचा गया और ये  षड्यंत्र जे एन यु षड्यंत्र के नाम से जाना गया जहा पर  संघियो ने पूरी प्लानिंग के साथ अपने ही लोगो से देश विरोधी नारे लगवाये और पुलिस  और मीडिया की मदद से जे एन यु छात्रो को गिरफ्तार  करवाया गया वो भी देशद्रोह के आरोप में

इन छात्रो की भी गलती यही  थी की ये भी ब्राह्मणवाद , सामन्तवाद , जातिवाद के खिलाफ नारे लगाते थे , जे एन यु की घटना के जरिये  संघियो/ भाजपा  ने  पुरे देश का ध्यान दलितों  के उपर हो  रहे अत्याचार से हटाने की एक नाकाम कोशिस  की जो की हो नहीं पाया



घटना सिर्फ ये नहीं  है  इतिहास में भाजपा / संघ इसी तरह के कार्यो में लिप्त रहे है