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Monday 7 March 2016

बोखलाई भाजपा और संघ ने कन्हिया के समक्ष उतारा एक विक्षिप्त लड़की को : लड़की ने दी बहस की चुनोती ,विक्षिप्त मीडिया बना रहा है लड़की को हीरो

नई दिल्ली, 07 मार्च (एजेंसी)। जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को बहस के लिए खुली चुनौती देने वाली लुधियाना की 15 वर्षीय जाह्नवी बहल इन दिनों अपनी मानसिक विक्षिप्त के कारण सोशल मीडिया पर छाई हुई है।

इसी साल गणतंत्र दिवस के मौके पर स्वच्छ भारत अभियान में सहयोग के लिए सम्मानित की गई जाह्नवी भाजपा और संघ के करीबी बताई जाती है , इसने कन्हैया कुमार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विषय पर सार्वजनिक बहस के लिए ललकारा है।

जाह्नवी का कहना है कि कन्हैया कुमार ने देश के लिए बहुत कुछ करने वाले, दुनियाभर में भारत को पहचान दिलाने वाले, बिना कोई छुट्टी लिए सिर्फ देश के बारे में सोचते रहने वाले और देश का भला सोचते रहने वाले प्रधानमंत्री के खिलाफ बोला है।

जाह्नवी ने कहा कि कन्हैया उन्हें किसी भी जगह किसी भी वक्त मिल सकते हैं और जो भी उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ बोला है वो उस पर उनसे बहस करने के लिए तैयार हैं। जाह्नवी ने कहा कि अगर वो प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बात कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वह देश के लोगों के खिलाफ भी बात कर रहे हैं। 




जाह्नवी की ये टिप्पणियां रविवार को माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर ट्रेंड कर रही थीं, और उन पर हजारों कमेंट आए थे। वैसे, जाह्नवी वर्ष 2010 से सामाजिक कार्य करती रही है, और स्वच्छ भारत अभियान में सहयोग के लिए उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से प्रशस्ति पत्र भा प्राप्त हुआ था।

कन्हैया ने पिछले सप्ताह न्यायिक हिरासत से बाहर आने के बाद जेएनयू लौटकर एक भाषण दिया था, जो दुनियाभर में चर्चा का विषय तो बना ही था, राजनैतिक तबकों में उस पर कड़ी प्रतिक्रियाएं भी हुई थीं। अपने भाषण में कन्हैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनके विकास मंत्र पर वार करते हुए कहा था, मैं गांव का रहने वाला हूं, जहां जादू के शो होते हैं। वहां लोग जादू दिखाते हैं, और ऐसी अंगूठियां बेचते हैं, जिनसे सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। हमारे देश में ऐसे ही कुछ लोग हैं, जो कहते हैं, काला धन वापस आएगा, सबका साथ, सबका विकास।

गौर तलब है की कन्हिया ने सिर्फ उन्ही बातो को कहा जो बाते नरेंदर मोदी , अमित शाह और भाजपा अपने विज्ञापनों में चुनाव से पहले कह रही थी और चुनाव जितने के बाद उन सब चुनावी वादों को चुनावी जूमला बता दिया , जिसके कारण पुरे देश में असंतोष का माहोल बना हुआ है ,


भारत के लोकतंत्र में ऐसा धोखा शायद ही किसी नेता और पार्टी ने दिया हो