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Saturday 23 April 2016

आईसीस है दुनिया का सबसे अमीर आतंकवादी दल ,आर एस एस भी देता है मदद


जन उदय : पुरे एशिया को ही नहीं दुनिया को दहलाने वाले आईसीस कैसे अचानक इतना खतरनाक और दुनिया में फ़ैल गया इसका अनुमान लगाना सबके लिए तना मुश्किल हो गया था की ये समझ ही नहीं आ रहा था

लेकिन जैसे जाहिर है हर आतंकवादी दस्ते जो किसी न किसी विचारधारा पर चलते है  और उनको चलाने के लिए पैसा जरूरी होता है इसलिए या जानना भी जरूरी होता है
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा  है की आईसीस  हर साल दुनिया में एक  बिलियन डॉलर की हेरोइन बेच कर कमाता है जो इसे अफगानिस्तान से मिलती है अमरीका का ऐसा अनुमान भी है की आईसीस को फंडिंग  कतर से मिलती है लेकिन इसके सबूत नहीं मिलते है

लेकिन सारी विवेचना  करने के बाद यह मालूम होता है की  आईसीस को भी अमरीका की तरफ से ही फंडिंग आती है , जो अपरोक्ष रूपसे इस्राइल से अता है सवाल यह है की अमरीका एशिया में आत्नक्व्वाद फैलाने के लिए  इतना पैसा क्यों खर्च करता है ?? सीधा सा जवाब है की अमरीका नहीं चाहता की इस इलाके में कभी शान्ति रहे क्योकि इस क्षेत्र के तेल पर वह अपना कब्जा करना चाहता है , अमरीका की इस कार्यवाही से परेशान मुस्लिम इस बात को फैलाने की कोश्सी करते है की अमरीका मुस्लामनाओ का दुश्मन है , जब ऐसा नहीं है अमरीका तेलक्षेत्र पर अपना कब्जा चाहता है बस और कुछ नहीं

इस तरह के आतंकवाद को अमरीका सीधा सीधा फंडिंग नहीं देता बल्कि यहुदियो के काफी ग्रुप है जो मुस्लिम समुदाय में घुल मल कर रहते है और म्सुलिम युवाओं को  हमेशा अमरीका के खिलाफ भडकाते है और इस्लाम की रक्षा के लिए उकसाते है , जब ऐसा दल बन जाता है तो यहूदी एजेंसी पैसा हथियार उपलब्ध करवा देती है और शुरू हो जता है आतंक का खेल

ऐसा भी कहा  जाता है की इस खेल में आर एस एस भी शामिल है , आर एस एस की अमरीका में काम कर  कर रही ब्रांच जिनके पास अरबो रूपये का फण्ड है और ये लोग यहुदियो के साथ मिल कर काम करते है , ये लोग भी आईसीस को पैसा पहुचा रहे है
अब सवाल यह है की आर एस एस जो एक हिन्दू संघठन है वह अपने दुश्मन मुस्लिम को क्यों  मदद देगा ,

दरसल यही भ्रम है की आर एस एस एक हिन्दू संघठन है , दरसल आर एस एस हिन्दू नहीं बल्कि  ब्राह्मण संघठन है और इसकी मंशा भारत और इसके आस पास के  क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता है और वह भी सिर्फ ब्राह्मणों का  अगर इस क्षेत्र में मुस्लिम समृद्ध और शकिशाली रहेंगे तो ब्राह्मणों के लिए बहुत  परेशानी  रहेगी , यानी इतिहास में भी ये लोग मुस्लिम के चमचे रहे और वर्तमान में भी मुस्लिम पर आश्रित और डर कर रहना पड़ेगा  सो यह प्लान अच्छा है की पाकिस्तान  अफगानिस्तान , इरान ईराक , कतर, कुवैत अस्त व्यस्त रहे अशांत रहे और आपस में ही लड़ मर खत्म हो जाए ,

आर एस एस की  इसी तरह की पालिसी भारत में है जो मुस्लिम और दलित के खिलाफ है यानी इनको पढने नहीं देना , अशांत रखना  ताकि ये सिर्फ जानवर बने रह जाए न की अपने अधिकारों के बारे में जागरूक नागरिक और इनका शाशन हमेशा चलता  रहे .

 इसमें ख़ास बात यह है की आर एस एस ब्राह्मणों का सन्घठन है और कहा जाता है की इसमें सिर्फ भाजपा के लोग शामिल है   यह बात गलत है , आर एस एस के साथ  कांग्रेस , वामपंथी और अन्य सभी ब्राह्मण साथ है  ये तरह तरह के दल सिर्फ लोगो को गुमराह करने के लिए है , ब्राह्मण जहा भी है वह पक्का संघी है  हाँ यह बात जरूर है की अन्य ब्राह्मण लोगो का कार्य करने का स्टाइल अलग है