जन उदय : इस वक्त
भारतीय जनता पार्टी शासन वाव्य्स्था के सभी फ्रंट पर फेल हो चुकी है उसकी समझ में
नहीं आ रहा है की वो आने वाले चुनावों में अपना क्या मूह लेकर जाए
चुनाव में जो
वादे कर के आये थे उन वादों को भाजपा खुद नकार चुकी है वह भी यह कह कर की ये सब
चुनावी जुमले थे , काला दान आया
नहीं महंगाई कम नहीं हुई बेरोजगारी घटी नहीं स्मार्ट सिटी , बुलेट ट्रेन ये ऐसे चीजे है की भविष्य में हुई न हुई हाँ
इनको एक सपने के रूप में देखा जा सकता है , लेकिन सपनों से आम आदमी का पेट नहीं भरता , आम आदमी विकास के साथ जीना चाहता है , वह उसे अपने सामने साकार होता देखना चाहता है ,
जो मोदी सरकार के बसका नहीं
यही कारण है की
भाजपा यानी मोदी के गुर्गो ने ऐसे ऐसे कारनामे करने शुरू कर दिए है जो लोगो का
ध्यान देश की समस्याओं से खींच कर कही और ले जाए ताकि भाजपा आने वाले बंगाल ,
पंजाब उत्तर प्रदेश , तमिलनाडु चुनाव में प्रवेश कर सके दादरी , गोमांस मद्रास आई आई टी पुणे फिल्म स्कूल ,
और सबसे बड़ा मुद्दा रोहित वेमुला की संस्थागत
हत्या
दरअसल रोहित
वेमुला और जे एन यु के वारदातों से जिनमे ब्राह्मणवाद को चुनोती दी जाति थी ,
के जरिये स्वर्ण वोट को एक तरफ करना है ,
इन मसलो की ख़ास बात की जे एन यु और हैदराबाद
विश्वविद्यालय की घटनाओं को भाजपा ने उठाया तो सही लेकिन छात्र समस्या को लेकर सही
बात मीडिया के जरिये आम लोगो के सामने नहीं आने दी
जैसे जे एन यु और
रोहित मूल रूप से एक बात के खिलाफ थे वो था ब्राह्मणवाद , जिसमे वो लोग महिसासुर जयंती भी मनाते थे
भाजपा ने इस
मुद्दे को और देशद्रोह के मुद्दे को जम कर भुनाया लेकिन अंत में भाजपा और मैडम
इरानी झूटी साबित हुई .
भाजपा यह भी मान
रही है की अगर देश के स्वर्ण हिन्दू एक तरह हो कर उनके साथ आ जाए तो इनका भारत पर
कब्जा हो जाएगा क्योकि स्वर्ण दलितों को मार पीट कर डरा कर अपने साथ कर लेगा ,
यही कारण था की मैडम इरानी ने यह सोचे बिना की
देश जातिय दंगो की चपेट में आ सकता है संसद में जानबूझ कर यह ब्यान पड़ा की जे एन
यु में जब महिसासुर की जयंती मनाई जाती है तब दुर्गा को एक वेश्या के रूप में पेश
किया जाता है . मैडम इरानी के इस ब्यान का खंडन और निंदा सभी जाति और पार्टी के
लोगो ने की क्योकि ये भारत के इतिहास में इस तरह की ब्यान बाजी संसद में पहली बार
हुई जिसकी वजह से संसद शर्मसार हुई , लोकतंत्र शर्मसार हुआ
मैडम इरानी शायद
ये भूल गई की एम् पी छतीसगढ़ ,ओड़िसा , बंगाल ,बिहार आदि के आदिवासी इलाको में महिसासुर को देवता के रूप में पूजा जाता है ,तो कोई समाज अपने देवता को राक्षस के रूप में
कैसे स्वीकारेगा , दूसरी बात भारत
में जातिय दंगे सिर्फ और सिर्फ दलितों का ही फायदा करेंगे और भाजपा संघ जैसी
पार्टी का इस देश से अंत हो जाएगा