Apni Dukan

Saturday 11 June 2016

जानिये ऐसा क्या है जिसे जानकार लोग हो जाएंगे नास्तिक


जन उदय : भगवान् क्या है ?? क्या ये सच में मौजूद है  है  या मात्र कल्पना ही है ??
सच में भगवान् सिर्फ एक कल्पना है और  इसका निर्माण कुछ ऐसे शातिर लोग करते है जो समाज को अपने इशारे पर नाचना  चाहते है  और चाहते है समाज में जो हो रहा है और होगा वो सब उनके हित के लिए ही हो और समाज पर इनका  वर्चस्व  बना रहे .
अब जानिये वो बाते जिनकी वजह से भगवान् के निर्माण में धूर्त लोगो को  सहयता  मिलती है  , भगवान् के निर्माण से पहले जो लोग अपने आपको भगवान् का संदेश वाहक बताते है या ये कहते है की भगवान् से उनकी सीढ़ी बातचीत  होती है , ये लोग समाज के मनोविज्ञान का पूरा और सही ढंग से अध्यन करते है

ये सब हम बाते भारतीय पोरानिक सन्दर्भ में समझने की कोशिस करेंगे ,आदिकाल् में बारिश , अग्नि , हवा ,  आदि उत्पात , विनाश का कारण होती थी , कभी भी खड़ी पकी फसल  बाढ़  से खराब हो है , या बारिश नहीं हुई सुखा आ गया इससे मानव बहुत डरता था , तो धूर्त लोगो ने  इन सब को भगवान् का रूप  दे दिया और बाकायदा इनकी पूजा का प्रवाधान  और तरीके भी बता दिए .

इसके बात मानव जीवन में एक बात और भयंकर थी की एक दिन अचानक उनमे से कोई दिर जाता और  फिर न तो बात करता और न ही चलता  जो मृत्यु  थी , अब ऐसा क्या है इस शरीर में , जो इसको चलता फिरता बनाता था और जिसके न रहने से शरीर निर्जीव हो गया , इसको आत्मा , रूह का नाम दिया गया जो की भगवान् के हाथ में है

आदिकाल के समाज के लिए यह भी एक अजीब बात थी की आदमी ने औरत की योनी में अपना लिंग  डाला  और उसे अलोकिक सुख मिला और फिर कुछ समय के बाद  एक बच्चा  पैदा हो गया सो ये एक बहुत बड़ी चमत्कारिक  घटना थी उस समय , सो शातिर  लोगो ने जन्म मृत्यु  इन  सबको  भगवान् का खेल बता दिया   और यह ज्ञान बाद में समय  समय पर यह  ज्ञान परिपूर्ण  होता गया

इसके अलावा  इंसान के अंदर प्राक्रतिक  डर  , लालच  , कामचोरी , हवस सबका  फायदा उठाया  ऐसे ऐसे भगवान् की रचना कर दी जिनके हाथ में तलवार है , हथियार है अगर कुछ  गलत किया तो वह सजा देगा  और सही चलोगे यानी हमारे द्वारा रचे गए  उपदेशो से चलोगे तो भगवान् वरदान देगा  भगवान् ऐसा है अगर उसकी पूजा सही ढंग से करोगे तो वह वरदान देगा  जो चाहे मांग  लो भगवान् से , शातीर  लोगो ने ऐसे भी विचार और उपदेश फैलाए

कमाल की बात देखो ४३ दिन एक मन्त्र जपने से आप भगवान् से मिल लोगे , आपकी मन  की मुराद  पूरी हो जाएगी इस तरह  के लालच , हजारो है
अब हम देखे एक बहुत ही  बड़ा  उधाह्र्ण , आप  शादी के लिए पटरी मिलवाते है , शुभ  समय देख कर सारे काम करते है दिवि देवताओं  की पूजा करते है , उन्हें आशीर्वाद के लिए बुलाते है , लेकिन फिर भी शादी के बाद जीवन नर्क  की तरह रहता है , तलाक  हो जाते  है  दिन रात  घर में झगड़ा  रहता है ,  तो ऐसा क्यों
आपने तो सभी कुछ किया तो इसका कारण यही है की आप जीवन में जितना मर्जी पूजा करे कर्म काण्ड करे ये सब आपके मन को कही एक मनोवैज्ञानिक  संतुष्टि  देगा या बल  देगा  और सारे काम भी आप करेंगे , लेकिन मुशीबत में भगवान् कभी नहीं  अता जब भी जो कुछ भी हुआ वो आपने खुद ने किया है , लेकिन भगवान् का डर हमारे दिलो में इतना है , यानी हम अपनी जिन्दगी से और किसी  भी अकस्मात घटना और अप्रिय घटना से इतना डरते है की  भगवान् की शरण में चले जाते है

