भारत में विरोध
और अमरीका में आरक्षण की मांग :: अमरीकी सुप्रीम कोर्ट का आदेश नस्लीय और रंग भेद
के आधार पर मिले २५ % आरक्षण : इसमें भारतीय भी शामिल
भारत में विरोध और अमरीका में आरक्षण की मांगअक्सर
आरक्षण पर हो रही बहस में ये कहा जाता है कि आरक्षण के कारण देश तरक़्क़ी नहीं कर
पाया । पहले तो यह कहना ही ग़लत है की देश ने तरक़्क़ी नहीं की । ऐटम बम से लेकर
मार्स मिशन बिना तरक़्क़ी के नहीं हुए ।
आज आपको में यह
भी बताना चाहता हूँ कि ज़्यादातर लोगों को यह जानकारी नहीं है कि अमेरीका जैसे देश
में भी रंग भेद और नस्लीय भेद के कारण Ethnic Blacks
और अन्य लोगो को भेदभाव
से बचाने के लिए अमेरीका के कोर्ट के आदेश के अनुपालन में पदोन्नतियों में आरक्षण
देय है ।
अमेरिका में जब
यह देखा गया की काले लोगों को रंगभेंद के कारण पदोन्नतियाँ प्रदान नहीं की जाती
हैं तो अमेरिका की कोर्ट ने United States Vs Phillip Paradise Case में निर्णय सुनाया कि काले लोगों को
पदोन्नतियों में आबादी के अनुपात में 25 % आरक्षण प्रदान किया जाय । इतना ही नहीं, आदेश में यह भी कहा गया की बैक्लॉग पूरा होने तक 50% आरक्षण प्रदान किया जाय ।
इस आदेश को
अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी उचित ठहराया गया । यहाँ यह समझने वाली बात
है की जहाँ भी सामाजिक भेदभाव है वहाँ सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व तथा विकास बिना
आरक्षण के सम्भव नहीं है चाहे वो अमेरिका ही क्यों ना हो ।
कोई भी देश तभी
तरक़्क़ी कर सकता है जब उसके समाज के सभी वर्ग सम्मिलित हो ।
आरक्षण को विकास
में बाधक बताने वालों का मुँह बंद करने के लिए अमेरीका के इस उदाहरण का व्यापक
प्रचार किया जाना आवश्यक है । जो लोग इस तथ्य को झूँठ समझें वो नीचे दिए लिंक