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Friday 19 May 2017

1918 में पहली बार इस्तेमाल हुआ हिन्दू धर्म शब्द , ब्राह्मण नहीं इस देश का निवासी

तुलसीदास ने रामचरित मानस मुगलकाल में लिखी , पर मुगलों की बुराई मे एक भी चौपाई नही लिखी ?
क्यों ?

क्या उस समय हिंदू मुसलमान का मामला नहीं था ? हां उस समय हिंदू मुसलमान का मामला नहीं था
क्योंकि उस समय हिंदू नाम का कोई धर्म ही नहीं था

तो फिर उस समय कौनसा धर्म था ?

उस समय ब्राह्मण धर्म था और ब्राह्मण मुगलो के साथ मिलजुल कर  यहाँ तक कि आपस में रिश्तेदार बनकर भारत पर राज कर रहे थे उस समय वर्ण व्यवस्था थी , वर्ण व्यवस्था में शुद्र अधिकार वंचित था कार्य सिर्फ सेवा करना था मतलब सिधे शब्दों में गुलाम था


तो फिर हिंदू नाम का धर्म कब से आया ?

ब्राह्मण धर्म का नया नाम हिंदू तब आया जब वयस्क मताधिकार का मामला आया , जब इंग्लैंड में वयस्क मताधिकार का कानून लागू हुआ और  इसको  भारत में  भी लागू  करने की बात हुई ,
इसी पर  तिलक  ने बोला  “ क्या ये तेली  तम्बोली   संसद में जा कर तेल बेचेगा  क्या ??  इसलिए स्वराज  इनका   नहीं  मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है , हिन्दू शब्द का प्रयोग  पहली  बार १९१८  में इस्तेमाल किया गया

तो ब्राह्मण धर्म खतरे में पड गया क्यों ?

क्योंकि भारत में उस समय अँगरेजों का राज था वहाँ वयस्क मताधिकार लागू हुआ तो फिर भारत में तो होना ही था

ब्राह्मण 3.5% है
अल्पसंख्यक है
राज कैसे करेगा ?

ब्राह्मण धर्म के सारे ग्रन्थ शुद्रों के विरोध में मतलब  हक अधिकार छिन ने के लिए शुद्रों कि मानसिकता बनाने के लिए षड्यंत्र के रूप में आज का ओबीसी ही ब्राह्मण धर्म का शुद्र है
SC (अनुसूचित जाति)) के लोगों को तो अछुत घोषित कर वर्ण व्यवस्था से बाहर रखा क्योंकि उन्होंने ही युरेशियन आर्यों से सबसे ज्यादा संघर्ष किया ,
ST (अनुसूचित जनजाति)के लोग तो जंगलों में थे उनसे ब्राह्मण धर्म को क्या खतरा उनको तो युरेशियन आर्यों के सिंधु घाटी सभ्यता  से संघर्ष के समय से ही वन में जाने रहने को मजबूर कर दिया उनको  वनवासी कह दिया
इसलिए ब्राह्मणों ने षड्यंत्र से हिंदू शब्द का इस्तेमाल किया जिससे सबको समानता का अहसास हो
परन्तू ब्राह्मणों ने समाज में व्यवस्था ब्राह्मण धर्म कि ही रखी उसमें जातियां रखी जातियां ब्राह्मण धर्म का प्राण तत्व है इसके बिना ब्राह्मण का वर्चस्व खत्म है
इसलिए  उस समय हिंदू मुसलमान कि समस्या नहीं थी ब्राह्मण धर्म को जिंदा रखने के लिए वर्ण व्यवस्था थी
उसमें शुद्रों को गुलाम रखना था
इसलिए
तुलसीदास जी ने मुसलमानों केविरोध में नहीं शुद्रों के विरोध में गुलाम बनाए रखने के लिए लिखा

ढोल गवार शुद्र पशु नारी
सकल ताडन के अधिकारी
अब जब मुगल चले गये देश में SC/ST/  OBC के लोग ब्राह्मण धर्म के विरोध में ब्राह्मण धर्म के अन्याय अत्याचार से दुखी होकर इस्लाम अपना लिया तो ब्राह्मण  अगर मुसलमानों के विरोध में जाकर षड्यंत्र नहीं करेगा तो   SC/ST/OBC  के लोगों को प्रतिक्रिया से हिंदू बना कर
बहुसंख्यक लोगों का हिंदू के नाम पर ध्रूवीकरण करके अल्पसंख्यक ब्राह्मण बहुसंख्यक बनकर राज कैसे करेगा
इसलिए आज हिंदू मुसलमान कि समस्या देश में खडी कि गई तथा कथित हिंदू(  SC ST OBC) मुसलमान लडे तथाकथित हिंदू (SC ST OBC )मरे या मुस्लिम दोनों तरफ मूलनिवासी का मरना तय है
क्या कभी सुना है की किसी दंगे में  कोई ब्राह्मण मरा है जहर घोलनें वाले कभी जहर नहीं पिते हैं


इसलिए, युरेशियन सेफ का सेफ कोई दर्द नहीं कोई फर्क नहीं आराम से टीवी में डिबेट को तैयार