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Saturday 11 June 2016

सगे भाई बहन बन सकते है पति पत्नी , देख लो वेदों में लिखी गंदगी

वेदों को भुदेवताओ द्वारा ज्ञान और विज्ञान का भंडार कह कर सारी दुनियाँ में प्रचारित किया जा रहा है| इसकी सच्चाई को जानने विदेशी भी संस्कृत का अध्यायन कर रहे है | नतीजा उन्हें भी पता चल जाएगा की वेदों कितने पानी में है | कुछ उदहारण निचे देखिये .......???

**वेदों में याम और यमी आपस में भाई बहन है इन दोनों की अश्लीलता देखिये ........... " क्या एक भाई बहन का पति नही बन सकता ..... मै वासना से अधीन होकर यह प्रार्थना करती हू कि तुम मेरे साथ एक हो जाओ और रमण करो ..... वाह रे ज्ञान के भंडार .......!!!!! वेदों के हिमायतियों को भाई बहन का त्यौहार **रक्षा बंधन ** से दूर ही रहना ठीक होगा |
***इसके साथ ही वेदों की कुछ ऋचाओं , में देवता उपस्थित है , कुछ में नही | कुछ में पुजारी उपस्थित है कुछ में नही | किसी ऋचा में देवता की स्तुति की गई है , तों किसी ऋचाओं में केवल याचना | कुछ में प्रतिज्ञाए की गई है , तों कुछ ऋचाओं में श्राप दिए गए है | कुछ ऋचाओं में दोषारोपण किया गया है और कुछ में विलाप किया गया है | कुछ ऋचाओं में इन्द्र से शराब और मांसाहार के लिए प्रार्थना की गई है |


वेदों में यह विभिन्नताए यह प्रमाणित कराती है की ये ऋचाए भिन्न -भिन्न ऋषियों ( 99% ब्राहमणों ) की रचना है | और हर ऋषि का अपना एक देवता है जिससे वह ऋषि अपनी इच्छा पूर्ति की प्रर्थना करता है | वेदों में न कोई आध्यात्म है, न कोई ज्ञान विज्ञान ,और न कोई नैतिकता |बल्कि अश्लीलता और पाखण्ड ,शराब पीने और मांसाहार करने का भरपूर बोलबाला | कोई महामूर्ख ही वेदों को ज्ञान -विज्ञान का भंडार कह सकते है

अपनी बेटी से बलात्कार करने वाला, जगत रचयिता : ब्रह्मा

'ब्रह्मा'शब्द के विविध अर्थ देते हुए श्री आप्र्टे के संस्कृत-अंग्रेजी कोष में यह लिखा है- पुराणानुसार ब्रह्मा की उत्पति विष्णु की नाभि से निकले कमल से हुई बताई गई है उन्होंने अपनी ही पुत्री सरस्वती के साथ अनुचित सम्भोग कर इस जगत की रचना की पहले ब्रह्मा के पांच सर थे,किन्तु शिव ने उनमें से एक को अपनी अनामिका से काट डाला व अपनी तीसरी आँख से निकली हुई ज्वाला से जला दिया. श्रीमद भगवत, तृतीय स्कंध, अध्याय १२ में लिखा है---