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Thursday 19 May 2016

गजनी के बाजारों में जिनकी इज्जत नीलाम होती थी और पहले तलवे चाटते थे ब्राह्मण ,क्षत्रिय मुसलमानों के ,..शादी करते थे अपनी बेटियो की ,अब हजारो साल बाद उनकी गैर मौजूदगी में दिखा रहे है अपनी बहादुरी स्थानों के नाम बदल कर

,जन उदय :   जनसत्ता  अखबार की खबर के अनुसार   “ केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की ओर से अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप रोड करने की मांग के बाद इतिहास को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। वीके सिंह से पहले भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और फिर बुधवार को शायना एनसी ने भी इस मांग को दोहराया। शायना एनसी ने तो अकबर की तुलना हिटलर की कर दी और इजरायल का उदाहरण भी दे दिया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ”कोई देश हमारी तरह अत्याचारी शासकों का सम्मान नहीं करता।


पिछले साल दिल्ली में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया था। उस समय भाजपा सांसद महेश गिरी ने यह मांग रखी थी। जिसे तुरंत मान लिया गया था। कहा गया था कि औरंगजेब क्रूर शासक था और उसके बजाय कलाम पर सड़क का नाम रखना उचित है। लेकिन मुगल जो भारतीय इतिहास का अभिन् हिस्सा बन चुके हैं। उनकी बनाई कई ऐतिहासिक इमारतें उनके योगदान को दर्शाती है। इसके अलावा पूरे देश में मुगल शासकों के नाम से कई शहर और गांव बसे हुए हैं। “”


  कमाल की बात है आज संघी   डरपोक ,बुजदिल ,  बड़े आक्रामक हो कर सडको का स्थानों  का नाम बदलने की बात कर रहे है , अगर इतिहास देखा जाए तो  तो ये ही वो लोग है जो मुस्लिम राजाओं से अपनी जान बचाने के लिए उनके दरबारों में रोटी  के लिए  नौकरी  करते थे , 

आज उनकी गैर मौजूदगी में उनके द्वारा  रखे गए गाव और शहरो के नाम बदलने की बात कर
 रहे है

आज भी ये वही लोग है जिनके सर  जब मर्जी चाहे पाकिस्तान काट  कर ले जाता  है   जब मर्जी मुंबई  और पठानकोट  जैसी  घटनाए होती रहती है , उसके बदले में ये लोग दलितों की मदद से  हिन्दू मुस्लिम करते है और राज्य के सैनिक बल के दम पर उन  मुस्लिम को मारते है 


जो मूल रूप से भारतीय ही है  क्योकि ये मुसलमान  सामाजिक भेदभाव की वजह से ही मुसलमान  बने थे , ये संघी  यह भी जानते है की अगर ये मुसलमान भी भारत के मूलनिवासियो से मिल जाएंगे तो उस दिन ये खत्म हो जाएंगे इसलिए ये ब्राह्मण हिन्दू नाम का कवच पहन  लड़ते  है