जन उदय : वैसे ये पुरानी कहावत है की किसी भी
कार्य को करने से पहले हजार बार सोच लेना चाहिए उसके सारे पहलु पर अच्छे से विचार
करना चाहिए की क्या सही है और क्या गलत , कार्य के बीच में सिर्फ उसी कदम में
सुधार लाने की ही बाते की जा सकती है बाकी कुछ नहीं .
अब मोदी जी जनता से राय जान रहे है की क्या
मोदी का ये कदम सही है क्या इस योजना से काला धन निकलेगा ?? आदि आदि तो क्या
मोदी जी एप के जरिये यह योजना के बारे में क देश की राय जान पायंगे ?? क्या
पूरा देश स्मार्ट फोन इस्तेमाल करता है ?? या सिर्फ भक्त लोगो की राय से खुश हो
जाएंगे . और अगर राय जाननी थी तो इस कार्य को करने से पहले जाननी थी . अब तो सिर्फ
एक ही रास्ता है योजना को वापिस लेना शायद इसी वजह से मोदी को थोड़ी राहत मिल पाय
और इज्जत बच जाए
काले धन पर गुमराह करने वाले मोदी अपने नेताओं
को जो ५०० करोड़ की शादी करते है उनको सिर्फ नोटिस भेज रहे है और जो अपने पुरे जीवन
की कमाई ४ लाख रूपये बैंक में जमा करा रहा है उससे बैंक के ही कर्मचारी पूछताछ कर
रहे है .. ये साफ़ साफ़ आतंक है
नोटबंदी के बाद पुरे देश को गुमराह कर मोदी ने
जो काले धन का पत्ता फेंका है यह दरअसल उल्टा पढता नजर आ रहा है और अब मोदी बैकफूट
पर पहुच गया है मोदी की हालत सिर्फ सलिए नहीं हुई की संसद में इन जनाब से सवाल
पूछे जा रहे है बल्कि इसलिए हुई है की देश के अंदर आम लोगो का जीवन तबाह हो गया है
अब तक अस्सी से जयादा लोग बिना मौत के मर चुके
है एक ऐसी मौत जिसके बारे में मरने वाले के परिवारों ने कभी कल्पना भी नहीं की
होगी इसके अलावा जो भी धन बैंक में जमा हो रहा है वह काला धन तो बिलकुल नहीं है
बल्कि गरीबो का खून पसीने से कमाया हुआ धन है दस ग्यारह दिन के पश्चात शायद सरकार
ने भी यह महसूस कर लिया है की यह जतन भी काम नहीं आया है जिसकी वजह से सरकार को
कोई फायदा हो
इसके अलावा यह कदम साफ़ साफ़ दिखाता है की मोदी
ने इस कार्य को करने से पहले कोई होम वर्क नहीं या है क्योकि यह अफरातफरी इसी बात
का नतीजा है इस बात के लिए सभी माननीय हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कह रहे है की
सरकार ने अपना काम पूरा नहीं किया और आनन् फानन में यह फैसला कर लिया ,
मोदी के चरित्र और भाजपा की अब तक की विफलता को
देखते हुए यही कहा जा सकता है , मोदी ने भी लोगो को चोंका देना वाला
काम किया ताकि लोग गरीबी , बेरोजगारी महंगाई पर कभी कोई बात न कर
सके
वैसे मोदी की डींग मारने की आदत इस काम पर भी
नहीं गई और कहने लगे जनाब की मै पिछले दस महीने से इस योजना में लगा हुआ था ,
अगर
हम मोदी की यह बात भी मान ले तो यह कहना बिलकुल गलत नहीं होगा की भाजपा और मोदी
किसी भी योजना को नहीं बना सकते जो सफल हो सके इसके अलावा कुमारी मायावती ने यह
बात संसद में भी पूछी थी अगर मोदी दस महीने से इस योजना पर काम कर रहे थे तो फिर
अब पचास दिन क्यों मांग रहे है ??? फिर तो यह योजना आसानी से कामयाब हो
जानी चाहिए थी लेकिन न हो सकी क्योकि यह मोदी की मूर्खतापूर्ण योजना था
इसके अलावा मोदी ने यह योजना यु पी पंजाब के
चुनाव को देखते हुए लागू की मोदी का मानना था की सपा और बसपा चुनाव में पैसे खर्च
करके यानी काला धन लगा कर चुनाव जीतते है तो मोदी महाशय जी ने यह अक्ल क्यों नहीं
लगाईं की भाजपा के पास तो सबसे जयादा पैसा है वो फिर भी इतने सालो से पुरे देश पर
कब्जा नहीं जमा पाई . और अगर पैसे से सब कुछ होता तो कांग्रेस को भी कोई नहीं हरा
सकता था बी एस पी जैसी पार्टी कैडर बेस्ड पार्टी है अगर इन लोगो को पैसा नहीं भी
मिलेगा तो भी इनका वोट बी एस पी को जाएगा और मुलायम का वोट मुलायम को ही मिलेगा .
खैर अब मोदी ने अपने दोनों तरफ खाई खोद ली है
जिसमे इसका गिरना निश्चित है