कोई भी व्यक्ति यह कह सकती है की ये सब बकवास है   तो कृपया करके  वह व्यक्ति यह बताये की जब भगवान् ने आप सबको एक ही बनाया है  तो आप  दुनिया का कोई भी धर्म  या भगवान् बताइये जिसके रहते , उस धर्म को मानने  वाले सभी  लोग सुखी  रहते है , वो लोग कभी बीमार नहीं पड़ते  , उनके बच्चे  या पति  पत्नी कभी आकस्मिक  नहीं मरते उस  समाज  में लोग गरीब नहीं है  , अशिक्षित  नहीं  है उस अमाज में लोग आपस में  लड़ते  नहीं है , सब शान्ति और सुख से रहते है , अगर नहीं तो ऐसे भगवान् या धर्म को मानसे से क्या फायदा ?

इन सब बातो से यही समझ में आता है की दुनिया का कोई भी धर्म , या भगवान्  समाज में फैली विषमता  को संता में नहीं बदल सकता , वह गरीबी , भुखमरी खत्म नहीं  कर सकता ,भाई भाई  हमेशा एक रहे यह भी नहीं हो सकता समाज में लोग आपस में
  लड़ते नहीं मिलजुल कर रहते है यह भी नहीं हो सकता
लेकिन एक बात हमेशा इंसान की जिन्दगी  को उसके मनोविज्ञान को हमेशा प्रभावित  करती है वह यह की वह जिस धर्म को मानता है उस धर्म का भगवान् उसके बारे में क्या कहता है ?? क्या भगवान यह कहता है वह सामान है ??  बस  यही बात और कुछ अन्य  आदर्शवादी  बाते इंसान को दुसरे धर्म की तरफ खींचती  है

दुनिया के सभी धर्मो  और उनकी किताबो में इन्सान को सामान बताया गया है यह बात अलग है की प्रैक्टिस में ऐसा नहीं है  लेकिन धर्म  की किताब में है ऐसा  , लेकिन तथाकथित  ब्राह्मणों  द्वारा लिखी गई किताबे दुनियामे  ऐसी  किताबे  है  या उपदेश है  जिन्हें ब्राह्मणों  ने यह कहकर लिखा है की ये भगवान् के उपदेश है , सिर्फ इन्ही किताबो में इंसान को इंसान से अलग उंचा  नीचा  बताया   गया है , इन किताबो में लिखा है की कुछ लोग ऊँची जाती  के है कुछ निंची जाति के , ऊँची जाति  के लोगो को हक है की ये नीची जाति  को गुलाम बना कर रखे , उन्हें पढने  न दे  , उन्हें  शिक्षित  न होने  दे   उनके पास किसी प्रकार की सम्पति  न रहे ,इनको समाज के बाहर रखा जाए    सिर्फ ब्राह्मणों  की किताबे यानी  गीता  वेद , पुराण , मनुसिमृति  में ही ऐसा लिखा है नीची  जाति  के ही नहीं  महिलाओं को गुलाम बना कर रखा जाए ,, ये सिर्फ भोग की  वस्तु है

क्या कोई महिला या नीची जाति  का ऐसे भगवान् को मानेगा  नहीं कभी  नहीं
ऐसी विचारधारा को  मानने  वाली महिला अगर वह होगी तो कोई किराए पर  शरीर बेचने वाली , साथ ही शेक्षिक  और मानसिक रूप से बदचलन औरत  ही ऐसी  विचारधारा  का समर्थन करेगी  और  प्रचार करेगी और ऐसे ही तथाकथित  नीची  जाति  के लोग करेंगे  तो उन्हें  अपना  डी  एन ए  टेस्ट करवाना  ही चाहिए