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Thursday 10 March 2016

धर्म और संस्कृति श्री श्री रवि शंकर जैसी जमात के धंधे है सदीओ पुराने

                धर्म  और संस्कृति  इनके धंधे है सदीओ पुराने

 जब कुछ भी निश्चित नहीं होता  और इंसान के हाथो से हालात निकल जाते है , ठीक उसी वक्त भगवान की या एक ऐसी अद्रश्य शक्ति का जन्म हो जता है जिसे लोग भगवान्  कहते है , अलग अलग भाषाओं में इसके अलग अलग नाम  दिए गए है .
इंसान का डर  किसी दुसरे व्यक्ति के लिए वरदान का काम करता है वहो धूर्त आदमी इस भगवान् के नाम से लोगो को डराता  है , धमकाता है और अपना  उल्लू सीधा करता है  वरना  किसने भगवान् को  देखा कौन स्वर्ग नर्क देख कर आया  और किसके द्वाराए भगवान् आये  ये कोई भी व्यक्ति प्रमाणित नहीं कर सकता .
सदिया बदली युग बदले ,  तरह तरह के नए ने धर्म के ठेकेदार पैदा हुए , नए नए संदेश और सिद्धांत उन लोगो ने लोगो को सुनाये  लेकिन  कोई भी व्यक्ति भगावन को सामने ले कर नहीं आया


दरअसल एक ख़ास  बात और ये की इन धूर्त ,मक्कार भगवान् के दूतो  ने मानव मनोविज्ञान  का , जिज्ञासाओं का जम कर अध्यन किया  और उसी के हिसाब से भगवान् रच डाले ,   धरती का घूमना  दिन के बाद रात का होना  और फिर दिन निकल जाना आम  लोगो के लिए भगवान् का चमत्कार हो गया , गर्मी ,  वर्षा , तूफ़ान ये सब भगवान् बना कर पेश कर दिए  गए

भारत में  ये काम तो हुआ ही लेकिन इसके साथ भगवान् एक जमात की बपोती के रूप में उभरा  और  भगवान्  के ठेकेदार  ये लोग ही रहे , इसी भगवान् की आड़ में इन लोगो ने जितने 
अमानवीय कार्य किये  जो इंसानियत को शर्मसार कर दे  , अगर कोई ऐसे समाज से व्यक्ति हो जिसे भारत के तथाकथित  हिन्दू धर्म के बारे में न मालूम हो जिसे ब्राह्मणों ने तय्यार किया  तो उसके  हैरान होने की डिग्री बहुत जयादा होगी , ये भगवान् के दूत  लोगो ने इंसान को इंसानियत नहीं समझा  , एक  कमाल की बात यह है ये लोग इस ज्ञान विज्ञान के दौर में भी भगवान् के नाम पर अंधविश्वास फैलाते है और इन्होने  जाति के आधार पर इंसान के इंसान होने की उसके अंदर क्षमता होने की डिग्री को निर्धारित किया हुआ है  ये मानते है की ये भगवान् के दूत है  और सबसे जयादा योग्यता इन्ही लोगो में है  


आज भी ये लोग धर्म के नाम पर संस्कृति के नाम पर पुरे देश को देश के सविंधान  को कानून को हर व्यक्ति को मुर्ख बनाए हुए  रवि शंकर  जो  वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल मना रहे है इस बात का सबसे बड़ा उधाहरण है