देश के अग्रणी बिजनेस स्कूलों में से एक नई दिल्ली इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट तुगलकाबाद में आने वाले समय में एचआर के क्षेत्र में सामने आने वाली चुनौतियों और उससे निपटने के उपायों पर ‘‘एचआर फाॅर मेक इन इंडिया फिटिंग द जिगशाॅ पज़ल’’ विषय पर राष्ट्रीय एचआर समिट का आयोजन किया गया। एचआर समिट की शुरूआत काॅलेज के चेयरमेन श्री वी.एम. बंसल के स्वागत भाषण से हुआ। सत्र के पहले हिस्से में ‘‘टैलेंट स्ट्रेटजी फाॅर सक्सेस आॅफ मेक इन इंडिया’’ विषय पर श्री अवधेश दीक्षित, हेड एचआर, जीई, अरिन्दम लाहिड़ी, हेड एल एण्ड डी, सैमसंग और विभिन्न उद्योगों से जुड़े एचआर ने अपने विचार सबके साथ साझा किए।
उन्होंने सरकार की तरफ से देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलायी जा रही स्कीम ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में विस्तार से बताया और यह भी कहा कि बिना सही टैलेंट स्ट्रेटजी के मेक इन इंडिया अभियान को सफल नहीं बनाया जा सकता है। दूसरे सत्र के विषय ‘‘कैपेबिलिटी बिल्डिंग माॅडल्स फाॅर मेक इन इंडिया’’ पर सभी को सम्बोधित करते हुए अतिथियों ने भारत में मौजूद क्षमताओं के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए मैनेजमेंट विशेषज्ञों ने अपने अपने क्षेत्रों की ज़रूरतों और उसे पूरा करने के लिए छात्रों को किस तरह से तैयार रहना चाहिए, इसके बारे में भी उनका मार्गदर्शन किया। तीसरे और आखिरी सत्र में ‘‘बिल्डिंग एण्ड सस्टेनिंग कल्चर फाॅर मेक इन इंडिया’’ विषय पर भारत में मौजूद संभावनाओं और उसको आगे बढ़ाने में बिजनेस स्कूलों की भूमिका के बारे में भी चर्चा की गयी। एचआर समिट से मैनेजमेंट काॅलेज को अपने कोर्स को रोज़गारपरक और समयानुकूल बनाने में बहुत लाभ मिलता है, वहीं कंपनी को आने वाले टैलेंट से मिलने का मौका मिलता है।