Apni Dukan

Monday 11 April 2016

ऐसा ही सुखा पड़े हर साल “ मंदिरों में ये प्राथना करते है सवर्ण टैंकर माफिया , १७५ करोड़ से जयादा का है धंधा सरकारी मुफ्त पानी मिलता है स्वर्ण बाहुल्य इलाको में


जन उदय :  क्या  कोई अपने जेब में आने वाले सौ दो सो करोड़ गवाना  चाहता है ??  कोई भी  नहीं दरअसल महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश में टैंकर माफिया का धंधा लगभग १७५ करोड़  का है

 ऐसा नहीं है की इन राज्यों में सूखे की समस्या से निपटा  नहीं जा सकता ऐसा बड़ा आसानी से हो सकता है , क्योकि अगर जिस आसानी से टैंकर माफिया आपको पानी उपलब्ध करा सकता है उसी तरह से सरकार ऐसा क्यों नहीं कर पाती ,

सरकार ऐसा नहीं करेगी  क्योकि सरकार मेलागे अफसर , नेता , और वो सवर्ण लोग जो ये धंधा चलाते है एक साथ है इसलिए इन माफिया परकोई कार्यवाही नहीं होती
हमारे सवांददाता ने वर्धा , नागपुर , लातूर , आदि जगह का सर्वे करने के बाद यह पता लगाया की टैंकर माफिया तो हर साल भगवान् से मन्नत मानता है की अगर इस बार सुखा अच्छा पड़ा  तो वह भगवान् को कोई गिफ्ट देगा . माफिया का धंधा स्र्कारिअफ़्स्र और नेताओं की मदद से ही चलता है क्योकि   जब माफिया ३५० रूपये का टैंकर १७५०  से लेकर २२००  रूपये तक बिकता है

कहने को तो सरकार यहाँ मुफ्त  पानी बाँट रही है लेकिन इसके भी कुछ पहलु दिल को बड़े  दुखाने वाले है  सरकार उन इलाको में मुफ्त पानी बाँट  रही है जहा  पर सवर्ण ज्यादा संख्या में है  और दलित कही से आकर इनका पानी लूट न ले जाए इसलिए इन इलाको में धारा १४४ और सेना तैनात है

महारष्ट्र में बाड  जैसे  हालात काफी  समय से रहते है  लेकिन सरकारे  विकास का सब पैसा खा गई  इसमें ख़ास बात यह है की सरकारी अफसर , नेता सभी सवर्ण  रहे है और उन लोगो ने जानबूझ कर इन इलाको की समस्यों को खत्म नहीं होने दिया

आज के हालात ऐसे है की सरकार ने पानी की समस्या से निपटने के लिए एक हेल्पलाइन  आदि बनाया हुआ है लेकिन उस पर शिकायत करो तो कोई फायदा नहीं
कुल मिला कर ऐसा लगता है की सरकार अफसर हमेशा से चाहते  है की सुखा पड़े ताकि इनकी भी लाखो को आमदनी हो


इन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता इसमें कितने लोग बेघर होते है कितने मरते है क्योकि अब तक हजारो जानवर और हजारो लोग बेघर हो चुके है , लेकिन इनका धंधा  है