जन उदय : जब से भाजपा सरकार
आई है तब से शिक्षा के स्तर मर लगातार गिरावट आ रही है
हालांकि ऐसा नहीं है की इससे पहले भारत का दुनिया में कोई नाम हो गया
था या है
भारत में शिक्षा का स्तर
पहले से ही गिरा हुआ है , और भाजपा ने आकर इसको और गिरा दिया है
भाजपा ने आते के साथ ही
प्राइवेट शिक्षा को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है और सरकारी संन्स्थानो को बंद करना शुरू कर दिया
है , सिर्फ ओड़िसा में ही आदिवासी इलाको के तीन हजार से जयादा स्कूल बंद कर दिए गए
है , आई आई टी में फी बढ़ा दी गई है और
सबसे बड़ी बात की उच्च शिक्षा में एम् फिल और पी एच डी में नॉन नेट फेलोशिप बंद कर देने का प्रवाधान
है
बी जे पी एक समर्थक श्री श्री रवि शंकर मानते ही है
की सरकारी स्कूलों से पढ़ कर बच्चे नक्सली बनते है , लेकिन श्री श्री रवि शंकर जी
को ये मालूम नहीं है की इस देश में सारे के सारे नौकरशाहो से लेकर बड़े बड़े
व्यापारी , मंत्री सभी सरकारी स्कूलों से
आते है , देश के सारे विज्ञानिक आई आई टी जैसी संस्थाओं से आते है जो की पूर्ण रूप से सरकारी है अगर ऐसी संस्थाओं को बंद कर दिया जाएगा तो देश कैसे आगे बढेगा
ये बड़ी अजीब बात है कई की
शिक्षा के हर कार्यकर्म में प्रधान मंत्री ,. राष्ट्रपति , सभी लोग शिक्षा
के विकास की बात करते है लेकिन जब शिक्षा को बढाने की बात आती है तो तो सब पीठ दिखा
देते है
इस साल यु जी सी का बजट
५५ % कम कर दिया गया है जिसके
कारण दूर दराज ,म गरीब किसानो के बच्चे
जिनके पास सिर्फ फेलोशोप का सहारा होता है वो कैसे पढेंगे ?? ये कोई नहीं जानता
कुल मिला आकर कह सकते है की
भजापा शिक्षा को न सिर्फ अमीरों तक सिमित रखना चाहती है बल्कि गरीबो को इससे दूर
भी रखना चाहती है