जन उदय : भारत में आय दिन
अक्सर बम्ब धमाके होते रहते है , जिनकी जांच पड़ताल में भारत की जांच एजेंसिया काफी
व्यस्त रहित है इन्ही बातो को लेकरआये दिन
आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है ,
इसी बहाने देश के लोगो में देशभक्ति भी जागती रहती है . थोड़े दिन तक यह ड्रामा चलता
है फिर ख़ामोशी छा जाती है .
लेकिन सभी लोग ध्यान से
सोचे तो आपको एक बात बड़ी समान्य रूप से
मिलेगी की इस तरह के धमाके , गोली बारी
आतंकवादी हमले कुछ ख़ास समय पर होते है ,
जब की पाक्सितान में सरकार वहा की जनता का ध्यान कुछ मुद्दों से हटाना चाहती
है और भारत मे भी ऐसा ही वक्त होता
है
जब देश के लोगो का ध्यान दूसरी तरफ
खींचना चाहती है यानी अगर हम भारत में
देखा जाए तो इस वक्त चुनाव से भी जयादा बड़ा मुद्दा रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या का है , जिस
पर से सरकार ध्यान हटाना चाहती है .
हैदराबाद
यूनिवर्सिटी में पुलिस द्वारा छात्रो की पिटाई उनको बिना
किसी जुर्म के अंदर जेल में ठूंस देना , इन मुद्दों ने पूरी ध्यान खींचा हुआ है लेकिन सरकार हटाना चाहती है
यह बात सनद रहे
की जिस प्रकार मीडिया चिल्ला रहा है की यह शक्स जो पाकिस्तान में पकड़ा गया है जिसका नाम कुल्भुष्ण यादव है वह रॉ का
एजेंट नहीं है बल्कि पाकिस्तान भारत पर झूठा इल्जाम लगा रहा है . तो यह बात समझ लेनी चाहिए की भारत का मीडिया दरसल मीडिया नहीं एक भाड़े का
कुत्ता है , पैसा लेकर भोंकता है
मेरी निजी टूर पर कई फौजी अफसरों से बात हुई है और वे ये मानते है की
पहले भारत के सैनिक या एजेंट पाकिस्तान जा कर
इस तरह की वारदातों को अंजाम देती थी ताकि दुसरा देश उन्ही मामलो में उलझा
रहे , हलांकि बीच में ये सब बंद हो गया
था लेकिन फौजी इसके हक में थे ,
इसके अलावा ये बात भी ध्यान
रखनी चाहिए की इस तरह की वारदाते विदेश
निति का एक हिस्सा होती है जिसको खुल्ले टूर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता लेकिन
होती है एशिया में यानी भारत पाकिस्तान ,
अफगानिस्तान या दुसरो देशो में ये स जानते है की आतंकवादी अमरीका की देन
है और उसी के पैसे से ये आतंकवादी संघठन
चलते है लेकिन कोई भी इस बात को साबित नहीं कर सकता
ठीक इसी तरह अब भारत ने भी
दुबारा से इस तरह की घटनाओं को अपनी विदेश निति में शामिल कर लिया हो ऐसा सम्भव है इसलिए इसमें
हैरानी की कोई बात नही , फिर भी इस
बात को स्वीकार नहीं किया जाएगा और ये भी
हो सकता है की पाकिस्तान कोरी बकवास कर रहा हो