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Saturday 26 March 2016

संसद सदस्यों में दलित डौगी भी शामिल है ,इसलिए नहीं मिल रहा रोहित वेमुला को न्याय

 जन उदय : वो कैसे लोग होंगे जो अपने भाइओ को मरवा कर  खुश होते होंगे , ऐसी कितनी  माँ  होंगी जो अपने बेटी की बलि चड़ा कर  खुश हो कर नाचती  होगी , ऐसी  कितनी बहने होंगी जो अपने भाइओ का गला कटते  देख ख़ुशी से चहक  जाती  होंगी .

आप सब कहेंगे की क्या बकवास कर रहा है बे , तेरे दिमाग का संतुलन  बिगड़  गया है क्या
जा के   पागल खाने में जा कर अपना इलाज करवा ले ,  और ज्यादा ही पागल है तो इसको गोली मार  दो क्योकि पागल कुत्ते  का सिर्फ एक ही इलाज होता है उसको गोली मार देना
लेकिन ये सच है खासकर दलितों के मामले में ये एकदम सही है , देश में कितने दलित हर साल मारे जाते है न जाने कितनी दलितों की  बस्तिया  जलाई जाती है , कितनी ही दलित लडकियो के बलात्कार होते है


लेकिन इनके लिए न तो कोई कानून आता है रक्षा करने  और न ही कोई समाज , आता है  हाँ इनके रहनुमा दलित  इनके नाम से अपना धंधा जरूर चलाते है .
देश की संसद में चलो आरक्षण से ही सही , बाबा साहेब के वरदान से इतने दलित सांसद बन कर आ जाते है  लेकिन बावजूद इनके  दलितों का कत्ले आम , बलात्कार , हत्या लगातार चलती है    और ये देखते रहते है , तो ये वही लोग हो गए न अपने बच्चो की मौत का जश्न  मनाने वाले ??

अगर एक बार ये सारे सांसद , विधयाक  एक साथ मिल कर  अपनी पार्टी लाइन  से अलग आ कर सारे अपने दलित भाइओ के अधिकारों के लिए मैदान में कूद जाए   तो  किसकी मजाल जो दलितों पर जुल्म कर दे या उनका हक उनसे छीन  ले . पूरी संसद ही जाएगी अगर एक बार सारे सांसद आ जाए

लेकिन नहीं इन्होने वह भी धंधा  बनाया हुआ है  दलित सांसदों का एक दल बनाया हुआ है  , वो किस लिए है  किसी  को नहीं पता ??

हाँ ये सारे के सारे सांसद उस वक्त अपने ही लोगो के खिलाफ जरूर भोंकने लग जाते है जब इनकी पार्टी इन्हें कहती है , कुल मिला कर इनका अपना कोई वजूद नहीं  ये सिर्फ कुत्ते है जो अपने मालिक के कहने पर भोंकते है , आज रोहित को  न्याय नहीं मिल  रहा है   इसके जिम्मेदार दलित कुत्ते  ही है