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Saturday 6 May 2017

सहारनपुर में आर्य सवर्ण आतंकवादियो ने मूलनिवासियो के घर जलाए : सवर्ण प्रशासन ने दिया सवर्णों का साथ !

जन उदय :  ऐसे  वैसे कैसे  हो गए  , और कैसे कैसे , कैसे हो गए  अगर कोई इस कहावत  को समझना चाहता है तो उसे मानव सभ्यता के इतिहास और समाजिक परिवर्तन को बड़ी  बारीकी से समझना होगा की कैसे महलो में र्सहने वाले इस देश के मालिक मूलनिवासी  आज अपने ही देश में गुलाम हो गए है और कैसे  उन पर विदेशी  आक्रमणकारी  आर्य शासन कर रहे है .

एक वक्त था जब आर्य  इस देश में आये  तो रोटी  पानी के बदले इस देश में शरण  के बदले  उन्होंने कैसे  अपने साथ  लाये घोड़े और अपनी लडकिया   यहाँ के राजाओं  को गिफ्ट दिए और यही रहने  की गुहार की  जिसको  यहाँ के राजाओं  ने मान लिया  मूलनिवासी  और आर्य  लडकियो  की संताने  ही  आज  भी  इंडो-आर्यन प्रजाति  कहलाती  है लेकिन आर्यों ने अपनी धूर्तता  दिखानी शुरू  कर दी और १८०  ईसा  पूर्व  व्रह्द्स्थ जो की सम्राट अशोक  का पोता  था  उसे उसके  ही ब्राह्मण सेनापति पुश्मित्र  शुंग ने धोखे  से मार   दिया और इसके बाद बौध  लोगो  की हत्याए  करना शुरू कर  दिया  बौध लोगो का ये नरसंहार  भारत के इतिहास का सबसे बड़ा नरसंहार है . इसके बाद यहाँ के मूलनिवासी  गुलाम होते  चले गए और इनकी गुलामी को एक सांस्कृतिक  रूप  दे दिया गया  और मूलनिवासियो को वर्ण वाव्य्स्था के अधीन  ला दिया , वर्ण  यानी  रंग , यानी गोरे आर्य  और काले  मूलनिवासी  आर्य मतलब ब्राह्मण  बनिया  ठाकुर  इन्होने अपनी जोड़ी  बना ली और सदीओ   से अब तक  ये भगवान्  , अन्ध्विशाव्स   और मूलनिवासियो  की   अज्ञानता के सहारे  जीते  आ रहे है

आजादी के बाद भी  और आज तक भी  देश में रोज  हजारो  केस दलित उत्पीडन  के आते है लेकिन चूँकि  मूलनिवासी  अनपढ़  रहे इसलिए  सत्ता में नहीं आ पाए  , उच्च  पदों  पर नहीं आ पाए  सेना , पुलिस , प्रशासन  हर जगह इन आर्यों  का बोलबोला  है   और अगर कुछ  मूलनिवासी  आरक्षण  के  दम  से  अच्छी  नौकरी में आ भी गए तो उनको ऐसी  जगह सवर्ण  नहीं रहने देते की वो कुछ अपने समाज के लिए कर सके  और कुछ करते भी नहीं


अभी दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में सवर्णों  ने दलितों  के बीस से जयादा घर जला दिए  और एक व्यक्ति  की हत्या कर दी  जिसका कर्ण सिर्फ इतना था की   सवर्ण यानी ठाकुर  बनिए , ब्राह्मणों के साथ  मिलकर दलितों  की बस्ती में डी  जे  बजा रहे थे  और गुंदगर्दी  कर रहे थे ,  दलित यानी  मूलनिवासियो  ने जब इसका विरोध किया तो सवर्णों  ने उनके घर जला दिए  और  आतंकी  हमला बोल दिया जिसमे एक व्यक्ति  की मौत  भी हो गई . 


स्थानीय  निवासी का कहना है की  ये सब पुलिस  की मौजदगी में हुआ  और उन्होंने  सवर्णों  का ही साथ  दिया , जिले  का डी  एम् जो  खुद सवर्ण  है नरेंदर  सिंह  ने  भी अभी तक सही ढंग  से कार्यवाही  नहीं की है हालांकि  मीडिया के सामने ये कह रहे है की कार्यवाही करेंगे  , कमाल  की  बात है सब कुछ सामने है तो फिर  कार्यवाही  क्यों  नहीं ?? , कारण साफ़ है जब से पुरे देश में भाजपा / संघ  की सरकार आई है तब से देश जगह  जगह  हिन्दू- मुस्लिम दंगे , गो-आतंकियो  के मूलनिवासियो  पर हमले , और मूलनिवासी  छात्रो  के दमन  हो रहे है .  उत्तर प्रदेश में  जब से  योगी  की  सरकार बनी यह  यह सब  अभूत बढ़ता  जा रहा है  कुल मिला कर पुरे देश में अशांति  फैली  हुई है  , ऐसे  लगता है देश में जल्द ही गृह युद्ध  होगा