श्री श्री रवि शंकर ने विश्व संस्कृति महोतसव
में राजनाथ की मोजुदगी में लगाया पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा , सारे अखबार ,
मीडिया जो की बहुत बड़े देशभक्त है , ज्ञानी
है है पुरोहित है , महान है
सब या तो चुप है या इसकी चर्चा बोधिक स्तर पर कर रहे है , भारत पाक
रिश्ते की कर रहे है , इंसानियत की कर रहे है , देश में एक अच्छा राजनैतिक
माहोल बन रहा है ये बात भोली भाली
जनता को समझाने की कोशिस कर रहे है , इन
मीडिया के संघी गुर्गो को लगता है की जनता तो बेवकूफ है क्योकि जो संघी जैसे लोगो के हाथो में सत्ता दे सकती है वह जनता तो
निरी मुर्ख ही होगी
खैर थोडा बौधिक
हो कर सोचते है और यह सोचते है की पाकिस्तान जिंदाबाद क्यों न हो ?? रहे वो भी रहे , जिंदाबाद रहे , खुशहाल रहे ,
बंगलादेश भी रही रहे है तभी सही मायने में विश्व संस्कृति फले फूलेगी , यही मायने
में यही मानवता है इंसानियत है ,
लेकिन सवाल यह है की जब यही नारे कश्मीर में लगते है तो वहा की जनता
का स्वागत गोलिओ से होता है अगर यु पी में
लग जाए , जे एन यु में लग जाए तो सारे के सारे संघी बुद्धिजीवी कुत्ते के तरह
एक कतार में लग कर उसके उपर भोंकते रहे है , उसो देशद्रोही बताने
लगते है उनके उपर देशद्रोह के आरोप लगते है , जे एन यु के छात्र कन्हिया
एंड कम्पनी के उपर इसी वजह से देशद्रोह का आरोप लगा है , तो इस बात से क्या मतलब निकाले जाए ??? जनता
खुद ही सोचे
दरअसल संघ एक दोमुहा जहरीला नाग है ये जो कहते है करते है बस वाही सची है और सही है लेकिन दुसरा जब करने
लग जाए तो वह गलत है देशद्रोही है , विश्व संस्कृति महोत्सव दरअसल एक बहाना है ब्राह्मणवाद को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए कमाल की बात है है की ये लोग इस
ब्राह्मणवाद को बढ़ावा भारतीय संस्कृति के बधावे के नाम पर देते है , रवि शंकर संघ का एक गुर्गा है और संघियो के लिए काम
करता है विश्व संस्कृति के नाम पर इसने जय श्री राम का नारा लगवाया ये भी एक बहुत बढ़ा अपराध है